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मणिपुर में I-N-D-I-A का प्रतिनिधिमंडल, पढ़ें विपक्षी नेताओं ने शिविर में क्या कहा ?

मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष मोर्चे पर है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I-N-D-I-A) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल आज मणिपुर पहुंचा. इन नेताओं ने चुराचांदपुर के कई इलाकों का दौरा किया है.

I-N-D-I-A Alliance In Manipur : मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष मोर्चे पर है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल आज मणिपुर पहुंचा. इन नेताओं ने चुराचांदपुर के कई इलाकों का दौरा किया है. हालांकि, यह डेलीगेट अभी कई अन्य राहत शिविरों का दौरा करेंगे. विपक्षी दलों के सांसदों का दल तीन मई से पूर्वोत्तर राज्य में भड़की जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए मणिपुर पहुंचे है.

‘मणिपुर में जातीय संघर्ष भारत की छवि को खराब कर रहा’

इस दौरान प्रतिनिधिदल में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि मणिपुर में जातीय संघर्ष भारत की छवि को खराब कर रहा है और इसे समाप्त करने के लिए सभी दलों को एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश करनी होगी. उन्होंने यह भी कहा है कि हम यहां जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने और समस्या को समझने के लिए आए हैं. हम चाहते हैं कि यह हिंसा जल्द से जल्द समाप्त हो और शांति बहाल हो. आगे उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा है, उसे पूरी दुनिया देख रही है. जातीय हिंसा ने मणिपुर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और पूरे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है. हमें शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए. हम यहां कोई राजनीति करने नहीं आए.

प्रतिनिधि सांसद दिल्ली से विमान के जरिये मणिपुर पहुंचे

बता दें कि विपक्षी गठबंधन के सभी प्रतिनिधि सांसद दिल्ली से विमान के जरिये मणिपुर पहुंचे. प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचने के बाद चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे कुकी समुदाय के पीड़ितों से मिलने गया, जहां हाल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. प्रतिनिधिमंडल के दौरे के संबंध में एक सुरक्षा अधिकारी ने संवदाताओं से कहा, ‘वे सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर गए. इस समय केवल एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा गया और हेलीकॉप्टर उन्हें पहुंचाने के लिए दो फेरे लगाएगा.’

डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर में गई एक टीम

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और अन्य सांसदों की एक टीम चुराचांदपुर के डॉन बॉस्को स्कूल में स्थापित एक राहत शिविर में गई. मणिपुर मामले का राजनीतिकरण करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने कहा, ‘हमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर बहुत खुशी होती, लेकिन वह परिदृश्य में कहीं नजर ही नहीं आ रहे. उन्होंने संसद में मणिपुर को लेकर एक शब्द नहीं कहा.’ उन्होंने आगे कहा, ‘एनडीए इस परिदृश्य से पूरी तरह गायब है, लेकिन ‘I-N-D-I-A’ मौजूद है. ‘I-N-D-I-A’ मणिपुर के लोगों के साथ खड़ा है. हम राज्य में शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.’

कांग्रेस सांसद ने ‘खराब तरीके से निपटने’ का आरोप लगाया

प्रतिनिधिमंडल में शामिल और केरल से कांग्रेस के सांसद के. सुरेश ने केंद्र और मणिपुर सरकार पर स्थिति से ‘‘खराब तरीके से निपटने’’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘हम यहां जमीनी हालात का आकलन करने और हिंसा पीड़ितों से मिलने आए हैं. दिल्ली लौटने के बाद, हम अपने आकलन के आधार पर विभिन्न मुद्दों को संसद में उठाएंगे और इन मुद्दों पर केंद्र का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे.’ कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘ध्रुवीकरण कर रही है’ और उसने दो परस्पर विरोधी समुदायों में से ‘एक को समर्थन दिया’ है.

‘खूबसूरत राज्य के लोग पिछले तीन महीने से कष्ट झेल रहे’, राजद सांसद मनोज झा

राजद के सांसद मनोज झा ने भी दौरे के दौरान कहा है कि इस खूबसूरत राज्य के लोग पिछले तीन महीने से कष्ट झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कोई भी पीड़ितों की शिकायतें सुनने नहीं आया. मनोज झा ने यह भी कहा है कि आज हम यहां कुछ कहने नहीं, बल्कि सिर्फ उनकी बात सुनने आए हैं. हम उनका दर्द महसूस करते हैं और इसीलिए हम यहां हैं.

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वहीं कनिमोई ने कहा कि ‘इंडिया’ के सांसद दोनों समुदायों के लोगों की आवाज सुनेंगे. द्रमुक नेता ने कहा, ‘वे संकट में हैं और केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करने में विफल रही है. राहत शिविरों के हमारे दौरे के निष्कर्षों के साथ, हम कल सुबह राज्यपाल से मिलेंगे और मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसके बाद हम अपने निष्कर्षों को दिल्ली ले जाएंगे और उनके अनुसार अपनी भविष्य की रणनीति तय करेंगे.’ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता एवं सांसद अरविंद सावंत ने प्रधानमंत्री पर संसद में मणिपुर मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि वह (मोदी) संसद में बोलें, लेकिन उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.’

आगे का दौरा

सूत्र ने बताया कि इंफाल लौटने के बाद चौधरी के नेतृत्व वाली टीम मेइती समुदाय के पीड़ितों से मिलने के लिए सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में एक अन्य राहत शिविर में जाएगी. विपक्षी सांसदों की दूसरी टीम इंफाल पूर्वी जिले के अकंपत में ‘आइडियल गर्ल्स कॉलेज’ राहत शिविर जाएगी और इंफाल पश्चिमी जिले के लेम्बोइखोंगांगखोंग में एक अन्य शिविर का दौरा करेगी. एमपीसीसी के अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह राजभवन में राज्यपाल अनसुइया उइके से मिलेगा और मणिपुर की मौजूदा स्थिति एवं शांति बहाल करने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर बात करेगा.

ये दिग्गज है शामिल

इस प्रतिनिधिमंडल के रविवार दोपहर तक दिल्ली लौटने की संभावना है. दौरे से पहले, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की थी. इस प्रतिनिधिमंडल में चौधरी और गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम भी शामिल हैं.

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