दिवाकर सिंह, रांची: झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन (जेएफए) राज्य के फुटबॉलरों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है. जेएफए की लापरवाही का नतीजा झारखंड के फुटबॉलर भुगत रहे हैं, क्योंकि राज्य में जो भी लीग हो रहे हैं, वे ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआइएफएफ) से रजिस्टर्ड नहीं हैं. एआईएफएफ से रजिस्टर्ड नहीं होने से यहां के सभी लीग ‘खस्सी टूर्नामेंट’ (क्योंकि इन लीग में खेल कर फुटबॉलर आगे नहीं बढ़ सकते हैं) के बराबर हैं. लीग खेलने से यहां के हजारों फुटबॉलरों को सीधा नुकसान हो रहा है. एआईएफएफ के पत्र के अनुसार झारखंड में होनेवाली कोई भी लीग रजिस्टर्ड नहीं है, इसलिए एआईएफएफ ने झारखंड को अपनी सूची में ही नहीं शामिल किया है.
राज्य की कोई भी फुटबॉल लीग एआईएफएफ से नहीं है रजिस्टर्ड
एआईएफएफ ने सत्र 2022-23 के देश के सभी लीग की सूची जारी की है, जिसमें झारखंड शामिल नहीं है. पूरे देश में झारखंड ही एकमात्र राज्य है, जहां फुटबॉल की ये स्थिति है. तेलंगाना जैसे राज्य में भी लीग के साथ खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. एआइएफएफ ने कुल 73 प्रतियोगिता की सूची जारी की है. इनमें जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की प्रतियोगिता शामिल हैं. इस सूची में झारखंड की किसी भी जिला या राज्य स्तर तक प्रतियोगिता को जगह नहीं मिली है.
प्रैक्टिस कंपसेशन से भी वंचित हैं राज्य के फुटबॉलर
प्रतियोगिताएं रजिस्टर्ड नहीं होने का सीधा नुकसान राज्य के खिलाड़ियों को होता है. वो सुपर डिवीजन खेले या खस्सी टूर्नामेंट दोनों एक जैसे ही हैं. इसके अलावा लीग खेलने पर एआइएफएफ खिलाड़ियों को प्रैक्टिस कंपसेशन देता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण इसका सीधा नुकसान खिलाड़ियों को हो रहा है.
सत्र 2022-23 में राज्य की कोई भी प्रतियोगिता सीएसआर के तहत रजिस्टर्ड नहीं है. हम 2024 के सत्र में लीग को रजिस्टर करवा रहे हैं.
-गुलाम रब्बानी, महासचिव, जेएफए
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