13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत-पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद के समर्थन में है अमेरिका, 6 प्वाइंट में समझें पूरा मामला

कई बार दोनों देश अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश करते है. हालांकि, अभी तक यह नहीं हो पाया है. अब अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करता है.

India-Pakistan Relation : भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते सभी जानते है. कई मुद्दों पर इन दोनों देशों के बीच आए दिन विवाद होता हुआ नजर आता है. भारत से ही विभाजित देश पाकिस्तान जब कभी भी भारत की ओर बुरी नजर उठाता है तो भारत से उसे मुंह की खानी पड़ी है. लेकिन, इस बीच कई बार दोनों देश अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश करते है. हालांकि, अभी तक यह नहीं हो पाया है. अब अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करता है.

‘चिंताजनक मुद्दों पर सीधे संवाद का समर्थन’

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हम लंबे समय से कहते रहे हैं, हम भारत और पाकिस्तान के बीच चिंताजनक मुद्दों पर सीधे संवाद का समर्थन करते हैं. आगे उन्होंने कहा कि इस विषय पर हमारा लंबे समय से यही रुख रहा है. हम भारत और पाकिस्तान के बीच चिंताजनक मुद्दों पर सीधे संवाद का समर्थन करते हैं. आइए जानते है इस मामले से संबंधित 6 जरूरी बातें…

  1. भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद तथा कश्मीर मुद्दे समेत विभिन्न मसलों के कारण संबंध हमहस से तनावपूर्ण रहा हैं. इन परिस्थितियों को अच्छे से सुधारने के लिए कई सरकार ने प्रयास किये है लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है. भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान से सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध रखना चाहता है लेकिन इसकी जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है कि वह आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाएं. भारत ने यह भी कहा है कि जम्मू कश्मीर उसका हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.

  2. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जैसा कि हम लंबे समय से कहते आ रहे हैं, हम भारत और पाकिस्तान के बीच चिंताजनक मुद्दों पर सीधे संवाद का समर्थन करते हैं. हमारा लंबे समय से यही रुख रहा है.’

  3. मिलर की ये टिप्पणियां तब आयी हैं जब दो दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी गंभीर और लंबित मुद्दों को हल करने के लिए भारत के साथ वार्ता करने की पेशकश की. पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जून में कहा था कि भारत के लिए पड़ोसी देश के साथ तब तक संबंध सामान्य करना संभव नहीं है जब तक कि वह सीमा पार आतंकवाद की नीति बंद न कर दें.

  4. यह प्रतिक्रिया पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के ‘भारत के साथ बातचीत की इच्छा’ संबंधी हालिया बयान पर सवाल उठाए जाने के बाद आई है. सोमवार को इस्लामाबाद में मिनरल समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि देश के निर्माण के लिए वे पड़ोसियों से बात करने को तैयार हैं. 1947 में अपनी आजादी के बाद से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के इतिहास के बावजूद, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री मूल्यवान जुड़ाव को बढ़ावा देना चाहते हैं.

  5. पीएम शाहबाज शरीफ ने कहा था, “अपने पड़ोसियों के साथ, हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है. पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति है, एक हमलावर के रूप में नहीं बल्कि हमारे रक्षा उद्देश्यों के लिए पीएम शरीफ ने कहा, ”पिछले 75 वर्षों में हमने तीन युद्ध लड़े हैं. और जो हुआ वह अधिक गरीबी, बेरोजगारी और वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य और लोगों की भलाई के लिए संसाधनों की कमी पैदा करता है.”

  6. पीएम शरीफ ने कहा कि वह जानते हैं कि दोनों देश तब तक सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते जब तक “असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता” और जब तक शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चाओं के माध्यम से गंभीर मुद्दों को समझा और संबोधित किया जाता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अपनाने का नहीं बल्कि क्षेत्र में आर्थिक प्रतिस्पर्धा से लड़ने का तरीका है. देश के गठन के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कभी भी सामान्य नहीं रहे. भारत ने सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन पर बार-बार चिंता जताई है और कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें