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मणिपुर हिंसा को लेकर विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लायेगी तृणमूल, भाजपा कर सकती है विरोध प्रदर्शन

भाजपा मालदा, हावड़ा जिला के पांचला पंचायत चुनाव में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठा सकती है. विधानसभा में मॉनसून सत्र का पहला दिन अध्यक्ष विमान बनर्जी द्वारा शोक प्रस्ताव के पाठ के बाद स्थगित कर दिया गया.

मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा के मानसून सत्र में विपक्ष सत्तापक्ष पर लगातार पलटवार करती नजर आ रही है. इसकी आंच अब पश्चिम बंगाल में भी दिखने लगी है. राज्य विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है. इस सत्र में तृणमूल कांग्रेस का विधायक दल मणिपुर हिंसा पर निंदा प्रस्ताव लाने जा रहे हैं. मणिपुर हिंसा की घटना पर चर्चा के लिए तृणमूल कांग्रेस की ओर से सदन में इस प्रस्ताव को लाया जायेगा. हालांकि , सदन पटल पर इस प्रस्ताव को कब रखा जायेगा इस बारे में अब तक निर्णय नहीं लिया गया है. इस मामले पर कार्यमंत्रणा समिति (बीए कमेटी) की बैठक में चर्चा की जायेगी. यह जानकारी संसदयी कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने दी.

विधानसभा का मॉनसून सत्र रहेगा हंगामेदार

उधर, इसके जवाब में विपक्ष यानी भाजपा मालदा, हावड़ा जिला के पांचला पंचायत चुनाव में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठा सकती है. विधानसभा में मॉनसून सत्र का पहला दिन अध्यक्ष विमान बनर्जी द्वारा शोक प्रस्ताव के पाठ के बाद स्थगित कर दिया गया. अब मंगलवार और बुधवार के सत्र में स्थायी समिति की रिपोर्ट पर चर्चा होगी. मालूम हो कि सत्ता पक्ष इस सत्र में मणिपुर के मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव लायेगा. वहीं, भाजपा की ओर से चुनाव बाद हिंसा का मुद्दा उठाया जायेगा. हावड़ा के पंचला में भाजपा प्रत्याशी पर अत्याचार और मालदा में महिलाओं पर अत्याचार का मुद्दा भाजपा उठायेगी. अगर इस प्रस्ताव पर चर्चा करवाने की इजाजत नहीं दी गई तो भाजपा विरोध प्रदर्शन भी कर सकती है. यानी यह साफ है कि विधानसभा का मॉनसून सत्र हंगामेदार रहेगा .

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मणिपुर की हिंसक घटनाओं की निंदा कर चुकी है मुख्यमंत्री

विदित हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही मणिपुर की हिंसक घटनाओं की निंदा कर चुकी हैं. तृणमूल की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल भी मणिपुर भेजा गया था. विधानसभा मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा, ”हम विधानसभा में प्रस्ताव लायेंगे. देश के बाकी हिस्सों की तरह हम भी मणिपुर मुद्दे से बहुत दुखी हैं.’ बेटियों के उत्पीड़न में केंद्र सरकार की भूमिका बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रधानमंत्री जहां हर मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हैं, देश के बाहर भी देश की बात करते हैं, वहीं उन्होंने देश से सिर्फ ढाई मिनट के लिए इस मुद्दे पर अपना मुंह खोला. वह इस संबंध में सक्रिय क्यों नहीं हैं? यह हमें सोचने पर मजबूर करता है.

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सर्वदलीय बैठक से विपक्ष ने बनायी दूरी

बता दें कि इस दिन बीजेपी सर्वदलीय बैठक, बीए कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हुई थी. वही अन्य विपक्षी नेता भी इस बैठक का हिस्सा नहीं बनें. गौरतलब है कि विधानसभा सत्र की शुरुआत होने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों का एक दूसरे पर पलटवार करना भी शुरु हो गया है.

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