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नैक ग्रेडिंग को लेकर भागलपुर यूनिवर्सिटी गंभीर नहीं, न लाइब्रेरी का ऑटोमेशन, न रिसर्च पर ध्यान

पांच साल बाद होनेवाली इस ग्रेडिंग की लिए क्या-क्या तैयारी हुई या हो रही है, यह भी स्पष्ट नहीं है. नैक के लिए गठित इंटर्नल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) की ना तो नियमित बैठक हो रही है और न ही तैयारियों की मॉनिटरिंग ही.

भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का नैक से मूल्यांकन होना है. इसकी तैयारी भी विवि में चल रही है. विवि का एक्यूएआर 2021-22 तक का तैयार कर लिया गया है. दूसरी ओर विवि सेंट्रल लाइब्रेरी का ऑटोमेशन अबतक नहीं हो पाया है. बताया जा रहा है कि विवि में पिछले कुछ वर्षों का आंकड़ा देखा जाये, तो रिसर्च संबंधित प्रोजेक्ट पर काम कम हुए हैं, जबकि वर्ष 2016 में विवि का मूल्यांकन करने आयी नैक टीम ने लाइब्रेरी के ऑटोमेशन सहित कई बिंदुओं पर काम करने का निर्देश दिये थे.

विश्वविद्यालय प्रशासन संजीदा नहीं

पांच साल बाद होनेवाली इस ग्रेडिंग की लिए क्या-क्या तैयारी हुई या हो रही है, यह भी स्पष्ट नहीं है. नैक के लिए गठित इंटर्नल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) की ना तो नियमित बैठक हो रही है और न ही तैयारियों की मॉनिटरिंग ही. इसके लिए कोई कुलपति के नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहने को कारण बता रहा है, तो कोई दूसरी वजह का हवाला दे रहा है. ऐसे में विश्वविद्यालय की रैंकिंग पर असर पड़ने की आशंका को बल मिल रहा है.

सात मानकों के आधार पर होती है ग्रेडिंग

नैक के मूल्यांकन के लिए सात मानकों को आधार बनाया गया है. इन मानकों में किसी विश्वविद्यालय के प्रदर्शन के आधार पर उसकी ग्रेडिंग की जाती है. ग्रेडिंग के मानकों में शैक्षणिक व्यवस्था, पढ़ाई, परीक्षा और मूल्यांकन, शोध, परामर्श और विस्तार, आधारभूत संरचना और पढ़ाई के संसाधन, छात्र सहयोग और प्रगति, प्रशासन, नेतृत्व क्षमता व प्रबंधन तथा नवाचार और सर्वश्रेष्ठ प्रणालियां शामिल होती हैं. साल 2016 में हुए मूल्यांकन के आधार पर टीएमबीयू को बी ग्रेड मिला था. यह साल 2021 तक प्रभावी था. कोरोना के कारण साल 2021 मेंनैक की ग्रडिंग नहीं हुई. अब इस साल नैक फिर से सभी विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग कर रहा है.

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नैक मूल्यांकन की राह में कई बाधाएं

टीएमबीयू की नैक ग्रडिंग की राह में कई बाधाएं हैं. कमेटी के एक अधिकारी का मानना है कि पांच साल में अधिकतर मानकों के मामले में कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है. सबसे बड़ी बाधा तो सत्र नियमितीकरण को लेकर है. अधिकतर कोर्स दो से तीन साल पीछे चल रहेहैं. साल 2016 में विश्वविद्यालय को इस मानक में काफी कम अंक मिला था. इस वजह से परीक्षा और रिजल्ट प्रकाशन भी पिछड़ा हुआ है. इस साल भी कुछ ऐसा ही अनुमान लगाया जा रहा है. इन पांच वर्षों में आधारभूत संरचना में भी कोई खास सुधार नहीं हो सका है.

वर्ष 2016 में रिसर्च में आगे था विवि

विवि के पूर्व सीसीडीसी डॉ केएम सिंह का कहना है कि वर्ष 2016 में रिसर्च प्रोजेक्ट पर विवि में काफी काम हुआ था. कई बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था. नैक टीम रिसर्च को लेकर काफी संतुष्ट थी, लेकिन विवि लाइब्रेरी का ऑटोमेशन नहीं होने से ए ग्रेडिंग नहीं मिल पाया था. विवि प्रशासन को लाइब्रेरी के ऑटोमेशन पर काम करने की जरूरत है. पिछले कुछ वर्षों का आंकड़ा देखा जाये, तो रिसर्च संबंधित प्रोजेक्ट पर भी काम नहीं के बराबर हुए हैं. इस दिशा में भी विवि को काम करने की आवश्यकता है.

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अन्य विवि से बी ग्रेडिंग में मिले थे अधिक प्वाइंट

विवि के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि नैक टीम से टीएमबीयू को सूबे के अन्य विवि की तुलना में बी ग्रेडिंग में भी अधिक प्वाइंट मिले थे. इसको लेकर सूबे के अन्य विवि में अधिक प्वाइंट मिलने पर काफी चर्चा हुई थी. राजभवन ने भी इसकी प्रशंसा की थी. सिर्फ लाइब्रेरी के कारण विवि को बढ़िया ग्रेडिंग नहीं मिल पाया था.

मानविकी व सोशल साइंस संकाय में रिसर्च कम

नाम नहीं छापने कीके शर्त पर एक पूर्व डीन ने बताया कि साइंस संकाय के कुछ विभाग में रिसर्च काम थोड़ा बहुत जारी है, लेकिन मानविकी व सोशल साइंस संकाय के तहत रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम नहीं के बराबर हो रहे हैं. रिसर्च संबंधित प्रकाशन भी काफी कम हैं. एक समय में टीएमबीयू रिसर्च के क्षेत्र में देश ही नहीं विदेशों में भी जाना जाता था.

बोले विवि के अधिकारी

सेंटल लाइब्रेरी के निर्देशक डॉ आनंद कुमार झा ने कहा कि लाइब्रेरी का ऑटोमेशन का काम आनेवाले दिनों में शुरू हो जायेगा. हैदराबाद की एक एजेंसी से विवि का एमओयू हुआ है. इसके तहत जल्द ही यहां के छात्र ई-बुक का उपयोग कर सकेंगे. इस दिशा में काम हो रहा है. इसके बाद ऑटोमेशन का काम शुरू होगा.

आइक्यूएसी सेल के को-ऑर्डिनेटर प्रो जगधर मंडल ने कहा कि रिसर्च के क्षेत्र में काम चल रहा है. कुछ रिसर्च प्रोजेक्ट पर यहां के शिक्षक काम कर रहे हैं. आनेवाले दिनों में रिसर्च संबंधित कार्य और बेहतर होंगे. विवि को नैक मूल्यांकन में इस बार बेहतर ग्रेडिंग मिलेंगे. इसके लिए विवि प्रशासन प्रयासरत है.

एक्सपर्ट व्यू

पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो क्षमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि ईमानदारी से विवि प्रशासन, अधिकारी व शिक्षकों को मिलकर काम करने की जरूरत है. इसको गंभीरता से लेना होगा. लाइब्रेरी के ऑटोमेशन के काम को प्रमुखता से करने की जरूरत है. रिसर्च के क्षेत्र में भी विवि को काम करना होगा. इसके लिए विवि प्रशासन को अपने शिक्षकों के साथ बैठक कर इस दिशा में गंभीरता से विचार करना होगा.

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