पटना में बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ और गांधी मैदान में तैनात गार्ड की मौत हो गयी. बुधवार काे स्वतंत्रता दिवस की तैयारी को लेकर हो रही साफ-सफाई के लिए गांधी मैदान पहुंची नगर निगम की गाड़ी ने गेट नंबर-10 में जोरदार टक्कर मार दी. इसके कारण लोहे का भारी गेट गार्ड दिलीप पासवान व उनके बेटे मनीष पर गिर गया. भारी गेट को किसी तरह से हटाया गया और गंभीर रूप से घायल गार्ड व उनके बेटे को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां 45 वर्षीय गार्ड दिलीप पासवान की मौत हो गयी और 24 वर्षीय बेटे मनीष का इलाज चल रहा है.
ये दोनों ही लोहे की भारी गेट के नीचे दब गये थे. दिलीप पासवान मूल रूप से अथमलगोला के दौलतपुर गांव के रहने वाले थे और एसआइएस में कई साल से काम कर रहे थे. मनीष अपने पिता के काम में मदद करने के साथ ही निजी बैंक में लोन एजेंट के रूप में काम करता है. वह अपने पिता से मिलने के लिए आया हुआ था. दिलीप को चार बेटे व दो बेटियां हैं. इधर, घटना के बाद गाड़ी छोड़ कर चालक फरार होने लगा, लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया और पिटाई का प्रयास किया.
15 अगस्त को गांधी मैदान में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर साफ-सफाई का चल रही है. नगर निगम की गाड़ी लेकर चालक काफी तेजी से बुधवार को करीब 3:35 बजे गांधी मैदान गेट नंबर-10 पर पहुंचा. उसे रुकने को कहा गया, लेकिन तब तक उसने लोहे के गेट में जोरदार टक्कर मार दी, जिसके कारण गेट टूटकर गिर गया और गेट के पीछे खड़े गार्ड दिलीप पासवान व उनका बेटा मनीष दब गये. ट्रैफिक पुलिस व आम लोगों ने किसी तरह से लोहे के भारी गेट को हटाया और अंदर से निकाला.
गार्ड दिलीप पासवान से उनका दूसरा बेटा आशीष भी मिलने के लिए आ रहा था. लेकिन वह मनीष के बाद पहुंचा. उसके पहले ही हादसा हो चुका था. आशीष ने बताया कि पिता ही पूरे घर का भरण-पोषण करते थे. बड़े भाई मनीष भी जो कमाते हैं, उससे भी घर में आर्थिक मदद हो जाया करती है. किसी तरह से घर का खर्च चलता था और अब पिता भी नहीं रहे.
नगर निगम की जिस गाड़ी से यह हादसा हुआ, उसमें रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था. जानकारों का कहना है कि नगर निगम की कई गाड़ियों में रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है. अब सवाल उठता है कि नगर निगम या सरकारी विभाग की बिना नंबरों की गाड़ियाें पर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती है? क्या स्मार्ट सिटी के तहत लगे सीसीटीवी कैमराें काे इस तरह की सरकारी गाड़ियां नजर नहीं आती है.
पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस हादसे में सिक्योरिटी गार्ड की मौत दुखद है. उनके परिजन को उचित मुआवजा मिलेगा. उनके अंतिम संस्कार के लिए राशि देने के संबंध में आदेश दिया गया है. वहीं, घायल बेटे के इलाज के लिए दवा से लेकर सारी व्यवस्थाएं की गयी हैं. टूटे हुए गेट की मरम्मत दो दिनों में करने का आदेश दिया.
गांधी मैदान का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने गांधी मैदान थानाध्यक्ष अरुण कुमार की जमकर क्लास लगायी. डीएम ने थानाध्यक्ष को कहा कि हमेशा यह प्रकाश में आता है कि गांधी मैदान इलाके से कभी बाइक चोरी हो गयी, तो कभी किसी का मोबाइल फोन छीन कर भाग गया, तो किसी के रुपये झपट्टा मार कर ले गया. इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं, इसलिए इन सब चीजों को रोकिए और गश्ती बढ़ाइए. सीसीटीवी कैमरे को देखिए और घटना करने वाले लोगों को पकड़िए.
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों का जायजा लिया.उन्होंने साफ-सफाई, बैरिकेडिंग, बैठने की व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, पार्किंग, आमंत्रण पत्र, विद्युत व्यवस्था, परेड और पूर्वाभ्यास झांकियों का प्रदर्शन, विधि-व्यवस्था सहित सभी बिंदुओं पर समीक्षा की. यातायात प्रबंधन के लिए यातायात नियंत्रण कक्ष की स्थापना होगी. गांधी मैदान में नक्शे के अनुसार बैरिकेडिंग करने, मैदान के समतलीकरण व सभी प्रवेश द्वार की मरम्मत करने का निर्देश दिया.
डीएम ने कहा कि बरसात को लेकर गांधी मैदान की चारों ओर जल निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित होना चाहिए. परेड निरीक्षण व झांकियों के रास्ते व मुख्य प्रवेश द्वार पर आवश्यकतानुसार ब्रीक पिचिंग करने को कहा गया. लोगों के बैठने के लिए दीर्घा में आने-जाने के रास्ते पर सूचना की व्यवस्था हो. वाटर टैंकर के साथ-साथ वाटर एटीएम भी लगाये जाये.प्राथमिक उपचार के लिए अलग-अलग चिकित्सक, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारी आवश्यक दवाओं व उपकरणों के साथ प्रतिनियुक्त रहेंगे. ट्रैफिक प्लान से संबंधित सूचना अखबारों में प्रकाशित करने के लिए कहा गया. ताकि लोग समारोह के समय वैकल्पिक मार्ग का चुनाव कर सके. गांधी मैदान में वाहन पार्किंग की व्यवस्था ट्रैफिक एसपी व डीटीओ को करना है.