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पटना मेट्रो के कॉरिडोर-2 में टीबीएम-1 की इनिशियल ड्राइव पूरी, मेन ड्राइव का काम 20 दिनों में होगा पूरा

मोइनउल हक अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन स्थित पहले टीबीएम-1 ने सफलतापूर्वक अपने 85 मीटर की यात्रा पूरी कर ली है. अभी यहां अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन के निर्माण कार्य का इनिशियल ड्राइव चल रहा था. 85 मीटर की यात्रा पूरी करने के बाद पहले टीबीएम द्वारा शुक्रवार से मेन ड्राइव शुरू कर दी गई.

पटना. पटना मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-2 में अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन व टनल निर्माण का कार्य तेज़ गति से चल रहा है. इसके अंतर्गत मोइनउल हक अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन स्थित पहले टीबीएम-1 ने सफलतापूर्वक अपने 85 मीटर की यात्रा पूरी कर ली है. अभी यहां अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन के निर्माण कार्य का इनिशियल ड्राइव चल रहा था. 85 मीटर की यात्रा पूरी करने के बाद पहले टीबीएम द्वारा शुक्रवार से मेन ड्राइव शुरू कर दी गई. मेन ड्राइव शुरू करने के लिए टीबीएम में बैकअप, गैन्ट्री जोड़ने के लिए लगभग 20 दिन का समय लगता है.

भूमिगत मेट्रो लाइन के निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित

टनल बोरिंग मशीन द्वारा भूमिगत मेट्रो लाइन के निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित किया जाता है. इस प्रक्रिया में प्रथम चरण इनिशियल (प्राथमिक) ड्राइव होता है, जिसमें टीबीएम लॉन्चिंग शाफ्ट से टनल की खुदाई का काम शुरू करती है. इस चरण में अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स को मैनुअल तरीके से लगाया जाता है, जिससे मशीन में लगे थ्रस्ट जैक, इन्ही अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स की मदद से टीबीएम को आगे बढ़ाते हैं. इसके बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंचती है, जिसमें टीबीएम खोदाई के साथ ही स्थाई रिंग सेगमेन्ट्स लगाते हुए टनल का निर्माण करती है.

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विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है टनल बोरिंग मशीन

बताया जाता है कि टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है. टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खोदाई करती है. कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यवस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है. इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी से मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिया में भेज दिया जाता है.

41 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया

अब तक हुए कार्य के संबंध में कार्य निदेशक ने बताया कि प्रायोरिटी कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से आइएसबीटी) में 41 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. इस कॉरिडोर के तीन स्टेशन आइएसबीटी, खेमनीचक और भूतनाथ रोड के लिए क्रॉस आर्म के इरेक्शन का कार्य शुरू हो गया जबकि एक अन्य स्टेशन मलाही पकड़ी में क्रॉस आर्म के इरेक्शन की तैयारियां चल रही हैं. क्रॉस आर्म मेट्रो स्टेशन तैयार करने के लिए लगाये जाते हैं.

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मॉनसून प्रबंधन कार्यों की समीक्षा की थी

पिछले दिनों मॉनसून को देखते हुए दलजीत सिंह ने बाइपास के उत्तर स्थित नालों के सफाई कार्यों का जायजा लिया और मॉनसून प्रबंधन कार्यों की समीक्षा की थी. उन्होंने मेट्रो निर्माण साइट के अंदर ड्रेनेज व्यवस्था व नाले को दुरुस्त करने का निर्देश दिया. साथ ही साइट के अंदर और उसके आसपास पड़ने वाले सार्वजनिक नाले की उड़ाही कर उसे पहले से भी व्यवस्थित और सुचारु बनाने के निर्देश दिये थे. इसके अतिरिक्त सभी निर्माण साइट के आस पास बैरेकेडिंग को सही करने, आम नागरिकों के लिए साइट के आसपास सुरक्षा सूचना की विजिबिलिटी बढ़ाने, साइट और बैरेकेडिंग के आसपास सफाई दुरुस्त रखने संबंधित निर्देश दिये थे.

दलजीत सिंह ने मेट्रो निर्माण का लिया था जायजा

अपने तीन दिवसीय निरीक्षण दौरे में दलजीत सिंह ने मेट्रो के सभी साइट के कास्टिंग यार्ड, पाटलिपुत्र आइएसबीटी टर्मिनल डिपो के अलावा सभी भूमिगत एवं एलिवेटेड स्टेशन साइटों का निरीक्षण करते हुए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रगति का जायजा लिया.

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