राजदेव पांडेय, पटना. निर्धारित समय से एक दिन पहले बिहार में बिहार में मानसून की दस्तक के बाद भी इस साल अपेक्षित बरसात नहीं हुई है. लिहाजा बिहार की देहरी पर सूखा दस्तक देने जा रहा है. इस मानसून सीजन के दरम्यान सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश हुई है. दो जिलों बक्सर और किशनगंज को छोड़ दें (वहां भी बारिश सामान्य से आठ से पंद्रह फीसदी कम है) तो शेष जिलों में बारिश अब तक सामान्य से काफी कम हुई है. प्रदेश के 10 जिलों में 60 से 83 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है. इसके अलावा 20 जिलों में 40 से 60 मिलीमीटर के बीच कम बारिश हुई है. शेष जिलों में 21 से 40 फीसदी से कम बारिश दर्ज की गयी है.
बिना बरसात किये गुजरे जा रहे हैं बादल
पिछले 36 घंटे से बिहार में ट्रफ लाइन गुजरने के बाद भी बादल बिना बरसात किये गुजरे जा रहे हैं. बिहार में सामान्य तौर पर 30 जुलाई तक 494.4 मिलीमीटर बारिश हुआ करती है. इस अवधि में अब तक केवल 254.8 मिलीमीटर ही वर्षा हुई है. सीतामढ़ी में सामान्य से 83 फीसदी कम, शिवहर में सामान्य से 75 फीसदी कम, पूर्वी चंपारण में 70 प्रतिशत, सरहसा में 68, बेगूसराय में 67 , समस्तीपुर और सारण में 66 प्रतिशत, मुजफ्फरपुर में 65 नालंदा में 61 और गोपालगंज में सामान्य से 60 फीसदी कम बारिश दर्ज की गयी है. विशेषज्ञों के मुताबिक यह जिले जबरदस्त सूखे की चपेट में हैं. यहां खेती बारी की स्थिति केवल भू जल पर जा टिकी है.
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तीन अगस्त तक बारिश का है पूर्वानुमान
इधर बिहार में मानसून फिर सक्रिय हुआ है. तीन अगस्त तक सामान्य से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है. हालंकि तराई के इलाके और दक्षिण बिहार के कुछ स्थानों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है. फिलहाल पिछले 24 घंटे में तमाम अलर्ट के बाद भी झमाझम बारिश दर्ज नहीं हुई है. पिछले 24 घंटे में बिहार में 12 जिलों में बारिश बिल्कुल नहीं हुई है. 13 जिलों में शून्य से अधिक और पांच फीसदी तक बारिश दर्ज की गयी. नौ जिले ऐसे रहे , जहां पांच से अधिक और 10 एमएम मिलीमीटर बारिश दर्ज हो सकी. केवल चार जिलों में सामान बारिश हुई है. औरंगाबाद में भारी से भारी बारिश 158 एमएम , उसी जिले के रफीगंज में 78 फीसदी , पूर्वी चंपारण के ढाका में 80.5 और कटिहार जिले के अमदाबाद में 68 फीसदी उल्लेखनीय बारिश हुुई है. शेष जिलों में सामान्य या आंशिक बरसात दर्ज की गयी है.
कम बारिश होने की वजह क्लाइमेट चेंज
बेशक पिछले 48 घंटे से य बिहार से मानसून की ट्रफ लाइन गुजर रही है. इसके बाद भी मानसून सामान्य या इससे कमजोर बना हुआ है. अपेक्षित बारिश नहीं हो रही है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार ने कहा कि बिहार में कम दबाव के क्षेत्र नहीं बन पा रहे हैं. अभी भी कम दबाव का क्षेत्र नार्मल स्थिति से दूर उड़ीसा की तरफ बन रहा है. दरअसल कोई सिस्टम न बन पाने की वजह से अपेक्षित बारिश नहीं हो सकी है. डॉ सत्तार के मुताबिक मानसून की असामान्य व्यवहार की वजह जलवायु परिवर्तन का है. उन्होंने बताया कि कम दबाव के क्षेत्र बिहार में नहीं बन पा रहे हैं. यही वजह है कि मानसून शक्तिशाली ढंग से सक्रिय नहीं हो पा रह है. इसके पीछे क्लाइमेट चेंज है. मानसून का इस तरह का असामान्य व्यवहार पिछले दो दशकों में ज्यादा देखा जा रहा है. कम बरसात के पीछे अलनीनो इफैक्ट भी देखा जा रहा है.
विशेष फैक्ट
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– बिहार में पछले 23 साल में 11 वीं बार सूखे का संकट खड़ा हो सकता है. बिहार में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सीजन में 2003 में , 2005, 2009, 2010, 2012, 2013, 2014, 2015, 2018, 2022 सामान्य से कम बारिश दर्ज की गयी थी.
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– बिहार में तीन अगस्त तक बारिश के चांस है,क्योंकि न केवल बंगाल की खाड़ी से बल्कि अरब सागर से भी नमी आ रही है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक तीन अगस्त तक सामान्य बारिश हो सकती है.
बादल छाये रहने के आसार, हल्की बारिश की संभावना
एक बार फिर से मौसम में परिवर्तन होने के आसार बने हैं. पटना सहित आसपास के क्षेत्र में रविवार को पूरे दिन बादल छाये रहने से अधिकतम तापमान में कमी आयी. रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि बीते एक सप्ताह से शहर का अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा था. मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को बादल छाये रहने की संभावना है. कुछ एक जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है. इससे लोगों को राहत मिलेगी. अधिकतम तापमान 33 से 36 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं.