Lucknow : देश में आजकल युवाओं पर ड्रग्स का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है. यूपी एसटीएफ ने शनिवार को महिला समेत चार तस्करों का ऐसा गिरोह पकड़ा है जो लखनऊ में रेव पार्टियां कराता था. गिरोह देश-विदेश से हेरोइन, गांजा – स्मैक की तस्करी करता, फिर रेव पार्टियों में बेचता था. तस्करों ने हुक्का पीते हुए गड्डी गिनने का वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल किया, जिसे लोगों ने पुलिस को भेज दिया. पता लगा कि यह गोमतीनगर के होटल राजधानी में बनाया गया है.
यहां आर्यन और लकी रुके थे. चार साथी एसवीजी गेस्ट हाउस में हैं, जिन्हें एसटीएफ ने पकड़ लिया. इनके पास से 6.57 लाख रुपए नकद और कार बरामद हुई है. यह लोग होटल, फार्म हाउस, घरों और मांग के हिसाब से माल पहुंचाते थे. एसटीएफ इस गिरोह के मुख्य सप्लायर और उससे जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है.
STF ने मुखबिर की सूचना पर मनकामेश्वर मंदिर के पीछे रहने वाली स्वस्तिका के साथ उसके साथी लखनऊ तेज कुमार प्लाजा निवासी तरून अवस्थी, कैसरबाग कोतवाली के पीछे रहने वाले पंकज सोनकर और गोमतीनगर विराजखंड निवासी अजमल को पकड़ा है. यह लोग गोमतीनगर स्थित होटल एसवीजी गेस्ट इन में ड्रग्स की सप्लाई करने के लिए पहुंचे थे.
एसटीएफ की टीम इन लोगों की विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 16 जुलाई को एक वीडियो और कुछ फोटो वायरल होने पर सक्रिय हुई थी. इसमें कुछ लड़के और एक लड़की किसी रूम में बैठकर नोटों की गिनती कर रहे हैं तथा नजदीक में ही शराब की बोतलें और हुक्का रखा हुआ है.
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आर्यन नाम का युवक मोबाइल फोन से विभिन्न एप्लीकेशन के माध्यम से अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अवैध मादक पदार्थ एवं ड्रग्स की खरीद फरोख्त करते थे. जिसके समान की डिलीवरी यह लोग करते थे. 16 जुलाई को आर्यन और लकी ने होटल राजधानी में कमरा नंबर 104 बुक कराया था.
जहां हम लोगों ने नशे की बिक्री के पैसों की गिनती की और हुक्का/शराब की पार्टी की. जिसका आर्यन ने इंस्टाग्राम एवं सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. आर्यन ने सात लाख रूपये एवं मोबाइल फोन हम लोगों को देकर कहा कि तुम लोग कहीं बाहर चले जाओ और मौज करों. तभी से हम लोग इन्हीं पैसों से जगह बदल-बदलकर इधर-ऊधर छिपकर रहते है.
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से विदेशी ड्रग्स पैडलर्स से जुड़ा है. आर्यन और लकी जिसे मोबाइल एप और अवैद कॉल सेंटर के माध्यम से यूपी में संचालित करते हैं. जिन्हें वर्चुअल आईडी से एक निश्चित सर्वर पर चलाते हैं. जिसमें यूएस के ड्रग्स तस्कर ऑर्डर लेते-देते हैं. रकम कुछ ऑनलाइन तो कुछ लोग एजेंट के जरिए भारत मंगवाते हैं.
पूछताछ में सामने आया है कि यह लोग एक दूसरे से वॉट्सऐप मैसेज और कॉल से संपर्क करते थे. इससे ट्रेस न हो सके. साथ ही ड्रग्स सप्लाई के लिए 13 वॉट्सऐप ग्रुप बना रखे थे. यह लोग एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए हवाई यात्रा करते थे और महंगे होटलों में रुकते थे. जिसके सबूत इनके मोबाइल और अन्य दस्तावेजों से मिले हैं.
पूछताछ में यह भी सामने आया है, इनके गिरोह की यूपी के महानगरों में होने वाली हाई-प्रोफाइल पार्टियों के साथ ही बड़े पब में भी पहुंच है. जहां मांग के हिसाब से ड्रग सप्लाई करते हैं. यहां पकड़ बनाने के लिए पहले पार्टी खुद करते और युवाओं के जुड़ने पर उन्हें अपना ग्राहक बना लेते. इनके मोबाइल में इसके सबूत के तौर पर कई पार्टियों के वीडियो मिले हैं. इसमें हुक्का, ड्रग्स और शराब के नशे में लोग डांस करते दिखे हैं.
एसटीएफ के मुताबिक कुछ ऐसी दवाइयां हैं जो विदेशों में प्रतिबंधित हैं. इनका इस्तेमाल ड्रग्स के तौर पर लोग करते हैं. उन्हें यह लोग सप्लाई करते हैं. पकड़े न जाएं और कॉल ट्रेस न हो सके इसलिए वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. यह लोग रेव पार्टी में चरस, गांजा, स्मैक के साथ नशीली दवाइयां उपलब्ध करवाते हैं.