Sawan 2023: बांग्ला श्रावण और पुरुषोत्तम मास में भी बाबा बैद्यनाथ पर जलाभिषेक के लिए कांवरियों के आने का सिलसिला जारी है. मास की पहली सोमवारी को बाबाधाम आने वाले भक्तों का तांता लगा रहा. अहले सुबह बाबा मंदिर का पट खुलने से पहले ही श्रद्धालुओं की कतार लगभग चार किमी तक पहुंच चुकी थी. जलार्पण के पट खुलते ही दो-तीन घंटे में ही कांवरियों की कतार बाबा मंदिर से दो किमी दूर जलसार चिल्ड्रेन पार्क तक सिमट गयी. वहीं, दोपहर दो बजे से आये भक्तों को मानसरोवर से ही मंदिर भेजने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई. सोमवारी को बांग्ला श्रावण में आने वाले बंगाल, नेपाल, ओड़िशा के भक्तों के अलावा यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान से कांवरिये पहुंचे थे. कांवरिये सोमवारी के अवसर पर जलार्पण करने की चाहत लेकर रविवार की रात से ही कतारबद्ध होने लगे थे.
सोमवारी के अवसर पर बाबा मंदिर का पट सुबह 03:10 बजे खुला. इसके पहले मां काली के मंदिर में पूजा की गयी. उसके बाद बाबा मंदिर के गर्भ गृह में सबसे पहले सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा ने बाबा को कांचा जल अर्पित कर पूजा प्रारंभ की. करीब 15 मिनट तक इस खास पूजा में तीर्थ पुरोहित समाज के लोग शामिल हुए. इसके बाद सरदार पंडा ने बाबा भोले नाथ की दैनिक षोडशोपचार विधि से सरदारी पूजा संपन्न की. सरदारी पूजा होने के बाद सुबह चार बजे अरघा के माध्यम से आम भक्तों के लिए जलार्पण प्रारंभ कराया.
भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बाह्य अरघा भी काफी कारगर साबित हो रहा था. लंबी कतार से बचने के लिए इस व्यवस्था के तहत भी भारी संख्या में कांवरिये जलार्पण करते देखे गये.
इधर, दुमका स्थित बाबा फौजदारी नाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. मंदिर प्रांगण हर हर महादेव व बोल बम के जयकारे से गुंजायमान रहा भोलेनाथ की नगरी. रविवार की सुबह 3.17 बजे मंदिर का पट खुला. शिवलिंगों का दूध, जल से अभिषेक किया गया. शिवलिंगों को पुष्प, बेल पत्र, आंक, धतूरे से सजाकर महाआरती की गई. इस दौरान मंदिरों में घंटी, घडिय़ाल, शंख व झालर के बीच भोलेनाथ के उद्घोष से माहौल भक्तिमय बना रहा. सरकारी पूजा के बाद मंदिर गर्भगृह गेट पर लगाये गये अरघा में जल डालने का सिलसिला शुरू हुआ जो अबतक चल रहा है. मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट वह मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, 60 हजार कांवरियों ने बाबा फौजदारी नाथ के अरघा में जल डालकर मंगलकामना की. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गूंजता रहा.
सोमवारी की संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पहले से व्यापक व्यवस्था कर रखी थी. महिला श्रद्धालुओं ने भी कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से मंदिर में प्रवेश कराया. कांवरियों की श्रद्धा भक्ति व आस्था देखते ही बन रही थी. सावन की सोमवारी को कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, फलाहारी धर्मशाला, क्यू कॉम्पलेक्स व शिवगंगा पीड़ तक जा पहुंची. कांवरियों की कतार में घुसपैठ को रोकने के लिए पुलिस की व्यवस्था थी. कांवरिया शेड में कतारबद्ध कांवरियों को पानी पिलाने के लिए स्वयंसेवी संस्था के कई शिवभक्त लगे हुए थे.
शिव मंदिर न्यास समिति को सावन सोमवारी को विभिन्न श्रोतों से 4, 49,825 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 96,910 रुपये, गर्भगृह गोलक से 45,270 रुपये नगद प्राप्त हुए. गोलक से 212 ग्राम चांदी एवं अन्य श्रोतों से 3,07,645 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी के निगरानी में किया गया.
शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत सोमवारी को 1018 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ की सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत शिव मंदिर न्यास समिति को 3 लाख 05 हजार 400 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह द्वार से उक्त श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस व्यवस्था से कांवरिया खुश हैं. वहीं 10 ग्राम चांदी का 6 सिक्के एवं पांच ग्राम चांदी के पांच सिक्के की बिक्री हुई. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.
सावन मास सोमवारी को पवित्र शिवगंगा में कांवरियों ने लगाई आस्था की डुबकी. शिवगंगा में श्रद्धालुओं की तादाद को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम शिवगंगा में पूरे अलर्ट मोड में थी. मोटर बोट से शिवगंगा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा था. श्रद्धालु पूरे आस्था के साथ शिवगंगा में स्नान कर बाबा फौजदारी नाथ पर जलार्पण करने हेतु कतारबद्ध हो रहे थे.
भगवान शिव को सोमवार का दिन अत्यधिक प्रिय है. पूरा श्रावण मास जप,तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है, पर इसमें सोमवार का विशेष महत्व है. सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और भक्त सोमवारी का व्रत रखते हैं शिव जी वैसे भक्तों से प्रसन्न होते हैं. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि श्रावण माह में शिव पूजा से भक्तों की संपूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होती है. उन्होंने बताया कि इस मास में सोमवारी व्रत शिवपूजन अक्षत, बेलपत्र, पुष्प चंदन आदि से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं. भोलेनाथ को धतूरा का फूल, बिल्वपत्र, शत रुद्री का पाठ, पंचाक्षर मंत्र का जाप अति प्रिय है. महामृत्युंजय जाप और गंगा जल अर्पण से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण कर रखा है, चंद्रमा का दिन सोमवार का होता है इसलिए जो भी भक्त सोमवारी का व्रत रखकर भोलेनाथ की आराधना करते उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.