पलामू, सैकत चटर्जी : पलामू जिले में फिर एक नाबालिग ने प्यार में असफल होने पर जहर खाकर अपनी जान दे दी है. यह घटना जिले की उंटारी रोड थाना क्षेत्र स्थित लहर बंजारी गांव का है. मृतक की पहचान नावाडीह टोला निवासी बहादुर चौधरी के बेटे रविंद्र कुमार चौधरी (16) के रूप में की गई है. मालूम हो कि पिछले डेढ़ माह में प्यार में आत्महत्या का यह तीसरा मामला है.
रविंद्र ने क्यों किया आत्महत्या
ग्रामीण सूत्रों कि मानें तो रविंद्र ने प्रेम प्रसंग में जहर खाकर अपनी जान दी है. सूत्रों के अनुसार रविद्र चैनपुर थाना क्षेत्र की एक लड़की से प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था. लेकिन लड़की शादी के लिए तैयार नहीं थी. पहले तो रविंद्र इस एकतरफा प्यार में प्रेमिका को मनाने का हर प्रयत्न किया पर असफल होने पर जहरीली पदार्थ खा कर जान दे दिया.
बिना पुलिस को सूचना दिए कर दिया अंतिम संस्कार
रविंद्र के जहर खाने की जानकारी होने पर परिजनों ने उसे रेफरल अस्पताल मझिआंव ले गये. जहां चिकित्सकों ने नाजुक स्थिति को देखते हुए गढ़वा सदर अस्पताल रेफर कर दिया. वहीं इलाज के दौरान रविंद्र की मौत हो गयी. जिसके बाद परिजनों ने आनन-फानन में उसका अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस को इसकी कोई सूचना नही दी गई.
सोशल मीडिया पर बताया अपना दर्द
रविंद्र ने मरने से कुछ दिन पहले अपने फेसबुक हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडीओ के माध्यम से वह सभी को लड़की से प्यार न करने की बाते कह रहा था. उसने कहा कि अगर किसी लड़की से प्यार करोगे तो पूरी जिंदगी पछताना पड़ेगा. यह वीडीओ करीब 1 मिनट 37 सेकंड का है.
डेढ़ माह में तीन किशोर ने किया आत्महत्या
इस घटना से लहर बंजारी गांव में शोक की लहर है. लोग काफी सदमे में है. पिछले डेढ़ माह के अंदर प्रेम प्रसंग के कारण तीन किशोर ने आत्महत्या की है. इनमें एक की उम्र 19 वर्ष, दूसरे की 17 वर्ष और तीसरे की 16 वर्ष है. मरने से पहले दो ने सुसाइड नोट छोड़ा जबकि एक नाबालिग ने वीडियो पोस्ट किया. तीनों मामलों में अभी तक पुलिस कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाई है. इधर गांव वाले परेशान है कि उनके गांव में ये लगातार क्या हो रहा है.
सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों के लिए घातक
शहर के जाने माने चिकित्सक व रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव डॉ सत्यजीत गुप्ता ने प्रभात खबर को बताया की सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल बच्चो के लिए घातक सिद्ध हो रहा है. बच्चे अपने उम्र के अपेक्षा जल्द परिपक्व हो जा रहे है, उनकी सहन शक्ति भी घटती जा रही है, बच्चे बहुत जल्द तनाव में आ जा रहे है है और खतरनाक सिद्ध होने वाले निर्णय ले रहे है. डॉ गुप्ता ने साफ कहा कि बच्चों की सुरक्षित जिंदगी चाहते हैं तो एक निर्दिष्ट उम्र तक उन्हें सोशल मीडिया से बिलकुल दूर रखे.
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