Lucknow : बुलंदशहर के समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष और प्रदेश सचिव दिनेश सिंह गुर्जर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने उसके नोएडा के जेपी ग्रीन सोसाइटी स्थित आवास से गिरफ्तार किया है. प्रदेश सचिव पर आरोप है कि बाइक बोट घोटाले के मामले में एक आरोपी से ईडी में दर्ज केस को रफा-दफा कराने के बदले में वसूली कर रहे थे. ईडी ने उनके ठिकानों पर छापा मारकर कई अहम सुबूत भी जुटाए हैं.
बाइक बोट घोटाले की जांच राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय द्वारा की जा रही है. ईडी के अधिकारियों को शिकायत मिली थी कि नोएडा में दिनेश कुमार सिंह उर्फ दिनेश सिंह गुज्जर बाइक बोट घोटाले की जांच खत्म कराने के लिए आरोपियों से उगाही कर रहे हैं. वह खुद को ईडी के कई अफसरों का करीबी बताते हैं. वह ईडी द्वारा जब्त की गई उनकी संपत्तियों को भी मुक्त कराने का आश्वासन दे रहे थे. इस पर ईडी ने उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करते हुए सभी ठिकानों पर छापेमारी की है. इस दौरान तमाम आपत्तिजनक सुबूत मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
सपा के प्रदेश सचिव दिनेश गुर्जर काफी लंबे समय से समाजवादी पार्टी की राजनीति कर रहे हैं. वह पूर्व सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सपा नेता शिवपाल सिंह यादव समेत सपा के तमाम दिग्गज नेताओं के काफी करीबी बताए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि चर्चित बाइक बोट घोटाला मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW), यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की थी. जांच एजेंसी के निशाने पर बसपा नेता संजय भाटी थे. जानकारी के अनुसार संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल समेत कंपनी के 5 निदेशक भी राडार पर रहे. जांच में निवेशकों के पैसों से जुटाई गई संपत्तियों का ब्यौरा भी जुटाया गया था. जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू ने बाइक घोटाले से जुड़ी कई जानकारियां ईडी से साझा की है.
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले दिनों हापुड़ से मनोज त्यागी को गिरफ्तार किया था. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मनोज त्यागी पर शिंकजा कसा था. ईडी की टीम ने मेसर्स एफ7 ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व निदेशक मनोज त्यागी के यहां छापेमारी की. ईडी के मुताबिक मनोज त्यागी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था.
मनोज त्यागी की भूमिका ‘बाइक बोट’ मामले में जांच के घेरे में है, जो उसकी प्रमोटर कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड से जुड़ी है. मनोज त्यागी इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक विजेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी सहयोगी है. उसे करोड़ों रुपये के वित्तीय लेनदेन में सुविधा पहुंचाने और मामले से जुड़े भौतिक तथ्यों को छिपाने तथा एजेंसी को गुमराह करने के लिए गिरफ्तार किया गया है.