पटना. राज्य में पहली अगस्त से चार बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. इनमें 12 जिलों में पटना की तरह इ चालाना कटेगा. शिक्षा विभाग के सारे कामकाज पेपरलेस हो जायेंगे. सरकारी स्कूलों में कल से 15 अगस्त के बीच सभी जगहों पर बायोमैट्रिक्स से हाजिरी लगेगी. इसके साथ ही इसी महीने संभवत: दूसरे सप्ताह से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सभी विवि के कुलपतियों के साथ सीधा संवाद करेंगे. इसके साथ ही सड़क पर कचरा फेंकनेवालों की तस्वीर अब शहर के चौराहों पर दिखेगी.
1. इन 12 जिलों में मैनुअल ट्रैफिक चालान बंद, मिलेगा ई-चालान
अगस्त माह से पटना, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ और भागलपुर सहित 12 जिलों में मैनुअल ट्रैफिक चालान बंद हो जायेगा. इन जिलों में सिर्फ ऑटोमेटिक या इलेक्ट्रॉनिक हैंड हेल्ड डिवाइस से ही इ-चालान काटे जायेंगे. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी (ट्रैफिक) सुधांश कुमार के मुताबिक पटना और मुजफ्फरपुर में पहले से ही इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) के माध्यम से ऑटोमेटिक इ-चालान काटे जा रहे हैं. बिहारशरीफ में ट्रायल पूरा हो गया है. इनके अलावा दरभंगा, गया, पूर्णिया, कटिहार, सारण, भोजपुर, बेगूसराय और मुंगेर जिले में संबंधित पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देते हुए 800 से अधिक हैंड हेल्ड डिवाइस (एचएचडी) उपलब्ध करा दिये गये हैं. एचएचडी में आइडी जेनरेट करने आदि तकनीकी प्रक्रिया पूरी कर इसी महीने से 100 फीसदी ऑटोमेटेड चालान काटने की व्यवस्था शुरू की जा रही है. एचएचडी फोर-जी सिमयुक्त स्मार्ट मशीन है. इसमें ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का फोटो या वीडियो लेने की सुविधा है. यह एनआइसी के वाहन एवं सारथी पोर्टल से जुड़ा हुआ है. मशीन में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को कैमरे से खींच कर वाहन नंबर या डीएल की इंट्री के बाद अपराध का सेलेक्शन करते ही इ-चालान निर्गत हो जाता है. दोबारा अपराध करने की स्थिति में एचएचडी अलार्म करता है, जिससे डीएल सस्पेंशन की कार्यवाही हो पाती है. मशीन से फाइन का दुरुपयोग रोकने के लिए व्यापक प्रोटोकॉल बनाया गया है.
2. पेपर लेस होंगे शिक्षा विभाग के सारे कार्यालय
शिक्षा विभाग के सचिवालय, निदेशालय और संबंधित सभी कार्यालयों में इ आफिस सिस्टम पर कामकाज शुरू कर दिया जायेगा. इसकी तैयारियां कर ली गयी हैं. अधिकतर अफसरों एवं लिपिकों को इ आफिस सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है. इसका अधिकतर शाखाओं में ट्रायल भी किया जा चुका है. हालांकि अभी कम्प्यूटर सिस्टम के प्रतिष्ठापन और दूसरी सुविधाओं से जोड़ने में कुछ समय लग रहा है. इसलिए विभाग ने कुछ दिनों तक हाइब्रिड सिस्टम में काम करने की छूट दी है. हाइब्रिड सिस्टम का मतलब ऑन लाइन के साथ-साथ कुछ समय तक ऑफ लाइन काम करना है. जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग के इ आफिस सॉफ्टवेयर को एनआइसी ने विभाग की जरूरत के हिसाब से विकसित किया गया है. फिलहाल शिक्षा विभाग में ऑफ लाइन कामकाज केवल अब केवल गिने चुने दिनों की बात है. और होगा.
3. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन एप से हाजिरी
शिक्षा विभाग में ऐप के जरिये ऑन लाइन हाजिरी का ट्रायल कुछ जिलों में एक अगस्त से शुरू हो सकता है. खासतौर पर उन स्कूलों में जहां शिक्षकों का शतप्रतिशत आंकड़ा सिस्टम में अपलोड हो चुका है. जानकारों के मुताबिक राज्यस्तर पर अभी एप के जरिये हाजिरी लेने की कोई डेट लाइन तय नहीं हुई है. अभी तक करीब सवा लाख शिक्षकों का आंकड़ा विशेष सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जा चुका है. प्रदेश में कुल चार लाख से अधिक शिक्षकों की आंकड़े फीड किये जाने हैं. सूत्रों के अनुसार प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षकों की ऑन लाइन हाजिरी में अभी समय लग सकता है. विभाग यह भी सोच रहा है कि क्यों न उस हाजिरी सिस्टम में आधार को भी लिंक किया जाये. हालांकि यह विचार अभी प्रारंभिक स्तर पर है.
4. गंदगी फैलाई तो बन जाएंगे ‘सड़क शत्रु’, LED स्क्रीन पर दिखेगी तस्वीर
राजधानी पटना में 1 अगस्त से 15 अगस्त तक सड़को की स्वच्छता के लिए अभियान चलाया जाएगा. सफाई निरीक्षक की अनुपस्थिति में यदि कोई कचरा फेंक रहा होगा तो सीसीटीवी उसे कैप्चर कर निगम को भेजेगा और संबंधित क्षेत्र का सफाई निरीक्षक उस व्यक्ति को ढूंढ कर उससे 500 रुपये का जुर्माना वसूलेंगे. क्यूआर कोड स्कैन करके भी लोग जुर्माना भर सकते हैं. नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि जो सफाई निरीक्षक और सफाईकर्मी जितना अधिक सड़क शत्रु को पकड़ेंगे, अभियान समाप्त होने के बाद उन्हें सम्मानित किया जाएगा और प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. इसके अतिरिक्त आई ट्रिपल ‘सी’ से सीसीटीवी कैमरे से भी कचरे फेंकने वालों की मॉनिटरिंग होगी और जो कचरा फेंकेंगे उनका चेहरा शहर में विभिन्न जगहों पर लगी एलईडी स्क्रीन पर डिस्प्ले किया जाएगा और बताया जाएगा कि यह व्यक्ति ‘सड़क शत्रु’ हैं.