वाणिज्य-कर विभाग ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) से शत-प्रतिशत कर भुगतान करने वाले 27 और सेकेंड हैंड कार बिक्री करने वाले 10 व्यवसायियों के खिलाफ पूरे बिहार में छापेमारी की. विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरे तकनीक का उपयोग कर ऐसे कारोबारियों की सूची तैयार की और उसके आधार पर पिछले शनिवार और रविवार को उनके यहां दबिश दी. सेकेंड हैंड कार बिक्री करने वाले वैसे 10 व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी, जिनको अनिवार्य रूप से जीएसटी के तहत निबंधन करवा कर व्यवसाय करना चाहिए, पर इन्होंने पहले तो विभाग में निबंधन करवाया था, लेकिन बाद में उसे कैंसिल करवा लिया.
वाणिज्य कर विभाग के इस विशेष अभियान के तहत पटना में 10, भागलपुर, सारण, गया में दो-दो और पूर्णियां, मुंगेर, जमुई, गोपालगंज, भोजपुर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, सहरसा, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, रोहतास, कैमूर, अररिया, सुपौल मधेपुरा, नवादा और समस्तीपुर में एक-एक समेत कुल 37 व्यवसायियों के खिलाफ छापेमारी की गयी. इस कार्रवाई के लिए विभाग द्वारा कुल 37 टीमों का गठन किया गया था. इन टीमों में 112 पदाधिकारी शामिल थे.
वाणिज्य कर विभाग के सचिव सह आयुक्त डॉ. प्रतिमा ने बताया कि कर दायित्व का शत-प्रतिशत भुगतान आइटीसी से करने वाले जिन 27 व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है, उनमें से 12 ऐसे हैं जिन्होंने लगभग 14 करोड़ रुपये की बिक्री छुपायी है. कुछ मामलों में निरीक्षण के दौरान संगत साक्ष्य प्रस्तुत नही किये जाने के कारण 15.12 करोड़ की राशि के माल को जब्त भी किया गया है.
वहीं, सेकेंड हैंड कार की बिक्री करने वाले जिन 10 व्यवसायियों के खिलाफ विभिन्न जिलों में कार्रवाई की गयी, उनमें से पांच मामलों में लगभग 30 करोड़ रुपये की बिक्री छुपाये जाने का मामला सामने आया है. शेष अन्य मामलों में आगे के सत्यापन के लिए 1.51 करोड़ रुपये का माल जब्त किया गया है. आयुक्त द्वारा बताया गया कि वैसे व्यवसायी जो अपना निबंधन कैंसिल कराने के बावजूद व्यवसाय कर रहे हैं, उनपर विभाग की पैनी नजर है.वहीं,कर दायित्व का शत-प्रतिशत भुगतान आइटीसी के रूप में करने वाले कारोबारी भी विभाग के रडार पर हैं.