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बिहार में बदला मौसम का मिजाज, कहीं बूंदाबांदी, तो कहीं ललचा कर लौट रहे बादल

उमस ने लोगों को बेचैन कर दिया. तापमान में कोई कमी नहीं आयी. लेकिन लोग पसीने से तरबतर होते रहे. वैसे मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय की मानें तो इस साल जून में कम बारिश होने और गर्मी व उमस से परेशान लोगों को जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद थी.

पटना. अगस्त के पहले दिन भी किसानों को बादलों ने धोखा दिया. एक-दो प्रखंड में बूंदाबांदी को छोड़ दें, तो बाकी जगह काले-काले बदरा किसानों को लुभाकर लौट गये. किसानों के धैर्य की परीक्षा इंद्रदेव ले रहे हैं. किसान अपनी फसल के बर्बाद होने से हताश है. उधर, उमस ने लोगों को बेचैन कर दिया. तापमान में कोई कमी नहीं आयी. लेकिन लोग पसीने से तरबतर होते रहे. वैसे मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय की मानें तो इस साल जून में कम बारिश होने और गर्मी व उमस से परेशान लोगों को जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद थी. माह की शुरुआत भी झमाझम बारिश से हुई, लेकिन मानसून के ट्रैक से उतर जाने के चलते धरती की प्यास बढ़ गयी. गर्मी व उमस से लोग बेहाल होने लगे. पूरे महीने चार-पांच दिन ही अच्छी बारिश हुई. यह अनुमान से काफी कम ही है.

जुलाई ने किसानों को दिया धोखा

गोपालगंज से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई में औसत से काफी कम बारिश होने से लोग निराश हैं. बारिश 397 मिलीमीटर के बदले 140 एमएम हुई. जो काफी कम है. अब सारी उम्मीदें पिछले वर्षों की तरह अगस्त व सितंबर में होने वाली मूसलाधार बारिश पर टिकी हैं. इससे पहले वर्ष 2021 व 2022 में भी जून- जुलाई में औसत से कम बारिश हुई थी, लेकिन अगस्त व सितंबर में मेघ झूम कर बरसे थे.

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जुलाई में हुई 140 मिमी बारिश

जुलाई में औसतन 397.4 मिलीमीटर बारिश होती है. इसके सापेक्ष इस बार जुलाई में 140 मिलीमीटर ही बारिश हुई है. जून में भी इस वर्ष महज 51 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है.

शनिवार तक हल्के से मध्यम बारिश के आसार

मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि अगले शनिवार तक माॅनसून सक्रिय रहेगा. इस दौरान हल्का से लेकर मध्यम बारिश के आसार बन रहे हैं. अभी भारी बारिश को लेकर इंतजार करना पड़ सकता है. वैसे मेघ गर्जना और वज्रपात को लेकर अलर्ट किया गया है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 36.5 व न्यूनतम तापमान-28.8 डिग्री दर्ज की गयी, तो आर्द्नता 12 से 76 फीसदी के बीच रही. पुरवा हवा छह किमी के रफ्तार से चली. जिससे उमस व पसीना ने लोगों को बेचैन किया.

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चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी से लोग परेशान

सुपौल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो सप्ताह से चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी से लोग परेशान नजर आ रहे हैं. गर्मी से राहत पाने के लिए पंखा व कूलर भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है. मंगलवार की अहले सुबह से ही कड़ी धूप देख लग रहा था कि मौसम काफी गर्म रहेगा. इसी बीच दिन के लगभग साढ़े 11 बजे मौसम का मिजाज बदलता देख लोग आकाश की तरफ निहारने लगे. लगभग 15 मिनट तक बारिश होने के बाद लोगों को लगा कि अब राहत मिलेगी. लेकिन बारिश बंद होते ही पुन: चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हो गये.

घरों में ही रहना महफूज

मंगलवार का सुपौल जिले में अधिकतम तापमान 36 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहा. चिलचिलाती धूप व गर्म हवा चलने से लोगों के पसीने छूट रहे थे. लोग गर्मी से बचने के लिए पंखे, एसी में दिन भर बैठे रहते हैं. राहगीरों को धूप से बचने के लिए पेड़, दुकानों के शेड व के नीचे आराम करते देखा गया. लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण उमस बहुत ज्यादा बढ़ गयी है. देखा जाये तो उमस भरी गर्मी के कारण लोग दोबारा से अपने घरों में ही रहना महफूज समझ रहे हैं. कुछ दिनों पहले जो सड़कें लोगों की आवाजाही से खचाखच भरी रहती थी, वह अब केवल शाम के समय ही भीड़ दिखाई देती है. दिन में अधिक धूप होने की वजह से सड़क सूनी-सूनी लगती है.

गर्मी के कारण आई प्लू के बढ़े मरीज

चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी के कारण लोग बीमार हो रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. चिकित्सकों की माने तो चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी के कारण आई प्लू के मरीज काफी बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.

किसान के चेहरे पर उदासी

बारिश नहीं होने के कारण किसानों के चेहरे पर उदासी देखी जा रही है. किसान भविष्य को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. किसान शंभू, प्रेमशंकर, घनश्याम ने कहा कि अगर मौसम इसी तरह और 10 दिनों तक बना रहा तो लोग दाने-दाने को मोहताज हो जायेंगे. अब तक खेत में ठीक ढंग से धान के बिचड़ा भी नहीं बोया गया है. जहां बोया गया है वहां बिचड़ा सूखने लगा है.

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