लखनऊ. सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत नगर विकास विभाग ने सेफ सिटी एप को अपने स्मार्ट सिटी एप में समाहित करने का निर्णय लिया है. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष सेफ सिटी परियोजना को लेकर हुए प्रतुतिकरण में इसकी जानकारी दी गई है. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार सेफ सिटी परियोजना को तेज़ी से धरातल पर उतारने की दिशा में बढ़ रही है. परियोजना को तय समय में पूर्ण करने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारियां प्रदान की गई हैं.
परियोजना के अंतर्गत नगर विकास विभाग से प्रथम चरण में 17 नगर निगम एवं गौतमबुद्ध नगर में सीसीटीवी के डेटा कॉलेक्शन की अपेक्षा की गई थी जिसके जवाब ने नगर विकास विभाग द्वारा प्रगति के विषय में जानकारी दी गई. इसमें बताया गया कि कमेटी का गठन जल्द से जल्द किया जाना है. सेफ सिटी एप को लेकर बताया गया है कि स्मार्ट सिटी एप में ही सेफ सिटी एप को समाहित किया जाएगा. इसके साथ ही वाराणसी को छोड़कर सभी 16 नगर निगमों में वरिष्ठों के लिए डे केअर सेंटर की शुरुआत हो चुकी है. इसी के तहत मिशन निदेशक स्मार्ट सिटी धर्मेंद्र प्रातप सिंह को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किया गया है.
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परिवहन विभाग से सभी सिटी बसों, ओला, उबेर में सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाए जाने की अपेक्षा की गई थी. इसके जवाब में परिवहन विभाग द्वारा बताया गया कि इसके लिए दिल्ली मॉडल का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग, को 13 जुलाई 2023 को उपलब्ध करा दी गई है. इन्टीग्रेशन के सम्बन्ध में वार्ता के लिए ‘ओला’ एवं ‘उबर’ के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है. परिवहन विभाग द्वारा यूपी 112 के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मंत्रणा कर योजना के क्रियान्वयन, इण्टीग्रेशन की कार्य-योजना तय करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा परिवहन विभाग को नयन एप का अध्ययन किए जाने हेतु कहा गया है.