बरेली : महंगाई आम आदमी का पीछा नहीं छोड़ रही है.टमाटर की कीमतों ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बरेली सब्जी मंडी में टमाटर थोक में 200 रूपये और फुटकर में 300 रूपये किलो तक बिक रहा है. इससे टमाटर गरीबों की किचिन से दूर हो चुका है.सब्जी मंडी से लेकर बाजार तक में टमाटर की कीमत कम नहीं हो रही हैं.पहले यह 100 से 120 रूपये किलो तक थी, लेकिन एक बार फिर टमाटर की कीमत बढ़ गई है.बरेली में टमाटर की कीमत 200 से 300 रूपये तक बिकने लगा है. इसके साथ शिमला मिर्च के दाम 80 से 100 रूपये किलो तक हो गए हैं. सूखे मसालों की कीमतों में भी कमी नहीं आ रही है. सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले सूखे मसालों की कीमत करीब 40 फीसद तक बढ़ी हैं. हरा धनिया की कीमत भी बढ़ गई है.
टमाटर की बढ़ती कीमतों से हर कोई परेशान है.बताया जाता है कि महाराष्ट्र, और आंध्र प्रदेश से टमाटर की आवक कम हो गई है.जिससे बरेली समेत प्रमुख शहरों में टमाटर की कीमत 200 से 300 रुपए प्रति किलो हो गई है. सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले सूखे मसाले की कीमतें भी महंगी हो गई हैं, जो सूखे मसाले खाने में तड़का लगाते हैं, वो अब किचन का बजट बिगाड़ रहे हैं.मसालों के कारोबारी बता रहे हैं कि सूखे मसालों के कीमत में 40 फीसदी की बढ़त हुई थी.यह कम नहीं हो रही है.
बरेली में मसालों के कारोबारी रजत अग्रवाल का कहना है कि मसालों की कीमत में बढ़ोतरी की वजह सूखे मसालों की आवक कम हुई है.इसके साथ ही डिमांड (मांग) में तेजी आई है.बारिश,और पर्यावरण में बदलाव की वजह से भी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. मसाला कारोबारी का कहना है कि यहां सूखे मसालों की कीमतों में 30 से 40 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिला है.सबसे अधिक कीमत जीरे की बढ़ी हैं. इसके अलावा सूखी हल्दी की कीमत में भी 30 फीसदी का इजाफा हुआ है.हालांकि, कारोबारियों का मानना है कि बहुत जल्द महंगे दाम से राहत मिलेगी. ये सभी दाम थोक बिक्री के हैं और रिटेल में दुकानदार अपना मार्जिन लगाकर सूखे मसाले बेचते हैं.
मसालों की कीमत मार्च-अप्रैल में ठीक थीं. मगर, अप्रैल में जीरा 300 रूपये किलो था जो अब 700 रूपये किलो हो गया है. हल्दी 100 रूपये से 160 रूपये किलो, सौंफ 250 रूपये से 400 रूपये किलो, लौंग 650 से 1200 रूपये किलो, छोटी इलाइची 800 से 1400 रूपये किलो,बड़ी इलाइची 600 से 900 रूपये किलो तक पहुंच गई है.
देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह के मसालों की खेती की जाती है.मिर्च के लिए आंध्र प्रदेश सबसे अधिक प्रसिद्ध है.काली मिर्च के लिए कर्नाटक का नाम नंबर वन पर आता है.हरा धनिया उगाने में मध्य प्रदेश नंबर वन रहता है,तो जीरा उगाने में गुजरात. लेकिन कुल मिलाकर बड़े स्केल पर देखा जाए तो केरल हमारे देश का वो राज्य है, जहां सबसे अधिक मात्रा में मसालों को उत्पादन होता है.दुनिया में भारत अगर,लैंड ऑफ स्पाइस है. तो इसमें केरल को भारत का लैंड ऑफ स्पाइस कहा जाता है.दुनिया में सबसे अधिक मसाले भारत में पैदा होते हैं, और भारत के अंदर सबसे अधिक मसाले केरल में पैदा होते हैं.केरल समुद्र तट पर बसा राज्य है.इस कारण यहां सदियों से विदेशी लोग मसालों की खरीद के लिए आते रहे हैं. अब भी केरल से सबसे अधिक मात्रा में मसाले दुनियाभर में भेजे जाते हैं. केरल के शहर कोच्चि का पोर्ट, तो दुनिया में मसालों के ट्रेड के लिए ही फेमस है.
बरेली में हरा धनिया से टमाटर अधिक महंगा हो गया है.बरेली में हरा धनिया 150 रूपये किलो बिक रहा है, जबकि टमाटर की कीमत 130 रूपये किलो रह गई है.टमाटर की बढ़ी कीमतों को लेकर सरकार भी फिक्रमंद है.जिसके चलते टमाटर के दाम नीचे लाने की कोशिश चल रही है.मगर, बाकी सब्जियों के दाम बढ़ने लगे हैं.बरेली डेलापीर मंडी में गोभी 70 रूपये किलो, हरी मिर्च 80 से 90 रुपये किलो, भिंडी 35 से 50 रूपये किलो, तुरई 40 से 50 रूपये किलो, अर्बी 35 से 40 रूपये किलो, कटहल 25 रूपये, गंगा फल 18, नया आलू 20, और शिमला मिर्च 28 रूपये किलो तक बिक रही है.
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महंगाई से आम आदमी परेशान हो चुका है.हरी सब्जियों के बाद दाल की कीमतें भी काबू से बाहर होने लगीं हैं.बरेली के बाजार में 80 से 100 रुपये किलो तक बिकने वाली अरहर की दाल की थोक कीमत में 145 से 150 रूपये किलो तक हो गई है.यह रिटेल में 165 से 175 रूपये किलो तक है.इसके साथ ही 70 से 80 रूपये किलो तक बिकने वाला चना.अब 100 से 110 रूपये किलो तक बिक रहा है.लाल मिर्च 280 से 350 रूपये किलो तक पहुंच गई है.इसके अलावा मूंग, उर्द,मसूर आदि दालों की कीमत में भी इजाफा हुआ है.इसके साथ ही भी महंगा हो गया है.
सब्जी मंडी के आढ़ती शुजार्रहमान के बताया कि पहले टमाटर यूपी के कई जिलों के साथ दिल्ली, राजस्थान से भी आता था.खर्चा कम लगने के कारण दाम भी सस्ता था, लेकिन अब बेंगलुरु, मुंबई से आ रहा है.बारिश की वजह से काफी फसलें खराब हुई हैं.इसकी वजह से टमाटर के दाम में तेजी से आई है.टमाटर जल्दी खराब हो जाता है.बारिश में इसके, और जल्दी खराब होती है.2 कैरेट टमाटर में आधा कैरेट खराब निकल जाता है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली