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झारखंड : गुमला के घाघरा में जन्म प्रमाण पत्र बनाने को लेकर उपमुखिया व पंचायत सचिव के बीच जमकर हुई बहस

गुमला के घाघरा प्रखंड कार्यालय में जन्म प्रमाण पत्र बनाने को लेकर नवडीहा पंचायत की उपमुखिया विनीता कुमारी व पंचायत सचिव कलेश्वर साहू के बीच जमकर बहस हुई. इस दौरान उपमुखिया ने पंचायत सचिव पर पैसे लेने का आरोप लगायी, वहीं पंचायत सचिव ने आरोपों को सिरे से खारिज किया.

घाघरा (गुमला), अजीत साहू : गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड कार्यालय परिसर में सोमवार को नवडीहा पंचायत की उपमुखिया विनीता कुमारी व पंचायत सचिव कलेश्वर साहू के बीच तूतू-मैंमैं हुई. उप मुखिया ने आरोप लगाया कि पंचायत सचिव द्वारा अनावश्यक ही परेशान किया जाता है. जनप्रतिनिधि होने के नाते हमारे पास गांव के ग्रामीण कई तरह की समस्या व आवेदन लेकर आते हैं. उक्त सभी समस्या व आवेदन को मेरे द्वारा जब पंचायत सचिव तक लाया जाता है, तो उनके द्वारा कहा जाता है कि मैं कोई जनप्रतिनिधि को नहीं जानता हूं. आवेदन जिसका है. उस आवेदक को हमारे पास भेजिये. उसी काम को लेकर यदि कोई बिचौलिया आये, तो पैसा लेकर तुरंत काम कर देते हैं.

जमकर हुआ बवाल

उपमुखिया विनीता ने बताया कि सोमवार को वह ग्रामीणों द्वारा दिये गये मृत्यु प्रमाण पत्र व एक जन्म प्रमाण पत्र का आवेदन लेकर जब पंचायत सचिव के पास आयी, तो उसके द्वारा कहा गया कि आपसे हम आवेदन नहीं ले सकते हैं. आवेदक को भेजिये. जिस पर जमकर बवाल हुआ.

उपमुखिया ने पंचायत सेवक पर लगाये आरोप

विनीता ने बताया कि पूर्व में भी वह कई बार गांव की वृद्ध महिला व पुरुषों का वृद्धा, विधवा पेंशन बनाने के लिए लेकर आयी थी. पर, पंचायत सेवक द्वारा नियम कानून का हवाला देकर लौटा दिया गया है. उन्होंने बिचौलियों से सांठगांठ कर पंचायत सेवक पर कमीशन लेकर हर काम करने का आरोप लगाया. जन्म प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर मोटी रकम की उगाही की जाती है. उप मुखिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत सचिव आवेदक से मिलना इसलिए चाहते हैं, ताकि आवेदक से पैसे की उगाही कर पाये और अपना जेब भर पाये.

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रिश्वत मांगने का आरोप गलत : पंचायत सचिव

उप मुखिया ने पूरे मामले की जांच करते हुए बीडीओ व जिले के वरीय अधिकारियों से कार्रवाई की मांग कियर है. अगर इस तरह के घूसखोर कर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण का शोषण होता रहेगा. इधर, पंचायत सचिव कलेश्वर साहू ने कहा कि रिश्वत मांगने का आरोप बिल्कुल गलत है. मेरे द्वारा कहीं भी पैसा नहीं लिया जाता है.

पहले भी पंचायत सचिव पर हो चुकी है कार्रवाई

मालूम हो कि पूर्व में पंचायत सचिव कलेश्वर साहू के ऊपर शिवराजपुर पंचायत के मुखिया व जनप्रतिनिधियों ने रिश्वत लेने व जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर सीधे लाभुक से मिलकर पैसा वसूली का आरोप लगाया था. जिसके बाद शिवराजपुर पंचायत से कलेश्वर साहू को हटाकर नवडीहा पंचायत में पंचायत सचिव बनाया गया है.

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