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कानपुर से नोएडा तक की यात्रा महज साढ़े तीन घंटे में होगी पूरी, एक्सप्रेसवे से होगा इन 6 जिलों को सीधा फायदा

ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का काम अब प्रगति पर है. नोएडा से कानपुर को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे जल्द बनाया जाएगा. इस सड़क को हापुड़ से जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबी कनेक्टर रोड भी बनेगी. पहले कानपुर से हापुड़ के बीच एक्सप्रेसवे की योजना थी.

Lucknow : कानपुर से गाजियाबाद तक की यात्रा महज साढ़े तीन घंटे में पूरी होगी. ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का काम अब प्रगति पर है. नोएडा-कानपुर को जोड़ने वाली इस एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द शुरू होगा. इस सड़क को हापुड़ से जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबी कनेक्टर रोड भी बनेगी. पहले कानपुर से हापुड़ के बीच एक्सप्रेसवे की योजना थी, अब उसमें बदलाव किया गया है. जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को ध्यान में रखकर यह परिवर्तन किया गया है. एनएचएआई के इंजीनियरों ने प्रारंभिक स्तर पर डिटेल प्रॉजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली है, जिसे मंत्रालय की मंजूरी के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा.

कानपुर से कन्नौज तक मौजूदा जीटी रोड के ऊपर एक्सप्रेसवे को बनाया जाएगा. कन्नौज के बाद ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा. यह एक्सप्रेसवे अलीगढ़ के रास्ते नोएडा तक आएगा. जहां ग्रेटर नोएडा के सिरसा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा. जेवर एयरपोर्ट के पास वाहनों के चढ़ने और उतरने के लिए लूप बनाया जाएगा. आगे सिरसा तक एक्सप्रेसवे जाएगा। जहां से लोग ईस्टर्न पेरिफेरल पकड़कर गाजियाबाद, फरीदाबाद जा सकेंगे.

शुरुआत में ही छह लेन बनाने का सुझाव

सर्वे में सुझाव दिया गया है कि एक्सप्रेसवे को शुरुआत में ही छह लेन बनाया जाएगा, क्योंकि इसके ऊपर काफी ट्रैफिक जाएगा. जीटी रोड का ट्रैफिक भी इस पर परिवर्तित होगा. जेवर एयरपोर्ट बनने पर लोगों का आवागमन भी तेजी से बढ़ेगा.

क्यों पड़ी एलाइनमेंट में बदलाव की जरूरत

सर्वे में पाया गया कि जेवर एयरपोर्ट बनने के बाद सीधे कनेक्विटी की जरूरत होगी. एनएचएआई टीम ने सुझाव रखा कि अगर जेवर के रास्ते हापुड़ को सीधे कानपुर-नोएडा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा तो ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा.

डीपीआर अप्रूव होने का इंतजार

इस प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण के लिए कहां-कहां जरूरत पड़ेगी. डीपीआर में इसकी भी पूरी जानकारी दी गई है. फिर राज्य सरकार की मदद से जमीन अधिग्रहण का काम करवाया जाएगा. डीपीआर में फाइनल होगा कि कॉरिडोर में कहां एलिवेटेड सेक्शन होगा, कहां अंडरपास बनेगा और कहां एंट्री और एग्जिट दिया जाएगा. अप्रूवल के बाद इस प्रॉजेक्ट पर काम शुरू करवाया जाएगा. गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर हरियाली से भरा होगा.

90 फीसदी जमीन अधिग्रहण हो चुका है

एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि यह एक्सप्रेसवे-4 लेन का होगा. इसमें 90 फीसदी जमीन का पहले ही अधिग्रहण हो चुका है. केवल 10 फीसदी जमीन की जरूरत पड़ेगी. साल 2025 तक इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से प्रदेश के दो औद्योगिक जिलों के बीच कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही इससे हजारों लोगों के लिए रोजगार का भी इंतजाम होगा.

कॉरिडोर का उत्तरी टर्मिनल NH-9 (गाजियाबाद-हापुड़ राजमार्ग) पर स्थित होगा. दक्षिणी टर्मिनल कानपुर-उन्नाव के बीच, आगामी 62.7 किलोमीटर कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर स्थित होगा. गलियारा गाजियाबाद और हापुड़ में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगा. प्रॉजेक्ट डायरेक्टर पीके कौशिक ने बताया कि गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे का डीपीआर बनाए जाने का काम शुरू हो गया. अलाइनमेंट बनाने का काम पूरा हो चुका है. तीन विकल्प में से एक विकल्प को फाइनल किया जाएगा.

देलखंड एक्सप्रेसवे पर अब लगेगा टोल टैक्स

वहीं 7 जिलों से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर हवन पूजन के साथ टोल टैक्स का शुभारंभ कर दिया गया. अब आने जाने वाले वाहनों पर टोल टैक्स लेना शुरू कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट ऑथोरिटी (यूपीडा) के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स का शुभारंभ कर दिया है. उन्होंने आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 133 से शुरू होकर चित्रकूट की ओर जाने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 287 पर बने प्रमुख टोल प्लाजा पर बुधवार रात सवा आठ बजे शुभारंभ किया.

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बनने से चित्रकूट तक जाने का रास्ता बहुत आसान हो गया है. अब टोल प्लाजा का शुभारंभ कर दिया गया है. 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस पर आम लोगों को बुंदेलखंड तक जाने की राह आसान रहेगी. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी खोली जा रही है. एक्सप्रेसवे पर यूपीडा के कर्मचारी दिन रात तैनात रहेंगे. उनके साथ उप मुख्य पालक श्रीष चंद्र वर्मा के अलावा यूपीडा के कुदरैल से लेकर जालौन तक के मुख्य सुरक्षा अधिकारी विजय सिंह आदि भी मौजूद रहे.

ताखा से चित्रकूट के बीच 296 किलोमीटर के एकसप्रेसवे पर तेरह टोल प्लाजा होंगे. कार से सफर करने के लिए 620 रुपये देने होंगे. सबसे भारी वाहन पर 3895 रूपए देने होंगे. बाइक और ट्रैक्टर चालकों को चित्रकूट के लिए 310 रुपये देने होंगे. वहीं, आने जाने का 495 लगेगा.

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