Explainer Story: बिहार में अपराध की घटनाएं कई सारी सामने आती हैं लेकिन अगर हत्याओं पर गौर से नजर डाला जाए तो जमीन के विवाद में हत्याएं लगातार हो रही हैं. केवल जमीन के विवाद में ही हत्याएं नहीं हो रहीं बल्कि प्रॉपर्टी डीलरों को भी धड़ल्ले से निशाने पर लिया जा रहा है. जमीन कारोबार सूबे में तेजी से फल-फूल रहा है. लोग इस धंधे में उतरकर मजबूती से धन कमा रहे हैं. कुछ नए कारोबारी इस धंधे में उतरे हैं तो कुछ पुराने खिलाड़ी भी इसमें शामिल हैं. वहीं अब इस धंधे में वर्चस्व को लेकर ताबड़तोड़ हत्याएं हो रही हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हाल में घटी हुई कुछ घटनाएं इस दावे को सच साबित करती हैं.
मुजफ्फरपुर में हाल में ही चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही को गोलियों से भून दिया गया. आशुतोष शाही एक नामी जमीन कारोबारी थे. उनकी हत्या की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है. पुलिस अभी इस बात का खुलासा नहीं कर सकी है कि आशुतोष शाही को किस वजह से मौत के घाट उतारा गया. शूटरों ने बेखौफ होकर उनकी हत्या की. शाही बुलेट प्रुफ कार व निजी अंगरक्षकों के साथ चलते थे. एक अधिवक्ता के घर में बैठे शाही को बेरहमी से मार दिया गया. पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया जिसमें एक प्रॉपर्टी डीलर भी शामिल हैं. प्रॉपर्टी डीलर पवन श्रीवास्तव को भी मुजफ्फरपुर के कांटी थाना क्षेत्र में गोलियों से छलनी करके मार दिया गया था.
वहीं हाल में ही भागलपुर के नवगछिया में भी ऐसी ही एक घटना घटी. गोपालपुर के हरनाथचक में प्रॉपर्टी का धंधा करने वाले पप्पू यादव को मौत के घाट उतार दिया. हरनाथचक के पप्पु यादव को गोलियों से भून दिया गया. अपराधियों ने तीन गोली कनपट्टी में व तीन गोली सीने व पेट में मारी. जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. पप्पु यादव को बचाने आये ब्रह्मदेव सिंह को भी अपराधियों ने गोली मार दी.पप्पू यादव का भी आपराधिक इतिहास रह चुका था. एसडीपीओ के अनुसार, हत्या की वजह पुरानी दुश्मनी थी. पप्पू यादव जमीन की खरीद फरोख्त करता था.
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भागलपुर में ही कई अन्य घटनाएं हाल में घटी जिसमें हत्या का कनेक्शन जमीन के ही कारोबार से जुड़ा रहा. हाल में ही हबीबपुर थाना क्षेत्र में एक प्रॉपर्टी डीलर राकेश सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया गया. मामला एक जमीन की खरीद-बिक्री और पैसे के लेन-देन से जुड़ा ही था. वहीं बबरगंज थाना क्षेत्र के बबरगंज में जमीन कारोबारी अमरेंद्र की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी. ये दो हत्याकांड बेहद चर्चे में रहे. जबकि सुल्तानगंज में जमीन कारोबारी अमित झा की हत्या से भी पूरे इलाके में सनसनी मची रही.
जून महीने में राजधानी पटना के चौक थाना क्षेत्र में अशोक राजपथ के पास तीन अपराधियों ने जमीन कारोबारी विनोद सोनी उर्फ टेनी को दौड़ाकर गोली मारी थी. स्कूटी पर सवार टेनी को जब गोली मारी गयी तो वो जान बचाने भागा. लेकिन अपराधियों ने खदेड़कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. ऐसा ही एक मामला बिहटा में आया जब जुलाई में सुनील कुमार की हत्या अपराधियों ने कर दी थी. दर्जन भर गोली मारी गयी थी. दानापुर में भी जमीन कारोबारी अनिल राय की हत्या गोली मारकर की गयी थी.
लखीसराय में जमीन देखने के बहाने प्रॉपर्टी डीलर पवन सिंह की हत्या का मामला भी सामने आ चुका है. एक जमीन दिखाने का नाम लेकर अपराधियों ने झांसे में लेकर उन्हें बुलाया और प्लॉट पर ही घेरकर गोली मारनी शुरू कर दी. कई राउंड फायर करके मौत के घाट उतार दिया. वहीं गया में जमीन कारोबारी गोविंद प्रसाद वर्मा की हत्या भी गोली मारकर कर दी गयी थी.
जमीन कारोबारियों की हत्या की लिस्ट काफी लंबी है. जमीन के कारोबार में छोटे से लेकर बड़े खिलाड़ी तक मौजूद हैं. दरअसल, जमीन के कारोबार में कई आपराधिक छवि के भी लोग अब आ चुके हैं. पैसे के लोभ में इस कदर अब ये धंधेबाज अंधे हो चुके हैं कि हत्या तक की घटना से नहीं डरते. आए दिन हत्या की घटना सामने आती रहती है. विवादित जमीन या लेनदेन में हुए विवाद के बाद कई मामलों में हत्या की गयी है. वहीं कई मामले आज भी ठंडे पड़े हुए हैं. पुलिस कार्रवाई में होने वाली सुस्ती इन अपराधियों के हौसले बुलंद करते हैं.