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ब्रिटेन की बैटरी स्टार्टअप नेक्सॉन पैनासोनिक को सप्लाई करेगा एडवांस मैटेरियल

एबिंगडन स्थित नेक्सॉन जापानी कंपनी पैनासोनिक एनर्जी कंपनी को 4 बिलियन डॉलर के डी सोटो, कैनसस प्लांट को मैटेरियल की आपूर्ति करेगा, जो 2025 की शुरुआत में शुरु होने वाला है. सिलिकॉन आधारित एनोड विकसित करने में नेक्सॉन के प्रतिद्वंद्वियों में दो अमेरिकी स्टार्टअप हैं.

लंदन/नई दिल्ली : ब्रिटेन में एडवांस केमिकल सेल (एसीसी) बनाने वाला स्टार्टअप नेक्सॉन जापान की इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल सामान बनाने वाली कंपनी पैनासोनिक कॉरपोरेशन को एडवांस मैटेरियल की सप्लाई करेगा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों ने सोमवार को कहा कि ब्रिटेन में बैटरी स्टार्टअप नेक्सॉन 2025 से शुरू होने वाले पैनासोनिक के नए अमेरिकी प्लांट को हाई एनर्जी सिलिकॉन एनोड मैटेरियल की सप्लाई करेगा. कंपनियों ने कहा कि सिलिकॉन-रिच एनोड के इस्तेमाल से जापानी कंपनी पैनासोनिक उन बैटरियों का निर्माण करेगी, जो अधिक ऊर्जा संग्रहीत करने के साथ तेजी से चार्ज होने में सक्षम होंगे. फिलहाल, पैनासोनिक अधिक ऊर्जा घनत्व वाली बैटरियों के समान रेंज वाले छोटे, हल्के पैक बनाने का विकल्प भी देती है.

2025 से सप्लाई होगी शुरू

एबिंगडन स्थित नेक्सॉन जापानी कंपनी पैनासोनिक एनर्जी कंपनी को 4 बिलियन डॉलर के डी सोटो, कैनसस प्लांट को मैटेरियल की आपूर्ति करेगा, जो 2025 की शुरुआत में शुरु होने वाला है. सिलिकॉन आधारित एनोड विकसित करने में नेक्सॉन के प्रतिद्वंद्वियों में दो अमेरिकी स्टार्टअप हैं, इनमें वाशिंगटन के वुडिनविले स्थित ग्रुप 14 और कैलिफोर्निया के अल्मेडा स्थित सिला नैनोटेक्नोलॉजीज शामिल हैं.

कोरिया के एसके ग्रुप ने नेक्सॉन में किया है निवेश

इन्वेस्टर्स वेबसाइट पिचबुक के अनुसार, वर्ष 2006 में स्थापित नेक्सॉन ने 260 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं और हाल ही में इसका मूल्य 350 मिलियन डॉलर आंका गया है. इसके कॉर्पोरेट निवेशकों और साझेदारों में कोरिया का एसके ग्रुप है, जो बैटरी और बैटरी मैटेरियल बनाता है. पिचबुक के अनुसार, अमेरिका के बैटरी स्टार्टअप ग्रुप14 ने बाजार से करीब 650 मिलियन डॉलर जुटाए हैं और हाल ही में इसका मूल्य 3 बिलियन डॉलर आंका गया है. इसके कॉर्पोरेट निवेशकों में जर्मन वाहन निर्माता पोर्श, एसके और बीएएसएफ शामिल हैं. ग्रुप14 ने पोर्शे से संबद्ध सेलफोर्स को सिलिकॉन एनोड सामग्री की आपूर्ति करने का सौदा किया है.

अमेरिकी बैटरी स्टार्टअप सिला के ये हैं कॉपोरेट निवेशक

पिचबुक के अनुसार, सिला ने 935 मिलियन डॉलर जुटाए हैं और हाल ही में इसकी कीमत 3.3 बिलियन डॉलर आंकी गई है. इसके कॉरपोरेट निवेशकों में मर्सिडीज-बेंज, सीमेंस, सैमसंग और चीनी बैटरी दिग्गज सीएटीएल शामिल हैं. ईक्यूजी इलेक्ट्रिक एसयूवी के साथ शुरुआत करते हुए मर्सिडीज 2025 में सिला का पहला ऑटोमोटिव ग्राहक बनने वाली है.

भारत ने एडवांस्ड बैटरी निर्माण के लिए बोलियां की हैं आमंत्रित

बताते चलें कि भारत में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले शुक्रवार को ग्लोबल लेवल पर बोलियां आमंत्रित की हैं. इसके बाद खबर यह आ रही है कि भारत में एडवांस केमिकल सेल (एसीसी) का निर्माण करने के लिए जापानी कंपनी पैनासोनिक के प्रतिनिधियों ने भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान सरकारी अधिकारियों ने पैनासोनिक के प्रतिनिधियों को पीएलआई स्कीम के तहत आवेदन जमा करने की सलाह दी है. हालांकि, अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला भारत में एडवांस्ड केमिकल सेल के निर्माण के लिए सरकार से स्पेशल ट्रीटमेंट (नीति और नियमों में बदलाव) चाहती है. उसकी इस मांग पर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में एडवांस्ड केमिकल सेल के निर्माण के लिए टेस्ला को किसी प्रकार की स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दी जाएगी.

एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल का क्या है इस्तेमाल

बताते चलें कि रासायनिक बैटरी (एंडवास्ड केमिस्ट्री सेल-एसीसी) नई पीढ़ी की उन्नत भंडारण प्रौद्योगिकी है. यह विद्युत ऊर्जा को इलेक्ट्रोकेमिकल या रासायनिक ऊर्जा के रूप में संग्रह कर सकती है और जरूरत पड़ने पर इसे वापस विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकती है. इसका प्रमुख रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड स्थिरता बनाए रखने, छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाओं, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में उपयोग किया जा सकता है.

बैटरी निर्माण पर सरकार देती प्रोत्साहन

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में इस्तेमाल होने वाली बैटरी (एंडवांस्ड केमेस्ट्री सेल) का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार यानी 21 जुलाई, 2023 को उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) के तहत बोलियां आमंत्रित की है. कुल 18,100 करोड़ रुपये के इस कार्यक्रम के तहत सरकार का लक्ष्य शेष 20 गीगावॉट घंटा क्षमता (जीडब्ल्यूएच) की अत्याधुनिक रासायनिक बैटरी (एंडवास्ड केमिस्ट्री सेल-एसीसी) विनिर्माण को बढ़ावा देना है. भारत सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण को और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के साथ ही वर्ष 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है.

अमेरिका ने बैटरी निर्माण के लिए लागू किया आईआरए

इसके साथ ही, बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने अभी हाल ही में एडवांस्ड केमिकल सेल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आईआरए (इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट) लागू किया है. इस एक्ट के तहत अमेरिका में बैटरियों के उत्पादन करने के लिए प्लांट लगाने और उत्पादन शुरू करने के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से प्रोत्साहन के तौर सब्सिडी देने का प्रावधान है. बाइडन प्रशासन की ओर से मुद्रास्फीति को संबोधित करने के लिए आईआरए द्वारा जलवायु, स्वास्थ्य देखभाल और कर प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया गया है. यह अधिनियम, वंचित, कम आमदनी वाले समुदायों और जनजातीय समुदायों के लिए, शून्य-उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए धन प्रदान करता है.

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अमेरिका के आईआरए से चीन को हुई दिक्कत

अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन की ओर से बैटरी निर्माण को प्रोत्साहन देने के बाद दुनिया के बैटरी री-साइकलिंग बाजार पर एकाधिपत्य स्थापित करने वाले चीन को दिक्कत होने लगी है. उसे यह डर भी सताने लगा है कि आईआरए के जरिए अमेरिका दुनिया भर में फैले उसके बैटरी री-साइकलिंग कारोबार में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है. इसकी वजह से उसने परोक्ष रूप से अमेरिका को धमकी भी दी है कि अगर उसने उसके रास्ते में रोड़ा अटकाने का काम किया, तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

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10 अरब डॉलर का टैक्स क्रेडिट लाभ

यह अधिनियम बड़ी और लाभदायक कंपनियों पर टैक्स लगाता है, ताकि वे प्रति वर्ष 40,000 डॉलर से कम आय वाले परिवारों पर कोई कर लगाए बिना अपने उचित हिस्से का भुगतान कर सकें. इसके अंतर्गत, तेल और गैस ड्रिलिंग से मीथेन के रिसाव पर शुल्क भी लगाता है. इस अधिनियम के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और उनके विनिर्माण के लिए घरेलू आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित बनाते हुए ईवी के लिए संघीय कर प्रोत्साहन नीति में बदलाव किया गया है. यह अधिनियम, स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण के लिए 10 अरब डॉलर का निवेश कर क्रेडिट प्रदान करता है.

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