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Prabhat Special: मनोरंजन के क्षेत्र में लोकप्रिय होता ओटीटी

हाल ही में सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज क्रिएटर्स को पुरस्कृत करने की बात कही है. इस घोषणा के बाद से ओटीटी सुर्खियों में आ गया है. सिनेमा के जन्म के बाद लोगों को मनोरंजन का एक और साधन मिला.

आरती श्रीवास्तव :

कोरोना काल से पहले शायद ही किसी आम भारतीय ने ओटीटी अपना बहुत सारा समय बिताया होगा, या सोचा होगा कि यह प्लेटफॉर्म एक दिन इतना बड़ा हो जायेगा कि इस पर फिल्म उद्योग की निर्भरता बढ़ जायेगी और मल्टीप्लेक्ट में फिल्में देखने के शौकीन भी ओटीटी के दीवाने हो जायेंगे. पर यह सच है कि उस भयावह काल में ओटीटी प्लेटफॉर्म ने मनोरंजन उद्योग को बड़ा सहारा दिया.

इसने न केवल फिल्म उद्योग को संभाला, बल्कि उन तमाम कलाकारों को भी मंच प्रदान किया, जो प्रतिभावान होने के बावजूद वर्तमान मनोरंजन व फिल्म उद्योग में किनारे कर दिये गये थे, या बाहरी होने के कारण छोटी-मोटी भूमिकाएं करने को विवश थे. लॉकडाउन के कारण घरों में बंद रहने को मजबूर सिनेमा प्रेमियों के लिए यह प्लेटफॉर्म किसी वरदान से कम नहीं था, सो उन्होंने इसे हाथों-हाथ लिया. फिर क्या था, यहां फिल्में भी रिलीज होने लगीं और एक से बढ़कर एक वेब सीरीज का निर्माण भी होने लगा. तब से ओटीटी प्लेटफार्मों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है.

क्या है ओटीटी प्लेटफॉर्म

ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘ओवर द टॉप’ प्लेटफॉर्म का संक्षिप्त रूप है. दरअसल, यह प्लेटफॉर्म कुछ अन्य प्लेटफॉर्मों की मदद से हमारे मोबाइल, टैबलेट, कंप्यूटर, लैपटॉप और स्मार्ट टीवी पर फिल्म और टीवी से जुड़ी सामग्री व कार्यक्रम उपलब्ध कराता है. इन कार्यक्रमों को देखने के लिए उपग्रह सेवा या केबल कनेक्शन की नहीं, बल्कि इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है.

दूसरे शब्दों में कहें, तो ओटीटी एक ऐसी वितरण प्रणाली है, जो इंटरनेट के जरिये सीधे उपभोक्ता को उसकी मांग के आधार पर ऑडियो या वीडियो उपलब्ध कराती है. कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कंटेंट देखने के लिए हमें भुगतान करना पड़ता है. वहीं, कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे भी हैं जहां हमें कुछ या फिर सारा कंटेंट निशुल्क मिल जाता है.

ओटीटी की सफलता और लोकप्रियता के कारण

भारत में ओटीटी सेवा प्रदाताओं के सफल होने में कोविड-19 निर्णायक कारक रहा है. नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज्नी+हॉटस्टार, वूट, सोनी लिव और इन जैसे तमाम दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्मों ने इस दौरान भारत में अपार लोकप्रियता हासिल की. लोगों की अलग-अलग पसंद और प्राथमिकताओं के कारण ये प्लेटफॉर्म इन दिनों भी खासे लोकप्रिय बने हुए हैं. वे दिन गये जब लोग अपने पसंदीदा शो के प्रसारण के लिए टीवी पर निर्भर रहते थे.

आजकल तो उपयोगकर्ता बस ओटीटी प्लेटफॉर्म सब्सक्राइब करते हैं, अपनी पसंद की विधा का चयन करते हैं और मनपसंद सामग्री देखना शुरू कर देते. न थिएटर जाने का झंझट, न निर्धारित समय पर टीवी के सामने बैठने की परेशानी. जब भी समय मिले अपनी पसंद के शो, फिल्म, गीत-संगीत का आनंद लीजिए.

इस तरह अस्तित्व में आया ओटीटी प्लेटफॉर्म

वर्ष 1990 से लेकर 2000 के शुरुआत तक ‘ब्लॉकबस्टर’ अमेरिका की अग्रणी वीडियो रेंटल कंपनी थी. यह कंपनी स्टोर के जरिये किराये पर डीवीडी व वीडियो टेप उपलब्ध कराती थी. लेकिन ब्लॉकबस्टर के व्यापार को बर्बाद करने के उद्देश्य से 1997 में नेटफ्लिक्स ने मेल के जरिये यह सब करना शुरू किया. वर्ष 1999 में नेटफ्लिक्स ने 15.95 डॉलर प्रतिमाह पर सब्सक्रिप्शन देने की घोषणा की. इसके बाद 2007 में नेटफ्लिक्स ने स्ट्रीमिंग सेवाओं की शुरुआत की.

ब्लॉकबस्टर ने भी इस वर्ष अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए स्ट्रीमिंग सर्विस शुरू की, साथ ही स्टोर के जरिये भी डीवीडी को रेंट पर देना जारी रखा. पर धीरे-धीरे वह नेटफ्लिक्स से पिछड़ता गया. इस प्रकार, नेटफ्लिक्स ओटीटी उद्योग पर पकड़ बनाता गया, जबकि ब्लॉकबस्टर ध्वस्त हो गया.

बढ़ रहा है भारत का ओटीटी बाजार

पीडब्ल्यूसी, यानी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स की बीते सप्ताह जारी ‘ग्लोबल एंटरटेनमेंट एंड मीडिया आउटलुक 2023-27’ रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्मों द्वारा नयी चीजों को शुरू करने और बढ़ते ‘पे-लाइट’ विकल्पों के साथ, भारत में ओटीटी राजस्व बढ़कर 2022 में 1.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो 2021 में 1.4 अरब डॉलर था. यह 2018 के राजस्व से छह गुना अधिक है. रिपोर्ट की मानें, तो देश की जनसंख्या और विविधता के कारण भारत में ओटीटी और कनेक्टेड टीवी (सीटीवी) बाजार के लिए दीर्घकालिक संभावनाएं हैं.

क्षेत्रीय भाषाओं के कारण भी देश में ओटीटी वीडियो को बढ़ावा मिलता रहेगा. संभवतः इसी कारण, वैश्विक स्तर पर ओटीटी सेगमेंट की विकास दर जहां 8.4 प्रतिशत है, वहीं भारत 14.32 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ अपेक्षाकृत आगे है और इसी विकास दर के साथ यह सेगमेंट आगे बढ़ता रहेगा तथा 2027 तक 3.5 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त करेगा. मार्केट वाच वेबसाइट की मानें, तो भारत में वीडियो ओटीटी का बाजार जहां 2020 में 86.98 अरब रुपये का था, उसके 2022-26 की अवधि में 30.73 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ विस्तार की संभावना है. ऑडियो ओटीटी बाजार की बात करें, तो 2021 में इसका मूल्य 44.21 अरब रुपये था, जिसके 2026 तक 99.98 अरब रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.

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