RVNL Privatization: केंद्र सरकार ने रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) में अपनी 5.36 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है. सरकार इसके जरिए खजाने में 1,329.90 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही थी. मगर, बाजार में निवेशकों ने सरकार की आशा से ज्यादा इसे महत्व दिया है. इसे बिक्री पेशकश को पहले दिन 2.73 गुना अभिदान मिला. संस्थागत निवेशकों ने लगभग 2,000 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई. बिक्री पेशकश का पहला दिन संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित था और उन्होंने निर्धारित 6.38 करोड़ शेयरों की तुलना में 15.64 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां लगाईं. पेशकश के लिए 121.17 रुपये प्रति शेयर का सांकेतिक मूल्य रहा. उस हिसाब से लगाई गई बोलियों का मूल्य करीब 2,000 करोड़ रुपये है.
119 रुपये शेयर का मुल्य किया गया तय
सरकार ने बिक्री पेशकश के जरिये आरवीएनएल के 11.17 करोड़ शेयरों को बेचकर अपनी 5.36 प्रतिशत हिस्सेदारी कम करने का फैसला किया है. इसके लिए 119 रुपये प्रति शेयर का आरक्षित मूल्य तय किया गया है. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि प्रस्तावित बिक्री पेशकश में आरवीएनएल के 70,890,683 इक्विटी शेयर शामिल हैं. यह 3.40 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. साथ ही 40,866,394 अतिरिक्त इक्विटी शेयर बेचने का विकल्प भी है, जो कुल जारी और चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 1.96 प्रतिशत है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर लिखा कि आरवीएनएल में बिक्री पेश को गैर-खुदरा निवेशकों से आज अच्छी प्रतिक्रिया मिली. सरकार ने अतिरिक्त 1.96 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का भी निर्णय किया है.
आज खुदरा निवेशक लगाएंगे बोलियां
शेयर बिक्री के पहले दिन संस्थागत निवेशकों ने 6.38 करोड़ शेयरों के सामने 17.44 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां लगाईं. ये बोलियां 121.76 रुपये की सांकेतिक कीमत पर करीब 2,100 करोड़ रुपये की है. शुक्रवार को खुदरा निवेशक इसके लिए बोलियां लगाएंगे. सरकार यह पेशकश कंपनी में न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी रखने के लिए ला रही है. फिलहाल आरवीएनएल में सरकार की हिस्सेदारी 78.20 प्रतिशत है. आरवीएनएल का गठन जनवरी, 2003 में रेल मंत्रालय के पूर्ण स्वामित्व वाली सार्वजनिक इकाई के तौर पर किया गया था. इसके जरिये रेलवे की ढांचागत विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन और उनके लिए वित्त जुटाने का लक्ष्य रखा गया था.
(इनपुट-भाषा)
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