कांग्रेस की तेजतर्रार और राजनीति में अपनी पहचान बनानेवाली चार महिला विधायक- दीपिका पांडेय सिंह, पूर्णिमा नीरज सिंह, अंबा प्रसाद और शिल्पी नेहा तिर्की ‘प्रभात खबर संवाद’ कार्यक्रम में पहुंचीं. इन महिला विधायकों ने अपनी प्रखरता और तथ्यपरक बातों से सदन के अंदर और बाहर अपनी पहचान बनायी है. पार्टी के अंदर भी अलग-अलग सवालों पर मुखर रहीं हैं. प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम में सभी महिला विधायकों ने बेबाकी से अपनी बातें रखीं. राजनीतिक संघर्ष से लेकर सरकार के कामकाज तक पर चर्चा की, वहीं केंद्र सरकार को भी घेरा.
महिला विधायकों का कहना था कि राज्य में हमारी सरकार ने कई क्षेत्रों में काफी बेहतर काम किया है. केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के बाद भी झारखंड सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू कीं, जिनका लाभ राज्य की जनता को मिल रहा है. राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी ‘सर्व जन पेंशन योजना’ आज लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है.
निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण स्थानीय लोगों को दिया गया है. पुरानी पेंशन योजना लागू की गयी है. विधायकों ने कहा कि हमें जनता ने चुन कर भेजा है. जनता की आवाज उठाना हमारा काम है, हमलोग अपना काम करते हैं. सरकार को सकारात्मक रूप से आईना दिखाते हैं. राज्य में एक संवेदनशील सरकार है. सरकार हमारी मांगों के अनुरूप कार्य भी करती है.
कांग्रेस द्वारा किसी महिला को मंत्री नहीं बनाये जाने पर उनका कहना था कि महिला विधायकों की प्रतिभा को पार्टी बहुत दिनों तक अनदेखी नहीं कर सकती है. वहीं, लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर विधायकों ने कहा कि पार्टी का जैसा आदेश होगा, उसका पालन करूंगी. विधायकों ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम करने की जरूरत है.
शिक्षा के विकास के बिना हम विकसित राज्य की बात नहीं कर सकते. नीतियों को लेकर समय के साथ उसमें बदलाव की बात भी उन्होंने कही. नीतियों में बदलाव के लिए लोगों को तैयार किया जाये. आज नीतियों को लेकर राज्य में थिंक टैंक बनाने की जरूरत है. आज हमारी नीति क्यों फंस रही है. आज हम बदलाव से डर रहे हैं, जो झारखंड को रोक रहा है.
विधायकों ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने भी आरोप लगाया. कहा कि आज केंद्र से सहयोग नहीं मिलने के कारण राज्य में आठ लाख आवास निर्माण की योजनाएं लंबित हैं. केंद्र प्रायोजित योजनाओं की राशि समय पर नहीं दी जा रही है.
केंद्र सरकार आज डबल इंजन की सरकार की बात करती है, क्या दो अलग-अलग कंपनी के इंजन से गाड़ी अच्छी नहीं चलती. जिस राज्य में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां विकास के लिए केंद्र पैसा नहीं देगी. केंद्र व राज्य में समन्वय नहीं होने का असर राज्य के विकास पर पड़ता है. केंद्र के डबल इंजन का दंश आज जनता झेल रही है.