Sawan 2023: श्रावण मास में शिवजी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. इसबार अधिकमास होने के कारण और ही महत्व बढ़ गया है. अगर सावन माह में अपनी राशि के अनुसार भोलेनाथ की पूजा करने पर भगवान शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं. आचार्य आशिमा महंत ज्योतिषाचार्य के अनुसार सावन मास में राशि अनुसार भोले शंकर की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. आइए जानते हैं कि किस राशि वालों को भोले शंकर की किस तरह आराधना करनी चाहिए…
मेष राशि के जातकों को भगवान शिव जी का अभिषेक गाय के कच्चे दूध में शहद मिलाकर करना चाहिए, इसके बाद चंदन और सफेद पुष्प चढ़ाने चाहिए. मेष राशि वाले शिव भक्त को श्रद्धानुसार 11, 21, 51 और 108 बार ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए. ऐसा करने से भोले बाबा समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
वृषभ राशि के जातकों को शिव शंकर का दही से अभिषेक करना चाहिए. दही से अभिषेक करने से जातक को धन, पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होने का योग बनता है. इसके अलावा सफेद फूल तथा बेलपत्र चढ़ाने चाहिए. इससे जीवन की सभी समस्याओं का हल मिलने लगता है.
मिथुन राशि के जातकों को भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए, मान्यता है सावन भर प्रतिदिन गन्ने के रस से अभिषेक करने से भोलेनाथ जल्दी ही सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं, इसके अलावा इस राशि के जातकों को शिवजी को भांग, धतूरा, तथा बेलपत्र अर्पित करना चाहिए, शिव चालीसा का पाठ भी करना चाहिए.
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कर्क राशि के जातकों को भोलेनाथ का दूध में शक्कर मिलाकर अभिषेक करना चाहिए, इससे मन शांत होता है और शुभ कार्यों को करने की प्रेरणा मिलती है. इसके साथ ही आंक के श्वेत फूल, धतूरा और बेलपत्र भी शिवजी को अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही रुद्राष्टक का पाठ करना भी शुभ होगा.
सिंह राशि के जातकों को भोलेनाथ का मधु अथवा गुड़ युक्त जल से अभिषेक करना चाहिए. भगवान शिव को कनेर का पुष्प तथा लाल रंग का चंदन अर्पित करना चाहिए. गुड़ और चावल से बनी खीर चढ़ा सकते हैं. यह अत्यंत शुभ होता है. सूर्योदय के समय शिवजी की पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति जल्दी होती है. महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए. इससे सेहत संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती है.
कन्या राशि के जातकों को शंभूनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा शिवजी को भांग, दुर्वा, पान तथा बेलपत्र चढ़ाएं ‘ऊं नमः शिवाय मंत्र’ का जप करें शीघ्र ही मनोकामनाएं पूर्ण होगी. शिव चालीसा का पाठ करना भी बेहतर होगा.
तुला राशि के जातकों को भगवान शिव का गाय के घी, इत्र या सुगंधित तेल या फिर मिश्री मिले दूध से अभिषेक करना चाहिए. सफेद फूल भी पूजा में शिवजी को चढ़ाने चाहिए. दही, शहद अथवा श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाना चाहिए. भगवान शिव के सहस्त्रनाम का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा लक्ष्मी का आगमन होगा.
वृश्चिक राशि के जातकों को पंचामृत अथवा शहद युक्त जल से भगवान शिव जी का अभिषेक करना चाहिए. लाल फूल, लाल चंदन भी शिवजी को चढ़ाने चाहिए. बेलपत्र अथवा बेल के पौधे की जड़ चढ़ाने से भी कार्यों में सफलता मिलती है. रूद्राष्टक का पाठ करना भी श्रेयस्कर रहेगा.
धनु राशि के जातकों को भोलेनाथ का दूध में पीला चंदन मिलाकर अभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा पीले रंग के फूलों या फिर गेंदे के फूल चढ़ाने चाहिए. खीर का भोग लगाना भी शुभ रहेगा. ऊं नमः शिवाय का जप और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए.
मकर राशि के जातकों को भोलेशंकर का नारियल के पानी से अथवा गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से जातक को सभी कामों में सफलता मिलेगी. त्रयंबकेश्वर का ध्यान करते हुए भगवान शिव जी को बेलपत्र, धूतरा, शमी के फूल, भांग एंव अष्टगंध अर्पित करने चाहिए. उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाने से शनि की पीड़ा समाप्त होती है. नीले कमल का फूल भी भगवान को अवश्य चढ़ाएं.
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कुंभ राशि के जातकों को सावन महीने में शंकर भगवान को प्रतिदिन नारियल के पानी, सरसों के तेल अथवा तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा शिवाष्टाक का पाठ करना चाहिए. इससे जातकों के बिगड़े काम बनेंगे. साथ ही धन-समृद्धि में वृद्धि होगी. शमी के फूल पूजा में अर्पित करें. शिवजी की कृपा से यह शनि पीड़ा को कम करता है.
मीन राशि के जातकों को सावन भर भोलेनाथ का केसर मिश्रित जल से जलाभिषेक करना चाहिए, इसके अलावा शंकरजी की पूजा में पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्पों का प्रयोग करना चाहिए. इसके साथ ही ‘ऊं नमः शिवाय का जप करना चाहिए. शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहेगा. इससे लाइफ की सारी टेंशन दूर हो जाती है.