पश्चिम बंगाल राज्य ने बार-बार केंद्र पर 100 दिनाें की रोजगार योजना अर्थात मनरेगा के तहत फंड नहीं देने का आरोप लगाया है. इसी बीच, केंद्र सरकार द्वारा राज्य के स्वास्थ्य विभाग को जल्द ही 1400 करोड़ का आवंटन किया जायेगा. आमतौर पर केंद्र सरकार यह फंड तीन-चार चरणों में प्रदान करती है. मालूम हो कि यह पैसा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन परियोजना के तहत आवंटित किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए सालाना 2800 करोड़ रुपये आवंटित किये जाते हैं. जिसमें से राज्य सरकार 40 फीसदी यानी 1120 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार 60 फीसदी यानी 1680 करोड़ रुपये देती है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य में स्वास्थ्य केंद्र बनाये जा रहे हैं, जिसका नाम आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर है. हालांकि राज्य की ओर से बताया गया कि केंद्र की नीति का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है. इसके बाद 23 और 24 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य में कई परियोजनाओं के काम की समीक्षा की. इसके अलावा उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की. उस बैठक के बाद, केंद्र सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 280 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने पर सहमत हुई.
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राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार आमतौर पर यह पैसा तीन किस्तों में देती है. हालांकि इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य अपने 200 करोड़ रुपये पहले ही इस्तेमाल कर चुका है. इसके साथ ही राज्य के 22 अस्पतालों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. उन सभी अस्पतालों में विभिन्न प्रकार के टेस्ट और सर्जरी की सुविधा होगी. जिलों में इनकी स्थापना के लिए 600 करोड़ रुपये और शहरी क्षेत्रों में लगभग 700 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करने के लिए 550 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे. कुल मिला कर राज्य में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही 1400 करोड़ रुपये आवंटित किये जायेंगे