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Bareilly News : अब जोगी नवादा बवाल में 250 लोगों पर FIR, सफेद पाउडर उड़ाने से बिगड़े थे हालात

बारादरी थाने की जोगी नवादा चौकी इंचार्ज अमित कुमार की तरफ से घटना में शामिल करीब 250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा के गुसाई गोटिया रिलायंस टावर के पास कांवड़ियों के जत्थे में शामिल लोगों द्वारा सफेद पाउडर उड़ाने से बवाल हुआ था. यह खुलासा पुलिस की जांच के बाद हुआ है. इसके बाद बारादरी थाने की जोगी नवादा चौकी इंचार्ज अमित कुमार की तरफ से इसमें शामिल 200 से 250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस वाहनों को तोड़ने और पीलीभीत बाईपास के सुरेश शर्मा नगर पर रोड जाम करने वालों को आरोपी बनाया गया है.

बदला लेने को सफेद रंग उड़ाया

एफआईआर में कोई भी नामजद नहीं है, सभी आरोपी अज्ञात हैं. इस मामले में घटना के बाद 23 जुलाई को पार्षद के पुत्र की तरफ से पूर्व पार्षद समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसके चलते पुलिस आरोपी पूर्व पार्षद और एक अन्य को जेल भेज चुकी है. अब इस एफआईआर के बाद आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है. हालांकि, इस बवाल के पीछे नगर निगम चुनाव की साजिश भी सामने आई है. पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के बीच वर्चस्व की जंग काफी समय से थी, लेकिन बताया जाता है कि कांवड़ के दौरान पार्षद पद के दावेदारों ने एक- दूसरे से बदला लेने के पाउडर उड़ाकर बवाल कराया था.

पूर्व पार्षद समेत कई लोगों को जेल भेजा

विश्वसनीय सूत्रों की मानें, तो पूर्व पार्षद उसमान अल्वी वार्ड 33 बनखंडी नाथ मंदिर से एक बार, और उनकी पत्नी दो बार पार्षद रह चुके हैं. उसमान अल्वी ने कुछ महीने पहले नगर निकाय चुनाव में सपा के टिकट पर इसी वार्ड से चुनाव लड़ा था, लेकिन काफी कम अंतर से चुनाव हार गए थे.बनखंडी नाथ और जोगी नवादा के पार्षद और पूर्व पार्षद में काफी समय से सियासी जंग चल रही थी. बताया जाता है कि इसी रंजिश के चलते रविवार यानी 23 जुलाई को बवाल कराया गया था. इसमें पार्षद के पुत्र की तरफ से मुकदमा हुआ और पूर्व पार्षद समेत कई लोगों को जेल भेज दिया गया है.

जानें  पुलिस की एफआईआर में क्या हैं आरोप ?

शहर के बारादरी थाना क्षेत्र की जोगी नवादा चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर अमित कुमार की तरफ से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि हम अपने हमराह और चीता मोबाइल के सिपाही तारा सिंह, शक्ति सिंह के साथ चौकी क्षेत्र में कावड़ जत्था और मुहर्रम शांति व्यवस्था में रवाना होकर मोहल्ला गोसाई गौटिया से कावड़ जत्था प्रारंभ होकर सुरेश शर्मा नगर, सैटलाइट चौराहा, कालीबाड़ी से चौपला, लाल फाटक से होकर कछला जाना प्रस्तावित था.जत्थे के साथ हेड कांस्टेबल राजू कुमार, सुमित कुमार, पंकज कुमार शर्मा, संदीप राठी, सब इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह जत्थे को पास कराने में लगे थे. इसके साथ ही बारादरी कोतवाली इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार सिंह, अपने हमराह सिपाही गौरव कुमार, गोविंद कुमार, अमरेश कुमार, मनोज कुमार सरकारी गाड़ी यूपी 25 एजी 0862 के चालक सुखबीर के साथ मौजूद थे.

सरकारी वाहन यूपी 25 एजी 0862 पर पत्थरबाजी

धर्म स्थल के पास मौजूदगी के समय दोपहर को लोगों को निकाला गया. इसके साथ ही जत्थेदारों को पीस कमेटी के सदस्यों द्वारा सूचना दी गई थी कि अपने पूर्व से निर्धारित जत्थे लेकर आ सकते हैं. मगर, जब जत्थे के लोग धर्म स्थल के सामने पहुंचे तो कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने सफेद पाउडर (चूने जैसा केमिकल) उड़ा दिया. इसकी प्रतिक्रिया में कुछ अज्ञात लोगों ने पत्थर फेंका. इसके बाद दोनों पक्षों से लगभग 200 से 250 लोग पत्थरबाजी करने लगे. मौके पर खड़े सरकारी वाहन यूपी 25 एजी 0862 पर पत्थरबाजी कर दी. सरकारी वाहन को तोड़ दिया गया. वहां मौजूद पुलिसकर्मी भी काफी मुश्किल से अपनी जान को बचा पाए. जनता में काफी अफरा- तफरी का माहौल बन गया. लोग घरों के दरवाजे बंद कर भाग गए. बलवाई भीड़ ने सुरेश शर्मा नगर चौराहे के पास पीलीभीत बाईपास पर जाम लगा दिया. यह जाम काफी मुश्किल से खुलवाया जा सका था. 24 जुलाई को पुलिस रिपोर्ट संख्या 006 पर तस्करा अंकित किया गया है. ” अज्ञात व्यक्तियों के बारे में जानकारी करने से पता नहीं चल सका है. इसकी जांच उप निरीक्षक शिव कुमार शर्मा को सौंपी गई है.”

इन धाराओं में एफआईआर

पुलिस की तरफ से कराई गई एफआईआर में 200 से 250 लोग आरोपी बनाए गए हैं. मंगलवार को हुई इस एफआइआर में धारा 147, 148, 336, 427, 283, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 (7) , सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 (2) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 (3) का केस बनाया गया है.

वायरल वीडियो बने प्रमाण

इस मामले में कई वीडियो वायरल हुए हैं. सोमवार को बवाल का एक नया वीडियो वायरल हुआ था. इसमें कांवड़ का जुलूस निकल रहा है. जुलूस में काफी भीड़ है, इसमें डीजे बज रहा है, लेकिन कांवड़ जुलूस में शामिल कुछ लोग धर्म स्थल के पास रंग उड़ा रहे हैं. मस्जिद के पास मुस्लिम भी खड़े हैं. पुलिस रंग न उड़ाने की बात कह रही है. बार-बार पुलिस वीडियो बनाने की बात कह रही है. इसी भीड़ में से किसी ने चप्पल या कोई चीज फेंकी. इसके बाद चीख पुकार मच गई. कुछ ही देर में जुलूस में शामिल महिला, बच्चे, लोग हट गए. पुलिस ने मस्जिद का गेट बंद कर दिया. मगर, इसके बाद दूसरे वीडियो में एक खुराफाती गली में पत्थर फेंक रहा है. उसने एक समुदाय की तरफ आ पथराव को लेकर चीख पुकार की. इसके बाद भीड़ एकत्र हो गई. वीडियो में इंस्पेक्टर सबारादरी अभिषेक सिंह भीड़ को पथराव से रोकने की काफी कोशिश कर रहे हैं. मगर, लोग उत्तेजित हैं. दूसरी तरफ से कोई पथराव नहीं हो रहा है. जुलूस में शामिल कुछ लोग लगातार एक समुदाय के घरों पर पथराव कर रहे हैं. यह दोनों वीडियो काफी वायरल हो रहे हैं.

एक- दूसरे पर आरोप लगा रहे दोनों पक्ष

कांवड़ियों का आरोप है कि जुलूस निकल रहा था. मस्जिद के पास एक समुदाय विशेष ने पथराव कर दिया. इससे ही माहौल खराब हुआ था, जबकि समुदाय विशेष का आरोप है कि कुछ वर्ष पूर्व बारादरी थाने के एक इंस्पेक्टर ने प्रमुख लोगों की मौजूदगी में एक लिखित समझौते के तहत 10-10 लोगों का कावड़ जुलूस निकालने का लिखित में फैसला हुआ था. मगर, एक साथ हजारों लोगों के साथ जुलूस निकाला जा रहा था. यह भीड़ उनके धर्मस्थल के पास आकर रंग फेंकने लगी. पुलिस ने मना किया, लेकिन वह नहीं माने. हमारी तरफ से कोई भी पथराव नहीं हुआ है. इसके वीडियो में साक्ष्य मौजूद हैं. जुलूस में शामिल ही लोगों ने पथराव किया. यह वीडियो भी वायरल हो रहा है. सीसीटीवी और वीडियो के आधार पर किसकी गलती है, यह देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि बवाल प्लानिंग के तहत कराया गया था.

जेल जाने से पहले, यह बोले पूर्व पार्षद

पूर्व पार्षद उस्मान, और साजिद से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया.जेल जाने से पहले जिला अस्पताल में उस्मान ने मीडिया को बताया कि यह राजनीतिक लड़ाई है. डॉ. बनवारी लाल वार्ड 48 से सभासद है. उनके खिलाफ अंशू ने चुनाव लड़ा था. वह कांवड़ लेकर निकल रहे थे, पीछे अंशू के आदमी शामिल हो गए.इन लोगों ने बवाल करवा दिया.इस मामले में पुलिस अब तक आधा दर्जन आरोपियों को हिरासत में ले चुकी है.पुलिस की जांच में भी पूरा बवाल एक सोची समझी साजिश के तहत हुआ है. इस को लेकर गहनता से जांच की जा रही है.

आईएमसी ने पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के पदाधिकारियों ने मंगलवार को जोगी नवादा बवाल में एकतरफा कार्रवाई पर नाराजगी जताई.उन्होंने आरोप लगाया कि एक पक्ष पर कार्रवाई की गई है.यह गलत है. आईएमसी के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा.इसके साथ ही निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. शहर के बारादरी थाना क्षेत्र की के पास कावड़ यात्रा को लेकर 23 जून को बवाल हो गया था. इसके बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है. मगर,इस मामले को लेकर आईएमसी के पदाधिकारी खफा हैं. उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा.

एसीएम को सौंपा राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन
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Bareilly news : अब जोगी नवादा बवाल में 250 लोगों पर fir, सफेद पाउडर उड़ाने से बिगड़े थे हालात 2

आईएमसी के पदाधिकारियों ने ज्ञापन देते हुए कहा कि बारादरी थाने के मोहल्ला जोगी नवादा में 23 जुलाई की दोपहर 2:30 बजे कंवड़ियों का जत्था गुजर रहा था.कांवड़ियों के जत्थे में शामिल धर्म स्थल पर राख डाली थी. लोगों ने मना किया, इंस्पेक्टर बारादरी ने कंवड़ियों को राख डालने से रोकने की कोशिश की, लेकिन कंवड़ियों ने राख डालना बंद नहीं किया. इसका मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया लेकिन कांवड़ियों ने राख डालना बंद नहीं किया. उलटा पथराव शुरू कर दिया.

पुलिस पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप

आईएमसी प्रमुख नदीम खान ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस एक पक्ष पर कार्रवाई कर रही है.उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय की रिपोर्ट भी नहीं लिखी गई है,और न ही किसी का मेडिकल कराया.इसमें जाहिद नाम के शख्स ने थाने में चोटिल अवस्था में पहुंचकर रिपोर्ट लिखाने की गुजारिश की, लेकिन थाना बारादरी पुलिस ने उसकी रिपोर्ट न लिखकर थाने में बैठा लिया. पुलिस ने अभी तक आगे की कार्रवाई नहीं की.

आला अधिकारी पल पल की ले रहे रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा के गुसाई गोटिया रिलायंस टावर के पास कांवड़ियों के जत्थे के गुजरने के दौरान हुए बवाल में आला अधिकारियों ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में घटना के समय कौन पुलिस कर्मी कहां तैनात था. उसकी भूमिका क्या थी . रिस्पांस टाइम कितना था आदि रिपोर्ट मांगी है. अतिसंवेदनशील मामला होने के कारण कोई भी पुलिस अधिकारी अपने स्तर से चूक नहीं करना चाहता है. थाना पुलिस ने जो रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है उसको भी गोपनीय तरीके से क्रास चेक किया जा रहा है. वहीं सीनियर अधिकारियों के यहां कुछ लोग पहुंच रहे हैं और खुद के निर्दोश होने की दुहाई दे रहे हैं.

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