छत्तीसगढ़ के डिप्टी चीफ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव ने कहा है कि अगर प्रदेश में फिर से कांग्रेस पार्टी की जीत हुई और सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री की दौड़ में भूपेश बघेल सबसे आगे होंगे. साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि विधानसभा में कांग्रेस को एक बार फिर शानदार जनादेश मिलने वाला है. यानी प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनने वाली है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस साल होने वाला छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Chunav 2023) भूपेश बघेल के ‘सामूहिक नेतृत्व’ में लड़ा जायेगा.
चुनाव जीतने के बाद कप्तान क्यों बदला जाना चाहिए?
एक इंटरव्यू में श्री सिंहदेव ने स्पष्ट कहा कि अगर मौजूदा मुख्यमंत्री को नहीं हटाया गया है, तो इसका मतलब स्पष्ट है कि पार्टी को उस व्यक्ति में विश्वास है. उन्होंने आगे कहा कि अगर एक व्यक्ति टीम (पार्टी) को चुनाव जिताने की क्षमता रखता है, तो जीत के बाद ‘कप्तान’ को क्यों बदला जाना चाहिए. उन्होंने भविष्यवाणी की कि 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस को एक बार फिर शानदार जनादेश मिलने की संभावना है. बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में प्रस्तावित है.
वास्तव में कोई कड़वाहट या दुश्मनी नहीं थी. हम दोनों साथ मिलकर काम कर रहे थे. ढाई साल के कार्यकाल के लिए (मुख्यमंत्री पद) साझा करने का मुद्दा था और मुझे लगता है कि यह हमारे साथ-साथ हम दोनों से जुड़े हर किसी पर असर डाल रहा था. अब वह समय गुजर चुका है. यहां तक कि जब उन मामलों पर चर्चा हो रही थी, तब भी हम अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे थे.
टीएस सिंहदेव, उपमुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
60 से 75 सीटें कांग्रेस के जीतने का अनुमान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने कहा कि कुछ लोगों का अनुमान है कि हमारी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में 75 से अधिक सीटें जीतेगी. लेकिन, मेरा अनुमान है कि हमें 60 से लेकर 75 के बीच में सीटें मिलेंगी. वर्ष 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीट पर जीत दर्ज की थी. जब उनसे पूछा गया कि क्या पिछले महीने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद बघेल और उनके (सिंहदेव के) बीच तनाव खत्म हो गया है, तो सिंहदेव ने कहा कि हमारे बीच कोई कड़वाहट नहीं थी.
भूपेश बघेल से कड़वाहट के मुद्दे पर क्या बोले सिंहदेव
टीएस सिंहदेव ने कहा, ‘वास्तव में कोई कड़वाहट या दुश्मनी नहीं थी. हम दोनों साथ मिलकर काम कर रहे थे. ढाई साल के कार्यकाल के लिए (मुख्यमंत्री पद) साझा करने का मुद्दा था और मुझे लगता है कि यह हमारे साथ-साथ हम दोनों से जुड़े हर किसी पर असर डाल रहा था. अब वह समय गुजर चुका है. यहां तक कि जब उन मामलों पर चर्चा हो रही थी, तब भी हम अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे थे.’
हमारे पास ये आधिकारिक प्रोटोकॉल हैं. इसलिए मुख्यमंत्री ने मुझे अपने बाद का स्थान दिया था. वह ‘नंबर एक’ हैं और मैं ‘नंबर 2’ हूं और ताम्रध्वज साहू जी ‘नंबर 3’ हैं. मैं अभी भी एक अतिरिक्त पदनाम के साथ ‘नंबर 2’ हूं. मैं उपमुख्यमंत्री हूं, इसलिए मुझे यकीन है कि अधिकतर लोग इसे पदोन्नति के रूप में देख रहे होंगे.
टीएस सिंहदेव, डिप्टी चीफ मिनिस्टर, छत्तीसगढ़
सीएम नहीं बनाया जाना विश्वासघात नहीं, एक निर्णय
टीएस सिंहदेव से जब यह पूछा गया कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें ढाई साल का कार्यकाल नहीं मिलने पर उन्हें ‘विश्वासघात’ की भावना महसूस हुई, तो कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा, ‘मैं इसे विश्वासघात के रूप में नहीं देखता हूं. मैं इसे एक निर्णय के रूप में देखता हूं, जो आलाकमान लेता है, यह उनका फैसला है.’ सिंहदेव ने कहा, ‘यह कोई विश्वासघात नहीं है, क्योंकि यह आलाकमान का फैसला है और हम उसका पालन करते हैं.’
प्रोटोकॉल के तहत मंत्रिमंडल में नंबर दो मैं हूं
यह पूछे जाने पर कि वह डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाये जाने को तरक्की मिलने या किस रूप में देखते हैं, इस पर सिंहदेव ने कहा कि ‘प्रोटोकॉल’ के तहत वह पहले से ही मंत्रिमंडल में ‘नंबर दो’ (दूसरे स्थान पर) हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ये आधिकारिक प्रोटोकॉल हैं. इसलिए मुख्यमंत्री ने मुझे अपने बाद का स्थान दिया था. वह ‘नंबर एक’ हैं और मैं ‘नंबर 2’ हूं और ताम्रध्वज साहू जी ‘नंबर 3’ हैं. मैं अभी भी एक अतिरिक्त पदनाम के साथ ‘नंबर 2’ हूं. मैं उपमुख्यमंत्री हूं, इसलिए मुझे यकीन है कि अधिकतर लोग इसे पदोन्नति के रूप में देख रहे होंगे.’
पार्टी आलाकमान और भूपेश भाई का आभारी हूं : टीएस सिंहदेव
सिंहदेव ने कहा, ‘…अब मैं वह मंत्री हूं, जिन्हें उपमुख्यमंत्री भी नियुक्त किया गया है. मैं पार्टी आलाकमान और मुख्यमंत्री भूपेश भाई का बहुत आभारी हूं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या आप दोनों के बीच के सभी मुद्दे अतीत की बात हो गये हैं और पार्टी छत्तीसगढ़ में एकजुट हो गयी है, इस पर सिंहदेव ने दावा किया कि पार्टी के नेता पहले भी एकजुट थे.
मीडिया या सहयोगियों को जवाब देना था मुश्किल
टीएस सिंहदेव ने कहा, ‘यह मुद्दा (बघेल-सिंहदेव के बारी-बारी से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने का) बार-बार प्रेस में आ रहा था, इसलिए निश्चित रूप से तनाव था. भूपेश भाई के लिए हर समय जवाब देना मुश्किल होता था. मेरे लिए भी इस संबंध में मीडिया या हमारे सहयोगियों को जवाब देने की कोशिश करना बहुत मुश्किल था.’
बंद दरवाजे के पीछे होने वाली चर्चा की गरिमा बनी रहनी चाहिए
डिप्टी चीफ मिनिस्टर से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें वास्तव में मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल का कार्यकाल देने का वादा किया गया था, टीएस सिंहदेव ने कहा कि ऐसी कई चर्चाएं हैं, जो बंद दरवाजों के पीछे होती हैं. सिंहदेव ने कहा, ‘पार्टी आलाकमान ने इस ढाई साल (के कार्यकाल) के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, इसलिए मैं कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं. बंद दरवाजों के पीछे होने वाली चर्चाओं की गरिमा बनी रहनी चाहिए.’
28 जून को केंद्रीय नेतृत्व ने लिया ये फैसला
सिंहदेव से जब यह पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव ‘सामूहिक नेतृत्व’ में लड़ा जायेगा, तो उन्होंने कहा कि 28 जून को जब राज्य के नेताओं ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाका की थी, तब फैसला हुआ था कि चुनाव ‘सामूहिक नेतृत्व’ में ही लड़ा जायेगा. इसकी अगुवाई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे. सिंहदेव ने कहा, ‘जाहिर तौर पर अगर हम इस स्थिति में जीतते हैं, तो वह (बघेल) मुख्यमंत्री पद के लिए जिन नामों पर विचार होगा, उसमें भूपेश बघेल पहले नंबर पर होंगे.’
पार्टी आलाकमान ने इस ढाई साल (के कार्यकाल) के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, इसलिए मैं कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं. बंद दरवाजों के पीछे होने वाली चर्चाओं की गरिमा बनी रहनी चाहिए.
टीएस सिंहदेव, उपमुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़