Bareilly: बरेली के जोगी नवादा में माहौल बिगड़ने से रोकने की कोशिश के दौरान तेजतर्रार आईपीएस अफसर एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला चर्चा में है. स्थिति को काबू करने के लिए रविवार को एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने यहां लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा, जिसमें कुछ लोग घायल हुए. कुछ अराजकतत्वों को भी गिरफ्तार भी किया गया.
इसके बाद से ही जोगी नवादा क्षेत्र छावनी में तब्दील है. मौके पर बरेली पुलिस और पीएसी के साथ पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात की गई है. प्रभाकर चौधरी माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों को चिह्नित कर जब तक कार्रवाई करते, तब तक उनके तबादले का आदेश जारी हो गया. दरअसल उनके कड़े तेवर के बीच अराजक तत्वों के मंसूबे सफल नहीं पा रहे थे.
2010 बैच के आईपीएस प्रभाकर चौधरी का 13 साल की सेवा के दौरान 21 बार तबादला किया जा चुका है. वह कई जिलों में एसएसपी और एसपी रह चुके हैं. वह सादगी और ईमानदार छवि के अलावा अपने तबादलों के लिए भी चर्चित रहे हैं. बरेली में उन्होंने चार महीने पहले ही पुलिस कप्तान की कमान संभाली थी.
बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा की शाह नूरी मस्जिद के पास बीते दिनों डीजे की धुन पर कुछ अराजक तत्वों ने कांवड़ियों के जत्थे में शामिल होकर रंग उड़ाया था. इसके बाद पथराव हुआ. हालांकि प्रभाकर चौधरी ने तत्परता दिखाते हुए मामला संभाल लिया था.
इस मामले में पार्षद के पुत्र अमित की ओर से पूर्व पार्षद उसमान अल्वी समेत 100 से 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी, तो वहीं जोगी नवादा चौकी इंचार्ज अमित कुमार ने 200 से 250 अज्ञात लोगों पर एफआईआर कराई. पुलिस मामले को लेकर जांच जारी है.
इस बीच रविवार को फिर कुछ लोगों ने नए रूट से जाने की जिद की. जबकि दूसरे समुदाय के लोग नई परंपरा बताकर जत्था और उसके साथ डीजे ले जाने का विरोध कर रहे थे. डीएम और एसएसपी समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंचे. दोनों पक्षों से वार्ता की गई.
इस बीच कांवर जत्थे में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने डीएम और एसएसपी के सामने ही अवैध तमंचों से फायरिंग कर दी. इससे माहौल बिगड़ने लगा, जिसके चलते पुलिस को मामूली बल प्रयोग करना पड़ा. लेकिन, इसके चार घंटे बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी को बरेली से हटा दिया गया. उन्हें लखनऊ में स्थित पीएसी की 32वीं बटालियन में सेनानायक बनाया गया है. एसपी सीतापुर घुले सुशील चंद्रभान को बरेली का एसएसपी बनाकर भेजा गया है.
इससे पहले यूपी के तेजतर्रार आईपीएस प्रभाकर चौधरी को 12 मार्च, 2023 को बरेली भेजा गया था. यहां के एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया का डीआईजी के पद पर प्रमोशन होने के बाद उन्हें वाराणसी भेजा गया था. विश्वसनीय सूत्रों की मानें, तो वह बरेली नहीं आना चाहते थे. उस वक्त वह सीतापुर पीएसी में थे. मगर, पूर्व डीजीपी डीएस चौहान ने काफी समझकर उन्हें बरेली भेजा था.
दरअसल उस वक्त बरेली में माफिया अतीक अहमद और अशरफ का प्रकरण चल रहा था. उन्होंने इसमें कई लोगों को जेल भेजा. यह मामला शांत हो गया. मगर, करीब एक महीने से प्रभाकर चौधरी बरेली से हटने की कोशिश में लगे थे.
कहा जा रहा है कि लखनऊ के उच्च अफसरों से उन्होंने कई बार खुद को बरेली से हटाने को कहा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद बीते दिनों बवाल के बाद उन्होंने फिर अपना तबादला करने को कहा. इसके बाद उन्हें मुहर्रम के बाद हटाने का भरोसा दिया गया. मगर, उससे पहले फिर बवाल हो गया. इसके बाद रात में ही उन्हें हटा दिया गया.
मेरठ के सोतीगंज में चोरी के वाहन का सबसे बड़े गैंग पर आईपीएस प्रभाकर चौधरी ने अपने बलबूते शिकंजा कसा. इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ की थी. इसी तरह बुलंदशहर में गोहत्या पर हिंसा हुई. इसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार शहीद हो गए थे. हालात काबू करने के लिए सरकार ने प्रभाकर चौधरी को वहां भेजा.
प्रभाकर चौधरी ने बिना दबाव के वहां काम किया. इस हिंसा में बजरंगदल के कई लड़के जेल भेजे गए. मगर, सिर्फ 42वें दिन ट्रांसफर हो गया. ऐसे ही बरेली को सात दिन में दूसरी बार जलने से बचाया और फिर हालात बिगड़ने की स्थिति में उनका ट्रांसफर हो गया. इससे पहले आगरा में भी प्रभाकर चौधरी एसएसपी रह चुके हैं. इन सबके बीच जनपद से तबादले के बाद भी सोशल मीडिया पर प्रभाकर चौधरी की काफी तारीफ हो रही है.
बरेली के नए एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान की पोस्टिंग सीतापुर में 25 जून, 2022 को हुई थी. उनको 13 महीने बाद बरेली भेजा गया है. मूल रूप से महाराष्ट्र के अहमदनगर निवासी घुले सुशील चंद्रभान वर्ष 2012 के आईपीएस अफसर हैं. उनको पुलिस के लिए काफी बेहतर माना जाता है. पुलिस कर्मियों को छुट्टी के लिए बार बार अफसरों के चक्कर नहीं काटने पड़े. इसके लिए उन्होंने छुट्टी एप बनाया है. इस एप के जरिए ही पुलिस कर्मियों को छुट्टी दी जाती है.
बरेली के नए एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान प्लेटिनम पदक से सम्मानित हो चुके हैं. उन्हें 15 अगस्त, 2021को डीजीपी ने सम्मानित किया था इससे पहले उन्हें सिल्वर, और गोल्डन मेडल भी दिया गया. वह मऊ समेत कई जिलों में रह चुके हैं. मगर, नए कप्तान के सामने बरेली में काफी चुनौतियां हैं. कांवर जुलूस को लेकर सीओ आंवला से हिंदू संगठन के पदाधिकारी नाराज हैं. उनको हटाने की मांग की जा रही है. उनके दफ्तर में धरना भी दे चुके हैं. इसके साथ ही जोगी नवादा में भी दो रविवार से बवाल चल रहा है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली