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झारखंड: चार साल में ही टूट गये सरकारी स्कूलों के लाखों रुपये के बेंच-डेस्क, डीडीसी ने दिए जांच के निर्देश

देवघर व मोहनपुर प्रखंड के एक दर्जन स्कूलों में खरीदे गये बेंच-डेस्क टूट कर कबाड़ बन गये हैं. इन टूटे हुए डेस्क व बेंच को स्कूल के अन्य भवनों के कमरों में रखने से ये कमरे कबाड़खाने बन गये हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

Deoghar News: शिक्षा विभाग से चार वर्ष पहले सरकारी स्कूलों में सैकड़ों बेंच-डेस्क की खरीदारी की गयी थी. देवघर व मोहनपुर प्रखंड के एक दर्जन स्कूलों में खरीदे गये बेंच-डेस्क टूट कर कबाड़ बन गये हैं. इन टूटे हुए डेस्क व बेंच को स्कूल के अन्य भवनों के कमरों में रखने से ये कमरे कबाड़खाने बन गये हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से इन डेस्क व बेंचों की आपूर्ति की गयी है. एक-एक स्कूलों में दो से तीन लाख रुपये डेस्क व बेंच की खरीदारी में खर्च हुए हैं. इन दोनों प्रखंडों में लाखों रुपये का भुगतान डेस्क व बेंच की खरीदारी में किया गया है. एक डेस्क व बेंच के सेट पर 3500 रुपये से लेकर चार हजार रुपये का सरकारी भुगतान किया गया है. डेस्क व बेंच का फ्रेम लोहे का तैयार किया गया है, जबकि सीट लकड़ी का है. कुछ स्कूलों में फ्रेम ही टूट गया है, जबकि कुछ जगहों पर लकड़ी के डेस्क टूट गये हैं. अब स्थिति यह हो गयी है कि स्कूलों के पास अतिरिक्त फंड नहीं है, जिससे डेस्क व बेंच की मरम्मत करायी जाये. इस गड़बड़ियों की शिकायत पर डीडीसी डॉ ताराचंद ने संबंधित प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी है. डीडीसी डॉ ताराचंद ने कहा कि देवघर व मोहनपुर प्रखंड के जिन स्कूलों में टूटे हुए डेस्क व बेंच की शिकायतें आयी हैं. उन स्कूलों में जांच कराने के लिए डीएसई को निर्देश दिया जा चुका है. मानक के अनुसार डेस्क व बेंच की क्षमता कितने दिनों की थी, किन परिस्थितियों में यह टूटे हैं, इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

देवघर जिले के इन स्कूलों में टूट गये हैं डेस्क व बेंच

शिक्षा विभाग द्वारा चार वर्ष पहले सरकारी स्कूलों में सैकड़ों बेंच-डेस्क की खरीदारी की गयी थी. इसी क्रम में झारखंड के देवघर जिले के देवघर व मोहनपुर प्रखंड के एक दर्जन स्कूलों में भी बेंच-डेस्क खरीदे गये थे. चार साल में ही ये खरीदे गये बेंच-डेस्क टूट कर कबाड़ बन गये हैं. देवघर प्रखंड के मानिकपुर मध्य विद्यालय, अंधरीगादर मध्य विद्यालय, जसीडीह मध्य विद्यालय बालक सहित मोहनपुर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मलहारा, मध्य विद्यालय हरकट्टा, मध्य विद्यालय कोठिया जनाकी, हरकट्टा व अंधरीगादर स्कूल में अधिकांश डेस्क व बेंच टूट चुके हैं. बताया जाता है कि जिले के अन्य प्रखंडों के कई स्कूलों में भी यही स्थिति बनी हुई है, जिससे स्कूल का एक कमरा टूटे हुए डेस्क व बेंच का कबाड़खाना बना हुआ है. हालांकि पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसका खुलासा होगा. इसकी शिकायत डीडीसी से की गयी है. उन्होंने इस मामले की जांच का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई

देवघर जिले के डीडीसी डॉ ताराचंद ने कहा कि देवघर व मोहनपुर प्रखंड के जिन स्कूलों में टूटे हुए डेस्क व बेंच की शिकायतें आयी हैं. उन स्कूलों में जांच कराने के लिए डीएसई को निर्देश दिया जा चुका है. मानक के अनुसार डेस्क व बेंच की क्षमता कितने दिनों की थी, किन परिस्थितियों में यह टूटे हैं, इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

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गड़बड़ियों की शिकायत पर मांगी गयी है रिपोर्ट

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा एक डेस्क व बेंच के सेट पर 3500 रुपये से लेकर चार हजार रुपये का सरकारी भुगतान किया गया है. डेस्क व बेंच का फ्रेम लोहे का तैयार किया गया है, जबकि सीट लकड़ी की है. कुछ स्कूलों में फ्रेम ही टूट गया है, जबकि कुछ जगहों पर लकड़ी के डेस्क टूट गये हैं. अब स्थिति यह हो गयी है कि स्कूलों के पास अतिरिक्त फंड नहीं है, जिससे डेस्क व बेंच की मरम्मत करायी जाये. इस गड़बड़ियों की शिकायत पर डीडीसी डॉ ताराचंद ने संबंधित प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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