लखनऊ: पीपी मॉडल पर गाजियाबाद ओल्ड, गोमती नगर लखनऊ एवं सिविल लाइन्स प्रयागराज बस स्टेशन विकसित होंगे. परिवहन निगम ने बसों में वैहिकल लोकेशन ट्रैकिंग एवं पैनिक बटन स्थापना की भी शुरुआत कर दी है. निगम मुख्यालय पर आधुनिक कमाण्ड कन्ट्रोल सेन्टर, क्षेत्रीय मुख्यालयों पर रीजनल कमांड कन्ट्रोल सेन्टर का भी हुआ शुभारंभ हो गया है. 100 प्रमुख बस स्टेशनों पर यात्री सूचनाओं के लिए बड़े एलईडी डिस्प्ले पैनल्स एवं यात्री उदघोषणा तंत्र की स्थापना की परियोजना भी प्रारंभ कर दी गई है. गाजियाबाद (ओल्ड), गोमती नगर (लखनऊ) और सिविल लाइन्स (प्रयागराज) बस स्टेशनों को विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने पीपीपी मॉडल पर चयनित विकासकर्ता मै. ओनेक्स लिमिटेड के साथ कन्सेशन अनुबंध के हस्ताक्षर किए हैं. इस परियोजना के तहत, बस स्टेशनों को आधुनिकीकरण के साथ-साथ यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. प्रदेश के मुख्य बस स्टेशनों को नवीनतम तकनीकों के साथ विकसित करने का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को अधिकतम सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करना है.
परिवहन निगम द्वारा इसके साथ-साथ बसों में वैहिकल लोकेशन ट्रैकिंग और पैनिक बटन स्थापना की भी शुरुआत कर दी गई है. निगम मुख्यालय पर आधुनिक कमांड कंट्रोल सेन्टर और क्षेत्रीय मुख्यालयों पर रीजनल कमांड कंट्रोल सेन्टर का भी उद्घाटन किया गया है. 100 प्रमुख बस स्टेशनों पर यात्री सूचनाएं दिखाने के लिए बड़े एलईडी डिस्प्ले पैनल्स और यात्रियों की उद्घोषणा के लिए तंत्र भी स्थापित किये गए हैं. उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर शीघ्रता से कार्य शुरू करने की संकल्पना जताई. उन्होंने बताया कि पीपीपी मॉडल पर बनने वाले बस स्टेशनों को सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाएगा. इन बस स्टेशनों को आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला की झलक के साथ विकसित किया जाएगा. प्रबंध निदेशक मोहित गोयल ने भी विकास कार्यों को संकल्पबद्धता से आगे बढ़ाने की पुष्टि की.
इस संबंध में परिवहन निगम ने बताया कि 5000 बसों में वीएलटीडी लगाया जाएगा जिससे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी. वैहिकल लोकेशन ट्रैकिंग एवं पैनिक बटन स्थापना के माध्यम से अब यात्रियों को उनके परिजनों की वास्तविक लोकेशन की जानकारी हो सकेगी और बस के गंतव्य की जानकारी प्राप्त कर परिजनों को लाने और पहुंचाने में मदद मिलेगी. परिवहन निगम ने इस समय से नई बसों में वीएलटीडी लगाने का भी काम शुरू कर दिया है और पहले से संचालित बसों में भी वीएलटीडी का इंस्टालेशन जल्दी ही पूरा कर दिया जाएगा.
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इस अवसर पर प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग, एल वेंकटेश्वर लू ने बताया कि विकसित बस स्टेशनों के साथ-साथ तहसील और ब्लॉक स्तर पर स्थित बस स्टेशनों का भी विकसित किया जाएगा. इसके लिए एक नई कंसलटेन्ट फर्म का चयन किया जाएगा जिससे इन बस स्टेशनों को भी आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जा सकेगा. इस प्रक्रिया के अंतर्गत विकसित होने वाले बस स्टेशनों में भी वास्तुकला और स्थानीय संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा. सरकार इन सभी कदमों के माध्यम से यात्रियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की नवीनतम सुविधाएं और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने की कोशिश कर रही है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के इस प्रयास से यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं और बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा, जो उनके यात्रा से संबंधित चिंताओं को कम करेगा. यह पीपीपी मॉडल उत्तर प्रदेश के यात्रा सेवाओं को आधुनिकीकरण का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे राज्य की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.