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Litti Chokha History: मगध काल से है लिट्टी चोखा का रिश्ता, जानें ये कैसे बन गया बिहार की पहचान

Litti Chokha History: अब लिट्टी-चोखा न सिर्फ बिहार, झारखंड में बल्कि पूरे भारत में मशहूर है, जिसे लोग बड़ी शौक से खाते और बनाते हैं. आज हम आपको बताने वाले हैं लिट्टी-चोखा के इतिहास के बारे में

Litti Chokha History: लिट्टी-चोखा को बिहार का व्यंजन माना जाता है, क्योंकि यह बिहार की एक पारंपरिक डिश है, जिसे लोग ब्रेकफास्ट से लेकर लंच में बड़ी चाव से खाते हैं. हालांकि, अब लिट्टी-चोखा न सिर्फ बिहार, झारखंड में बल्कि पूरे भारत में मशहूर है, जिसे लोग बड़ी शौक से खाते और बनाते हैं. आज हम आपको बताने वाले हैं लिट्टी-चोखा के इतिहास के बारे में

मुगलकाल में लिट्टी चोखा

मुगलकाल में लिट्टी चोखा के प्रमाण मिलते हैं, लेकिन इस दौरान इसे खाने का तौर-तरीका बदल गया. मुगल काल में मांसाहारी खाने का प्रचलन ज्यादा था. इसलिए लिट्टी को शोरबा और पाया के साथ खाया जाने लगा. अंग्रेजों के समय लिट्टी को करी के साथ खाया जाने लगा। वक्त के साथ लिट्टी चोखा के साथ कई तरह के नए प्रयोग किए गए.

मगध काल में हुई लिट्टी-चोखा की शुरुआत

माना जाता है कि लिट्टी-चोखा बनाने की शुरुआत मगध काल में हुई. मगध बहुत बड़ा साम्राज्य था, चंद्रगुप्त मौर्य यहां के राजा थे, इसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी. जिसे अब पटना के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि पुराने जमाने में सैनिक युद्ध के दौरान लिट्टी-चोखा खाते थे. यह जल्दी खराब नहीं होती थी. इसे बनाना और पैक करना काफी आसान था. इसलिए सैनिक भोजन के रूप में इसे अपने साथ ले जाते थे.

कई किताबों के अनुसार 18वीं शताब्दी में लंबी दूरी तय करने वाले मुसाफिरों का मुख्य भोजन लिट्टी-चोखा ही था. इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि बिहार में पहले लिट्टी-चोखा को किसान लोग खाया और बनाया करते थे. क्योंकि इसे बनाने में अधिक समय नहीं लगता थी और यह पेट के लिए काफी फायदेमंद था.

1857 के विद्रोह में भी हुआ है लिट्टी चोखा खाने का जिक्र

1857 के विद्रोह में सैनिकों के लिट्टी चोखा खाने का जिक्र मिलता है. तात्या टोपे और रानी लक्ष्मी बाई ने इसे अपने सैनिकों के खाने के तौर पर चुना था. इसे फूड फॉर सरवाइवल कहा गया. उस दौर में ये अपनी खासियत की वजह से युद्धभूमि प्रचलन में आया. इसे बनाने के लिए किसी बर्तन की जरूरत नहीं है, इसमें पानी भी कम लगता है और ये सुपाच्य और पौष्टिक भी है. सैनिकों को इससे लड़ने की ताकत मिलती. ये जल्दी खराब भी नहीं होता. एक बार बना लेने के बाद इसे दो-तीन दिन तक खाया जा सकता है.

लिट्टी-चोखा बनाने के लिए सामग्री

लिट्टी के लिए सामग्री

आटा – 2 कप

सत्तू – 1 कप

तेल – 2 टी स्पून

घी – 2 टेबल स्पून

प्याज बारीक कटा – 1

लहसुन कद्दूकस – 5

हरी मिर्च कटी – 3

हरा धनिया बारीक कटा – 1/2 कप

अजवाइन – डेढ़ टी स्पून

नींबू रस – 1 टी स्पून

अचार मसाला – 1 टेबल स्पून

नमक – स्वादानुसार

चोखा बनाने की सामग्री

बड़ा बैंगन गोल वाला – 1

आलू – 3

टमाटर – 2

प्याज बारीक कटा – 1

अदरक बारीक कटा – 1 टुकड़ा

हरी मिर्च बारीक कटी – 2

लहसुन कटी – 3

हरा धनिया – 1 टी स्पून

नींबू – 1

तेल – 1 टेबल स्पून

नमक – स्वाद के अनुसार

लिट्टी-चोखा बनाने की विधि

लिट्टी चोखा बनाने के लिए सबसे पहले लिट्टी बनाने की शुरुआत करें. सबसे पहले आटे को लें और उसे अच्छी तरह से छान लें. फिर उसे एक बर्तन में निकाल लें. अब इसमें घी, स्वादनुसार नमक डालकर अच्छे से मिला दें. अब गुनगुने पानी की मदद से आटे को नरम गूंथ लें. अब इस गुंथे हुए आटे को आधा घंटे के लिए ढंककर अलग रख दें.

इसके बाद लिट्टी का मसाला तैयार करने की शुरुआत करें. सबसे पहले एक बर्तन में सत्तू निकाल लें. उसमें हरी मिर्च, धनिया, अदरक, नींबू का रस, काला नमक, जीरा, सादा नमक और अचार का मसाला डालकर अच्छी तरह से मिला लें. इस मिश्रण में थोड़ा सा सरसों का तेल भी डाल दें. अब इसमें हल्का सा पानी मिला दें और मसाले को दरदरा बना लें.

अब गुंथे हुए आटे को लें और उससे मीडियम साइज की लोइयां बना लें. इन लोइयों को हथेली पर रखकर कटोरी जैसा आकार दें. अब इसमें तैयार किया गया लिट्टी मसाला एक से दो चम्मच के बीच भरें. और आटे को चारों ओर से उठाकर बंद कर दें. अब इसे गोल कर लोई बना लें. जब लोई गोल हो जाए तो उसे हथेली से दबाकर थोड़ा सा चपटा कर लें. अब एक लोहे का बर्तन लें उसमें लकड़ी या कोयले की मदद से आग तैयार करें. अब आपने जो लोई तैयार की हैं उन्हें इस आग में सेंक लें. बीच में चेक करते रहे कि लिट्टी अच्छे से सिकी है या नहीं. जैसे-जैसे लिट्टी सिकते जाएं उन्हें आग से बाहर निकालकर अलग रख दें.

चोखा बनाने के लिए सबसे पहले बैंगन, आलू और टमाटर को अच्छी तरह से भून लें. इसके बाद उनका छिलका उतार दें. अब एक बर्तन में इन्हें लेकर अच्छी तरह से मैश कर लें. अब इसमें प्याज, धनिया, नींबू, मिर्च, नमक और तेल डालकर अच्छी तरह से मिला दें. एक कड़ाही लें उसमें थोड़ा सा तेल गर्म करें और लहसुन अदरक का तड़का तैयार करें. इस तड़के को चोखे में मिला दें. इस तरह आपको चोखा भी तैयार हो चुका है. अब लिट्टी को बीच से तोड़कर घी में डुबो दें और लिट्टी चोखा को सरसों की चटनी या दही के साथ सर्व करें.

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