मोबाइल और स्मार्टफोन के जमाने में अपराधी भी नित नये तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाने में जुटे रहते हैं. ऐसे ही कुछ ठगों ने केंद्रीय जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री प्रह्लाद पटेल को भी निशाना बनाने की कोशिश की. पिछले महीने मंत्री के फोन पर एक अनजान नंबर से वॉट्सएप पर वीडियो कॉल आया. रिसीव करते ही एक अश्लील वीडियो चलने लगा. मंत्री ने फोन काट दिया. फिर दूसरा कॉल आया जिसमें कॉलर ने वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देने की धमकी दी.
बात पुलिस तक पहुंची और फिर राजस्थान में भरतपुर से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले से यह समझा जा सकता है कि ऐसे अपराधियों का साहस कितना ज्यादा है. दरअसल, यह एक नये तरह की साइबर ठगी है जिसमें अपराधी बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं. इसे सेक्सटॉर्शन कहा जाता है जो सेक्स और एक्सटॉर्शन शब्द का मेल है. इसमें अपराधी शिकार के साथ सोशल मीडिया या फोन के जरिये दोस्ती गांठते हैं और लुभाकर उनकी निजी और नग्न तस्वीरें या वीडियो मंगवा लेते हैं.
फिर वे उनको इंटरनेट पर डालने या घरवालों और करीबी लोगों को भेजने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं. केंद्रीय मंत्री के साथ जो घटना हुई वह एक नये तरह की ठगी है. इसमें कॉल उठाते ही अश्लील वीडियो चलता है और वीडियो कॉल होने की वजह से स्क्रीन देखते व्यक्ति का चेहरा भी कैमरे में कैद हो जाता है. इसे रिकॉर्ड कर लिया जाता है और फिर धमकी दी जाने लगती है. समस्या सारी दुनिया में है. अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआइ के अनुसार अमेरिका में पिछले साल कम-से-कम तीन हजार लोग सेक्सटॉर्शन का शिकार बने.
खास तौर पर 14 से 17 साल के किशोरों को अक्सर फर्जी महिलाओं के खातों से शिकार बनाने की कोशिश की गयी, और एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली. दिल्ली पुलिस के अनुसार, भारत में सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों में ज्यादा संख्या महिलाओं की है. ऐसे अपराधों से बचने के लिए जागरूकता फैलायी जानी चाहिए. खास तौर पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों को समझाया जाना चाहिए, ताकि वे ऐसे अनजान कॉल के झांसे में आने से बचें. और यदि असावधानी में वे ऐसे अपराधियों के चंगुल में फंस भी जाएं, तो अपने माता-पिता, शिक्षक, संबंधी या पुलिस की सहायता लें और कोई भी खतरनाक कदम न उठाएं.