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लखनऊ: PGI में होगा वायरल रिसर्च लैब की शुरूआत, मरीजों की मुफ्त में होंगी कई बड़ी जांचें

लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में बड़े लैब की शुरूआत होने जा रही है. इस प्रयोगशाला में डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इन्सेफलाइटिस,इन्फ्लूएंजा, एंटरोवायरस, एडेनोवायरस, खसरा और सामान्य वायरल के अलावा बीमारियों पर सीरोलॉजिकल और आणुविक परीक्षण, अनुसंधान और उपचार किया जाएगा.

Lucknow : लखनऊ के लोगों को किसी भी तरह की बीमारी की जांच के लिए दिल्ली या नोएडा नहीं जाना पड़ेगा. सभी तरह की जांच उन्हें अपने ही शहर में मिलेंगी. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान यानी पीजीआई में वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला की शुरुआत की जाएगी. नई दिल्ली के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग ने इस पर अपनी स्वीकृति दे दी है.

पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग जोकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है. इस विभाग ने पीजीआई लखनऊ में वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला को स्वीकृति दे दी है. उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इन्सेफलाइटिस, इन्फ्लूएंजा, एंटरोवायरस, एडेनोवायरस, खसरा, रूबेला, रोटा वायरस, जीका वायरस और पश्चिमी नाइल वायरस और सामान्य वायरल के अलावा बीमारियों पर सीरोलॉजिकल और आणुविक परीक्षण, अनुसंधान और उपचार किया जाएगा.

मुफ्त में होंगी जांचें

माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रूंगमेई एसके मारक ने बताया कि इस योजना के तहत एक अलग प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और पीजीआई में भर्ती सभी मरीजों और ओपीडी मरीजों के लिए तेज बुखार बीमारी, इंसेफलाइटिस, सांस वायरस संक्रमण के निदान के लिए सभी जांच मुफ्त होंगी. इसके अलावा वीआरडीएल प्रयोगशाला विभाग में चल रहे मौजूदा संक्रामक रोग निगरानी कार्यक्रम जोकि उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम है. इसके साथ मिलकर किसी भी बीमारी के फैलने या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में अन्य सरकारी अस्पतालों और पड़ोसी जिलों से नमूनों का परीक्षण यहीं पर किया जाएगा. यानी सभी तरह के सैंपल की जांच यहां पर हो सकेगी. इस प्रयोगशाला से लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों को फायदा होगा.

पीजीआई में हर हफ्ते होंगे 5 से 6 गुर्दा प्रत्यारोपण

पीजीआई के कुछ विभागों में वेटिंग लिस्ट ज्यादा होने के कारण उन्हें ऑपरेशन के लिए कई महीनों तक का इंतजार करना पड़ता है. फिलहाल पीजीआई का नेफ्रोलॉजी विभाग के आधुनिक गुर्दा प्रत्यारोपण केन्द्र में जल्द ही हर हफ्ते पांच से छह मरीजों का गुर्दा प्रत्यारोपण होगा. इसके लिए सामान्य वार्ड और आईसीयू में बेड की क्षमता समेत डायलिसिस स्टेशन बढ़ा दिए गए हैं.

ऑपरेशन थियेटर से लेकर अन्य तैयारियां अब पूरी हो गई हैं. संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में गुर्दा प्रत्यारोपण मरीजों को अब वेटिंग लिस्ट के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. डॉक्टर के मुताबिक इससे वेटिंग खत्म होगी और गुर्दा प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे 350 मरीजों को राहत मिलेगी.

पीजीआई संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद के मुताबिक संस्थान में गुर्दा प्रत्यारोपण का खर्च निजी संस्थानों के मुकाबले आधा है. इसके चलते यहां यूपी समेत दूसरे राज्यों के मरीजों की संख्या ज्यादा होती है. इसलिए सात से नौ माह की वेटिंग चल रही है. अभी हफ्ते में दो से तीन प्रत्यारोपण ही हो पा रहे हैं, लेकिन जल्द ही पांच से छह प्रत्यारोपण करने की पूरी तैयारी हो गई है. रोजाना कम से कम एक प्रत्यारोपण से वेटिंग वाले मरीजों को राहत मिलेगी. डॉ. नारायण ने बताया कि नए केन्द्र में सामान्य वार्ड में 60 से बढ़ाकर 75 बेड कर दिए गए हैं. आईसीयू में आठ से 10 बेड़ों की संख्या बढ़ा दी गई है.

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