दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर सोमवार को एक बार फिर खतरे के निशान के पार चला गया. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है. सोमवार को सुबह 7 बजे जलस्तर 206.56 मीटर दर्ज की गयी. जो खतरे के निशान से काफी ऊपर बताया जा रहा है.
दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा
अधिकारियों ने कहा कि नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है. दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है. उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचता है, तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं.
13 जुलाई को रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था यमुना का जलस्तर
यमुना का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास है. 13 जुलाई को यह रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार सुबह नौ बजे 205.96 मीटर पर पहुंच गया.
#WATCH | Delhi: The water level of Yamuna River was recorded at 206.56 m (7:00 am) at the Old Yamuna Bridge (Loha Pul)
(Drone Visuals) pic.twitter.com/9FtKvQ8v16
— ANI (@ANI) July 24, 2023
25 जुलाई तक हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. ‘साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपुल’ के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, इस मात्रा में पानी होने से राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम दर्जे की बाढ़ का जोखिम पैदा होता है, जो जुलाई के दूसरे सप्ताह में आई बाढ़ से अब भी उबर रही है. उन्होंने कहा, दूसरी बार बाढ़ आने से यमुना नदी दिल्ली में अपने ज्यादातर मैदानी हिस्सों तक फैल सकती है.
दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से राहत और पुनर्वास पर पड़ेगा असर
दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है. इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी और मंगलवार को ही जल आपूर्ति सामान्य हो पाई. पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला शोधन संयंत्र में अशोधित जल की आपूर्ति करता है. ये संयंत्र शहर को करीब 25 फीसदी जल की आपूर्ति करते हैं.
दिल्ली में प्रेम नगर इलाके में घर के बाहर इकट्ठा बारिश के पानी में बच्चा डूबा
दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में तीन वर्षीय एक बच्चा खेलते समय अपने घर के बाहर इकट्ठा हुए बारिश के पानी में डूब गया. एक अधिकारी ने बताया कि संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल द्वारा शनिवार रात दस बजकर 24 मिनट पर प्रेम नगर पुलिस थाने में मामले की सूचना दी गई. अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में लड़के के अभिभावक ने पुलिस को बताया कि उसके घर के बाहर बारिश की वजह से पानी इकट्ठा हो गया था और खेलते समय उसका बच्चा उसमें डूब गया. उन्होंने बताया कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
महाराष्ट्र में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 दिन में 19 लोगों की मौत, हजारों मकान क्षतिग्रस्त
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पिछले 10 दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि भारी बारिश के कारण कम से कम 4,500 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मूसलाधार बारिश से 54,000 हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है, जिसमें 53,000 हेक्टेयर कृषि भूमि अमरावती मंडल में है. लगभग 2,796 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. नागपुर मंडल में 13 जुलाई से अब तक बाढ़, और बिजली गिरने की घटनाओं में 11 लोगों की मौत हुई है. गढ़चिरौली और भंडारा में तीन-तीन, वर्धा और गोंदिया में दो-दो तथा चंद्रपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है. अमरावती मंडल में 21 जुलाई को एक दिन में पांच लोगों की मौत हुई, जिसमें यवतमाल में हुई तीन लोगों की मौत भी शामिल है. अकोला और बुलढाणा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. अधिकारी ने बताया कि 22 जुलाई को अमरावती जिले में बाढ़ के पानी में बहने से तीन लोगों की मौत हो गई.