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झमाझम बारिश में झूमते हुए चले कांवरिये, बाबा के जयघोष से गूंजा बैद्यनाथ धाम का परिसर

झारखंड में मानसून सक्रिय है, मंगलावर को हुई बारिश ने कांवरियों को काफी राहत दी है. मूसलधार बारिश में बाबा बैद्यनाथ के भक्त झूमते हुए बोल बम के जयघोष के साथ आगे बढ़ते दिखे. कुछ कांवरियों ने बारिश से बचने के लिए प्लास्टिक ओढ़ लिये थे, जबकि अधिकतर कांवरिये यूं ही भीगते नजर आये.

Sawan 2023: बाबा पर जलार्पण के लिए आ रहे कांवरियों को सुहाने मौसम ने बड़ी राहत दी. मंगलवार को हुई मूसलधार बारिश में बाबा बैद्यनाथ के भक्त झूमते हुए बोल बम के जयघोष के साथ आगे बढ़ते दिखे. कुछ कांवरियों ने बारिश से बचने के लिए प्लास्टिक ओढ़ लिये थे, जबकि अधिकतर कांवरिये यूं ही भीगते नजर आये. बंगला श्रावण और पुरुषोत्तम मास के अवसर पर बाबा मंदिर परिसर गेरुआ वस्त्र पहने कांवरियों से पटा रहा. मंगलवार को आम दिनों में मंदिर खाली रहा करता था, वहीं दो पवित्र मास का संयोग एक साथ चलने के कारण हर दिन भीड़ हो रही है. अहले सुबह से लेकर दोपहर तक ओवरब्रिज से होकर कांवरियों का आना-जाना जारी रहा.

मंगलवार को भी बाबा मंदिर का पट अहले सुबह सवा तीन बजे खोला गया. पट खुलने के साथ ही पुजारी सोनाधारी झा ने सबसे पहले मां काली की पूजा की. माता की पूजा संपन्न होने के बाद पुजारी ने बाबा की कांचा जल पूजा प्रारंभ की. करीब 15 मिनट तक चली इस पूजा के बाद 40 मिनट तक तक षोडशोपचार विधि से दैनिक सरदारी पूजा की गयी. करीब सवा चार बजे आम भक्तों के लिए अरघा के माध्यम से जलार्पण प्रारंभ कराया गया.

चिल्ड्रेन पार्क चौक से कतार लगाने की रही व्यवस्था

अधिक भीड़ होने के कारण आये भक्तों को जलसार चि्ड्रेन पार्क से कतार वद्ध कराने की व्यवस्था की गयी थी. जैसे ही मंदिर का पट खुला भक्तों की भीड़ एक घंटे के अंदर क्यू कॉम्प्लेक्स तक पहुंच गयी. अधिक भीड़ होने भक्तों को हनुमान मंदिर चौक से ही कतारबद्ध कराने की व्यवस्था जारी रखी गयी. दिन के 12 बजे तक पूरा ओवरब्रिज भक्तों से खचा-खच भरा रहा. इसमें सबसे अधिक पुरुषोत्तम मास में आये भक्त कांसे के बर्तन में संगम का जल लेकर कतारबद्ध होते दिख रहे थे. वहीं, दिन के एक बजे से पट बंद होने तक आये भक्तों को मानसरोवर ब्रिज से मंदिर भेजने की व्यवस्था रही.

बारिश होते ही शिवगंगा लेन में भरा नाले का पानी, परेशानी

मंगलवार की झमाझम बारिश ने नगर निगम के सफाई की पोल खोल दी. शिवगंगा लेन में आधा फीट से अधिक ऊपर नाले का पानी सड़क पर बहने लगा. शिवभक्तों को नाले के पानी से होकर मंदिर जाना पड़ा. सड़क पर बहते नाले के पानी से होकर श्रद्धालु गुजर रहे हैं. इससे भक्तों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है. तीर्थ पुरोहित जयदेव मिश्र ने कहा कि पिछले दो माह से हल्की बारिश होने पर शिवगंगा लेन में नाले का पानी सड़क पर आ जाता है. शिवगंगा में स्नान कर भक्त इसी रास्ते से बाबा मंदिर जाते हैं. नाले के पानी से भक्तों की आस्था पर चोट पहुंच रही है.

अबतक 99 हजार कांवरियों का हुआ इलाज, पांच श्रद्धालुओं की हुई मौत

श्रावणी मेले की शुरुआत चार जुलाई से 31 जुलाई तक इन स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 99,668 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया है, जिनमें 1006 कांवरियों को भर्ती किया गया. मेला के दौरान अबतक पांच कांवरियों की मौत हो चुकी है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सीतामढ़ी की 14 वर्षीय किशोरी जुही कुमारी, गिरिडीह के 40 वर्षीय संजीव कुमार बर्मा, ओड़िसा की 65 वर्षीय महिला सुलोचना विसवाल, इलाहाबाद के लालजी सिंह तथा पश्चिम बंगाल के 40 वर्षीय दीलीप सरकार की मौत हुई है. वहीं मेले के दौरान जिन 99,668 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया, उनमें 68,714 पुरुष, 25,609 महिलाएं तथा 5,345 बच्चे शामिल हैं. शिविरों में 638 पुरुषों, 367 महिलाओं व एक बच्चे का इलाज किया गया है.

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