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यूपी और नेपाल की बारिश से बिहार की नदियों में उफान, जानिए गंगा-कोसी समेत अन्य प्रमुख नदियों का हाल..

बिहार में नदियों का जलस्तर फिर एकबार बढ़ रहा है. यूपी में हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं नेपाल की बारिश ने कोसी में उफान ला दिया है. कटाव का संकट फिर से तेज हो गया है. सूबे में कई जिले ऐसे हैं जहां अब लोगों की चिंता बढ़ी है. जानिए ताजा अपडेट..

बिहार में मानसून की वापसी के बाद बारिश अभी जोरदार नहीं हो रही है लेकिन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ और घट रहा है. कई इलाकों में बाढ़ तो कई जगह कटाव को लेकर समस्या बढ़ गयी है. नेपाल में बारिश से कोसी क्षेत्र में गांवों में पानी फैलने लगा है. पशुपालकों की समस्या बढ़ने लगी है. वहीं सीमांचल क्षेत्र में गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी में उफान जारी है. यूपी में हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है.

भागलपुर, बक्सर में गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी, मुंगेर का जानें हाल..

भागलपुर में गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहा. बुधवार को गंगा नदी का जलस्तर 10 सेंटीमीटर बढ़ा. गंगा के साथ-साथ जिले के नवगछिया अनुमंडल होकर बहने वाली कोसी नदी का जलस्तर भी 18 सेंटीमीटर बढ़ गया है. जलसंसाधन विभाग पटना के अनुसार, दो अगस्त को दोपहर दो बजे भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर 31.31 मीटर रिकॉर्ड किया गया. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 33.68 मीटर से फिलहाल 2.37 मीटर दूर है. मंगलवार शाम को भागलपुर समेत बिहार के अधिकांश हिस्सों में हुई बारिश के कारण गंगा समेत अन्य नदियों में पानी का प्रवाह तेज हुआ है. यूपी में हो रही बारिश के कारण प्रयागराज, वाराणसी व बक्सर तक गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. इसका असर पटना व मुंगेर होकर भागलपुर तक दिखेगा.

कोसी खतरे के निशान से 1.08 मीटर दूर

नेपाल के वराह क्षेत्र समेत कोसी क्षेत्र में बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर बुधवार को 18 सेंटीमीटर बढ़ा है. भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल की सीमा पर स्थित कुरसेला में कोसी नदी खतरे से निशान से फिलहाल 1.08 मीटर दूर है. वहीं खगड़िया के बलतरा में कोसी नदी खतरे के निशान से महज सात सेंटीमीटर दूर है.

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शहर के गंगाघाटों पर पानी का दबाव बढ़ा

गंगा नदी में हो रही उफान से भागलपुर शहर के गंगाघाट पर पानी का दबाव बढ़ा है.कोसी नदी की बाढ़ का पानी गोपालपुर के कलबलिया धार में उतर गया है. जिससे आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पिछले दो-तीन दिनों से कुर्सेला-कटरिया के पास से कोसी नदी का पानी कटरिया, रंगरा होते हुए डुमरिया, सुकटिया बाजार की ओर तेजी से बढ रहा है.रंगरा स्लूइस गेट पर भी पानी जमा होने लगा है.कलवलिया धार में बाढ़ का पानी आने से दर्जनों गावों में बाढ़ आने का खतरा सताने लगा है. पशुपालकों की चिंता बढ़ने लगी है.गंगा के जलस्तर में वृद्धि से भागलपुर के कहलगांव, बटेश्वर से तोफिल अनठावन दियारा समेत अन्य जगहों पर कटाव शुरू हो गया है.

गंडक बराज का पानी घटने के साथ ही कई जगहों पर कटाव का खतरा बढ़ा

पश्चिम चंपारण में भी कटाव से मुसीबत बढ़ी है. वाल्मीकिनगर में गंडक बराज वाल्मीकिनगर से कम मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गंडक दियारा के निचले इलाकों तथा पिपरा पिपरासी तटबंध के कई नोजों पर पानी का दबाव तेज हो गया है. जिसको लेकर दियारा इलाकों में कई जगहों पर कटाव भी शुरू हो गयी है. जबकि सरकार दियारा इलाके को कटाव नहीं मानती. उसे दियारा ही मानती है. क्योंकि नदी के द्वारा छोड़ा गया भू भाग को दियारा के नाम से जाना जाता है. उसी इलाकों में कई जगहों पर कटाव हो रहा है. जिसको लेकर किसान परेशान है. क्योंकि उनके खेतों में लगे धान गन्ने के पौधे कट नदी में विलीन हो रहे हैं. वही दूसरी ओर बुधवार की शाम पांच बजे तक अप स्ट्रीम से 1.15 हजार क्यूसेक पानी का गंडक नदी में किया जा रहा है. पिछले साल आज के दिन गंडक बराज के अप स्ट्रीम से 3.14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.

हालांकि भारत-नेपाल के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में बारिश फिलहाल नहीं हो रही है. फिलहाल गंडक बराज के डाउन स्ट्रीम में लगभग 93 हजार क्यूसेक मात्र पानी छोड़ा जा रहा है. बराज के कर्मियों ने जलस्तर में गिरावट से राहत की सांस ली है. किंतु पानी घटने से कटाव होना शुरू हो जाएगा. जलस्तर बढ़ने और फिर कमी आने से गंडक नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में चुलभठ्ठा जंगल समेत ठाढी वन क्षेत्र में कटाव का खतरा बढ़ गया है. वही कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सभी कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सभी गेटों की मॉनिटरिंग की जा रही है. क्योंकि बारिश की संभावना से अभी इंकार नहीं किया जा सकता.

नेपाल में बारिश से सुपौल के गांवों में फैलने लगा पानी

नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में पिछले चार दिनों से लगातार वृद्धि हो रही है. लगातार पानी में उतार चढ़ाव के कारण अभियंताओं द्वारा तटबंध पर चौकसी बढ़ा दी गयी है. कोसी नदी में पानी बढ़ने के कारण तटबंध के अंदर सुपौल के दर्जनों गांवों में पानी फैलने लगा है. जिससे लोग काफी भयभीत नजर आने लगे हैं. जानकारी के अनुसार मंगलवार को 12 बजे रात में कोसी नदी का जलस्तर इस साल का सबसे अधिक मापा गया. लेकिन बुधवार की सुबह से धीरे-धीरे पानी घटने लगा.

कटिहार में नदियों का जलस्तर

कटिहार जिले में महानंदा नदी को छोड़ सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में बुधवार को वृद्धि जारी रही है. महानंदा नदी का जलस्तर में बुधवार को सभी स्थानों पर कमी दर्ज की गयी है. इस नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल, आजमनगर, कुर्सेल, धबोल, दुर्गापुर व गोविंदपुर में घट रही है. हालांकि, इस नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर से कई क्षेत्रों में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में भी वृद्धि दर्ज की गयी है. गंगा, बरंडी व कारी कोसी नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंच गयी.गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर भी पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ रही है.

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