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चलती ट्रेन में गोलीकांड! जांच कमिटी का हुआ गठन, धारा 302 के तहत FIR दर्ज

महाराष्ट्र के मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में गोलीबारी की घटना की व्यापक जांच करने के लिए एडीजी (आरपीएफ) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. यह जानकारी पश्चिम रेलवे की ओर से दी गयी है.

Firing In Train : महाराष्ट्र के मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में गोलीबारी की घटना की व्यापक जांच करने के लिए एडीजी (आरपीएफ) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. यह जानकारी पश्चिम रेलवे की ओर से दी गयी है. इस मामले में बोरीवली जीआरपी में आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल चेतन कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, आर्म्स एक्ट और रेलवे पुलिस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. यह जानकारी मुंबई जीआरपी की तरफ से दी गयी है.

चार लोगों की गोली मारकर हत्या

आपको बता दें कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल ने सोमवार को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास एक चलती ट्रेन में कथित तौर पर चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. बाद में चेन खींचे जाने के बाद मीरा रोड और दहिसर स्टेशनों (मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर) के बीच ट्रेन रुकने पर उसने भागने की कोशिश की लेकिन उसे पकड़ लिया गया.

आरोपी की पहचान चेतन कुमार चौधरी के रूप में

रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कांस्टेबल चेतन सिंह (34) ने अपने स्वचालित हथियार से बी5 बोगी में आरपीएफ के सहायक उप-निरीक्षक टीका राम मीणा और एक अन्य यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद उसने बी6 बोगी में एक यात्री को गोली मारी और फिर बी5 व बी6 बोगी के बीच स्थित पेंट्री कार में एक अन्य यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी. इससे पहले दिन में, जीआरपी नियंत्रण कक्ष और एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि आरोपी की पहचान चेतन कुमार चौधरी के रूप में हुई है.

भागने की कोशिश करते आरोपी को जीआरपी कर्मियों ने पकड़ा

बाद में जीआरपी आयुक्त रवींद्र शिस्वे ने संवाददाताओं को बताया कि कांस्टेबल की पहचान चेतन सिंह के रूप में हुई है. एक अधिकारी के अनुसार, सिंह को बाद में जब यात्रियों द्वारा जंजीर खींचने के बाद ट्रेन मीरा रोड और दहिसर स्टेशनों के बीच रुकी, तो भागने की कोशिश करते आरोपी को राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) कर्मियों ने पकड़कर उसका हथियार जब्त कर लिया. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से पालघर की दूरी करीब 100 किलोमीटर है.

राम मीणा को चलती ट्रेन में गोली मार दी

मृतक यात्रियों की पहचान अब्दुल कादिरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (48), अख्तर अब्बास अली (48) और सदर मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है. अधिकारी के मुताबिक, चेतन सिंह ने अपने एस्कॉर्ट ड्यूटी प्रभारी एएसआई टीका राम मीणा को चलती ट्रेन में गोली मार दी. उन्होंने बताया कि अपने वरिष्ठ अधिकारी को गोली मारने के बाद कांस्टेबल एक अन्य बोगी में गया और उसने तीन यात्रियों को गोली मार दी.

घटना के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चला

राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के आयुक्त रवींद्र शिस्वे ने मीडियाकर्मियों को बताया, “यह घटना तड़के पांच बजे के बाद हुई जब मुंबई जाने वाली जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस वापी स्टेशन (गुजरात में) पार कर चुकी थी. एस्कॉर्ट ड्यूटी तैनात आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह ने अपने वरिष्ठ टीका राम मीणा और तीन अन्य यात्रियों पर गोली चला दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.” उन्होंने कहा कि घटना के पीछे का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है और जांच जारी है.

आरपीएफ कर्मियों व पेंट्री कार के कर्मचारियों से पूछताछ

उन्होंने कहा, “पुलिस एस्कॉर्ट दल में शामिल यात्रियों और आरपीएफ कर्मियों व पेंट्री कार के कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है.” रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिंह ने सुबह 5 बजकर 59 मिनट पर मीरा रोड और दहिसर स्टेशनों के बीच अलार्म चेन खींची, ट्रेन से कूदा और भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया. शिस्वे से एक वीडियो के बारे में पूछा गया, जिसमें आरोपी कांस्टेबल कथित तौर पर को शवों के पास मौजूद दिखा है और हत्याओं को स्पष्ट रूप से उचित ठहरा रहा है. इसपर शिस्वे ने कहा कि वीडियो क्लिप की अन्य सामग्रियों के साथ जांच की जा रही है.

चलती ट्रेन में यह इस तरह की पहली घटना

शिस्वे ने कहा, “किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना और इस स्तर पर, कुछ भी टिप्पणी करना या जांच के बारे में कोई विवरण साझा करना जल्दबाजी होगी.” उन्होंने कहा, “चलती ट्रेन में यह इस तरह की पहली घटना है. यात्री डरे हुए हैं. हम उन्हें आश्वस्त करना चाहते हैं कि पुलिस घटना की विस्तार से जांच करेगी.” एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल बहुत गुस्सैल स्वाभाव का है. जीआरपी के मुताबिक सिंह ने अपने स्वचालित हथियार से 12 गोलियां चलाईं. जीआरपी ने घटना के बाद आरोपी के हथियार से आठ कारतूस बरामद किए.

17 जुलाई को ड्यूटी पर लौटा था आरोपी

अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के हाथरस का रहने वाला सिंह मीरा रोड रेलवे पुलिस की हिरासत में है. सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एएसआई मीणा राजस्थान के सवाई माधोपुर के रहने वाले थे. उन्हें 2025 में रिटायर होना था. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, आरोपी कांस्टेबल को पिछले मार्च में भावनगर डिवीजन से मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था और हाल ही में वह अपने मूल स्थान हाथरस गया था. वह 17 जुलाई को ड्यूटी पर लौटा था.

शवों को बोरीवली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से बाहर निकाला

उन्होंने बताया कि चारों शवों को बोरीवली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से बाहर निकाला गया. पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतक एएसआई मीणा के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गयी है. पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने बताया कि मीणा के परिजनों को रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि से 15 लाख रुपये दिए जाएंगे तथा इसके अलावा अंतिम संस्कार के खर्च के लिए 20,000 रुपये दिए जाएंगे. अन्य तीन मृतकों के परिवार के लिए मुआवजे के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने बताया कि उन्हें भी अनुग्रह राशि दी जाएगी. मीणा के परिवार में उनकी पत्नी, 25 वर्षीय बेटा और 18 व 20 साल की दो बेटियां हैं. उनकी बेटी और दामाद शव लेने के लिए कांदिवली स्थित अस्पताल पहुंचे हैं.

सोर्स : भाषा इनपुट

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