राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इटकी ट्यूबरक्लोसिस सेनेटोरियम (रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग) संशोधन अधिनियम-2023 की स्वीकृति प्रदान कर दी है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधि विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही इटकी ट्यूबरक्लोसिस सेनेटोरियम (रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग) अधिनियम-1951 (यथा अंगीकृत) को निरस्त कर दिया गया है.
राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद से इटकी में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाने का रास्ता साफ हो गया है. स्वास्थ्य विभाग का इटकी सेनेटोरियम में लगभग 300 एकड़ जमीन है. अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी को 99 साल की लीज पर जमीन दी जायेगी. इसमें से लगभग 146 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर पहले ही मंजूरी दे गयी थी.
जानकारी के अनुसार, इस विवि को खोलने के लिए लगभग 1200 से 1400 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने झारखंड में आइटी पार्क स्थापित करने का भी विचार किया है. जबकि, विवि व आइटी पार्क को लिए फाउंडेशन द्वारा लगभग तीन हजार करोड़ रुपये निवेश करने की संभावना है. मालूम हो कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा 2010 में पहला विवि बेंगलुरु में 110 एकड़ में खोला गया है.
जबकि, दूसरा विवि भोपाल में तथा तीसरा विवि रांची में स्थापित कर रहा है. चौथा विवि पूर्वोत्तर में स्थापित करेगा. विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा था कि वे झारखंड के लोगों के विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होकर कार्य करना चाहते हैं.