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झाझा-बटिया रेल लाइन बनने की फिर जगी उम्मीद, सर्वेक्षण के बाद भूमि सत्यापन का कार्य प्रारंभ

रेल लाइन के लिए हुए भूमि सर्वेक्षण के आधार पर बीते कई दिनों से प्रखंड क्षेत्र की उन जगहों पर भूमि सत्यापन का कार्य किया जा रहा है, जिधर से होकर रेल लाइन गुजरेगी. रेलवे दानापुर डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर संजीव कुमार की उपस्थिति में अंचल कार्यालय सोनो की टीम द्वारा भूमि सत्यापन का कार्य किया जा रहा है.

जमुई. सोनो प्रखंड के लोगों में झाझा-बटिया रेल लाइन परियोजना के कार्यारंभ की उम्मीद एक बार फिर जगी है. इस रेल परियोजना की घोषणा व शिलान्यास के चार वर्षों के बाद एक बार पुनः रेल लाइन बिछाने की विभागीय सुगबुगाहट तेज हुई है. रेल लाइन के लिए हुए भूमि सर्वेक्षण के आधार पर बीते कई दिनों से प्रखंड क्षेत्र की उन जगहों पर भूमि सत्यापन का कार्य किया जा रहा है, जिधर से होकर रेल लाइन गुजरेगी. रेलवे दानापुर डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर संजीव कुमार की उपस्थिति में अंचल कार्यालय सोनो की टीम द्वारा भूमि सत्यापन का कार्य किया जा रहा है.

मुआवजा दिये जाने की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू

झाझा से सोनो होते हुए बटिया तक के लगभग 22 किलोमीटर रेल लाइन के लिए आवश्यक भूमि के सत्यापन का कार्य बुधवार तक लगभग 18 किलोमीटर संपन्न कर लिया गया था. बुधवार को टीम तेतरिया व नैयाडीह मटिहाना के भूमि मालिकों से मिलकर भूमि सत्यापन किया. भूमि सत्यापन कार्य व अन्य तकनीकी कार्यों का जायजा लेने रेलवे दानापुर डिवीजन के मुख्य अभियंता आशुतोष कुमार मिश्रा गुरुवार को झाझा पहुंचे. झाझा से सोनो होते हुए रेल लाइन के भूमि सत्यापन कार्य का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिये. भूमि सत्यापन टीम द्वारा भूमि के मालिकों से मिलकर उनकी भूमि को चिह्नित किया गया और उक्त भूमि के खाता खसरा का मिलान कर भूमि के मालिकाना हक का सत्यापन किया गया. दरअसल बिहार सरकार द्वारा भूमि सत्यापन करवाने के उपरांत भूमि मालिकों को मुआवजा दिये जाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

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जल्द ही पूरा हो जायेगा सत्यापन कार्य

भूमि सत्यापन कार्य में जुड़े रेलवे के सेक्शन इंजीनियर संजीव कुमार बताते हैं कि सत्यापन कार्य जल्द ही पूरा हो जायेगा. इसके बाद भूमि मालिकों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू होगी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा जितनी जल्द भूमि उपलब्ध करा दी जायेगी, उतनी जल्द रेल पटरी बिछाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आगामी तीन से चार माह में यह प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. इस बीच रेलवे टेंडर की प्रक्रिया पूरी करके कार्य हेतु एजेंसी नियुक्त कर ली जायेगी. इंजीनियर की मानें तो आगामी तीन से चार माह के भीतर कार्य शुरू हो जायेगा. हलांकि कुछ लोग इस गतिविधि को आगामी चुनाव को देखते हुए शुरू किया गया कार्य करार देते हैं. किंतु भूमि सत्यापन कार्य को देखकर लोगों में खुशी व उत्साह है.

2019 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया था शिलान्यास

झाझा से सोनो बटिया व चकाई होते हुए गिरिडीह तक के स्वीकृत रेल परियोजना के प्रथम चरण में झाझा से बटिया तक के 20 से 22 किलोमीटर लंबी रेल लाइन निर्माण का शिलान्यास चार वर्ष पूर्व बीते 2 मार्च 2019 को तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया था. इस परियोजना को जमुई सांसद सह लोजपा (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का ड्रीम प्रोजेक्ट भी कहा जाता है. उन्होंने वर्ष 2019 में इसके लिए प्रयास किया था. इसी प्रयास के फलस्वरूप तत्कालीन रेल मंत्री द्वारा झाझा-बटिया रेल लाइन कार्य का शिलान्यास किया गया था. बाद में यह परियोजना ठंडे बस्ते में चल गयी. हालांकि इस बीच पटरी बिछाने के लिए भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया था.

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फरवरी 2023 में स्वीकृत हुई थी 352 करोड़ की राशि

चार वर्षों तक झाझा बटिया रेल लाइन निर्माण कार्य पर लगा ग्रहण वर्ष 2023 के आते ही छंटने लगा. सांसद के प्रयास से फरवरी 2023 में झाझा से बटिया तक के 22 किलोमीटर लंबे रेल लाइन कार्य हेतु 352 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन को स्वीकृति मिली थी. इस रेल लाइन पर रूट के अनुरूप पटरी बिछाने हेतु सर्वेक्षण के बाद अब जब भूमि मालिकों को मुआवजा देने और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत भूमि सत्यापन का कार्य प्रारंभ हो गया. इससे लोगों में खुशी देखी जा रही है.

लोगों में चर्चा, कहीं यह चुनावी छलावा तो नहीं

झाझा-बटिया रेल लाइन निर्माण हेतु भूमि सत्यापन के शुरू हुए कार्य को लेकर लोगों में खुशी तो है लेकिन साथ ही एक संशय भी है कि कहीं यह चुनावी छलावा तो नहीं है. दरअसल वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पूर्व जिस रेल लाइन निर्माण परियोजना का शिलान्यास खुद रेल मंत्री द्वारा किया गया था, उसका कार्य बीते चार-साढ़े चार वर्षों तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. अब जब 2024 में लोकसभा चुनाव है, तो ठीक चुनाव से पूर्व भूमि सत्यापन व अन्य कार्य का प्रारंभ होने से लोगों के मन में संशय भी हो रहा है. हालांकि अधिकांश लोगों को आशा है कि इस बार कार्य जल्द प्रारंभ होगा और निरंतर जारी रहेगा. क्योंकि योजना को वित्तीय आवंटन मिल चुका है. रेलवे के सेक्शन इंजीनियर भी कार्य को लेकर बताते हैं कि तीन से चार माह में कार्य धरातल पर दिखने लगेगा.

भूमि जाने का गम, लेकिन रेलवे की सौगात मिलने की खुशी

बुधवार को रेल लाइन के लिए पूर्व में मापी की गयी भूमि के सत्यापन का कार्य सोनो प्रखंड के तेतरिया व नैयाडीह टोला मटिहाना में किया जा रहा था. जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित होनी थी, उनके चेहरे पर जहां भूमि जाने का गम था, वहीं घर से नजदीक रेलवे सुविधा मिलने की खुशी भी थी. तेतरिया के जागेश्वर मंडल और नैयाडीह के नीलू कुमार बताते हैं कि उनकी काफी जमीन अधिगृहीत होगी. इसका उन्हें दुःख है. लेकिन उन्हें इस बात की खुशी भी है कि उन लोगों को 10 से 12 किलोमीटर दूर जाकर ट्रेन नहीं पकड़नी पड़ेगी. अब उन्हें रेलवे की सुविधा घर के नजदीक मिल जायेगी.

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