झुमरीतिलैया: झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुरुवार को कोडरमा के ब्लॉक मैदान में बदलाव संकल्प महासभा का आयोजन किया गया. सभा में बतौर मुख्य वक्ता जेबीकेएसएस के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो समेत अन्य शामिल हुए. सुबह 11 बजे शुरू होने वाली सभा में जयराम घंटों विलंब से दोपहर करीब ढाई बजे पहुंचे. इस दौरान सभा में उमड़ी युवाओं व अन्य की भीड़ को करीब ढाई घंटे तक अलग अंदाज में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने हक व हकूक के लिए लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार व राज्य की हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जल, जंगल व जमीन पर सबसे पहला हक झारखंडियों का है. देश में जब 1860 की भारतीय दंड संहिता चल सकती है तो 1932 का खतियान क्यों नहीं चल सकता. सरकार को स्थानीय व नियोजन नीति स्पष्ट करनी चाहिए.
कोडरमा सांसद व विधायक से भी दिखे नाराज
जयराम महतो ने कहा कि झारखंड की जल, जंगल व जमीन पर सबसे पहला हक झारखंडियों का है. बिहार से अलग होने के बाद जो हिस्सा झारखंड को मिला वह हमारा है. इसे छीनने की कोशिश की जाएगी तो आंदोलन होगा. हमारा दूसरे राज्यों से कोई भेद नहीं है, पर सरकारी कार्यालय में बाहरियों का दबाव नहीं चलेगा. जयराम ने कहा कि झारखंड को केंद्र ने भी लूटा है और राज्य सरकार का भी यही हाल है. कोडरमा में अभ्रक व पत्थर उद्योग का बुरा हाल है़ यहां की सांसद ने एक बार भी इस मुद्दे को संसद में नहीं उठाया. विधायक का भी यही हाल है.
कोडरमा की बिजली जा रही बांग्लादेश
केटीपीएस डीवीसी को लेकर उन्होंने देहाती अंदाज में कहा कि हमर पानी, हमर पसीना बिजली जले तो शेख हसीना. यह बर्दाश्त लायक नहीं है. कोडरमा की बिजली बांग्लादेश जा रही है और यहां के लोग अंधेरे में रहते हैं. जिन लोगों ने प्लांट के लिए जमीन दी, उन्हें नौकरी पर नहीं रखकर बाहरियों को रखा गया है़ सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन होगा. जयराम ने स्थानीय सांसद व विधायक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इनके रहने के बावजूद यहां की जनता भूखी-प्यासी है. कोडरमा की जनता परेशानी में है. यह इन दोनों के लिए शर्म की बात है. वैसे राज्य में जो भी सरकार आई है, स्कूल ड्रेस के नाम पर अरबों की लूट हुई है. आज लाइब्रेरी फीस कम की जानी चाहिए.
स्थानीय व नियोजन नीति स्पष्ट करे सरकार
जयराम ने आगे कहा कि आज लोगों को जमीन के दाखिल खारिज को लेकर दौड़ाया जाता है. देश में जब 1860 की भारतीय दंड संहिता चल सकती है तो 1932 का खतियान क्यों नहीं चल सकता. सरकार को स्थानीय व नियोजन नीति स्पष्ट करनी चाहिए. केंद्र में कृषि कानून की जगह स्वास्थ्य कानून लाना चाहिए था, पर सभी सरकारें सिर्फ भटकाती है़ं उन्होंने गैर मजरूआ जमीन का भी मामला उठाते हुए कहा कि हमारी जमीन बचेगी तो हम बचेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड का यह हाल है कि यहां बेटियां दूसरे राज्यों में नौकारानी का काम करने को मजबूर हैं. इस स्थिति को बदलने के लिए हम सभी को जागना होगा और अपने हक व अधिकार की आवाज उठानी होगी.
छह भाषाओं को मिले दर्जा
संजय मेहता ने अपने संबोधन में कोडरमा की तीन नेत्रियों पर चुटकी लेते हुए कहा कि इनसे कोडरमा का भला नहीं होगा. इनलोगों को हटाकर ही क्षेत्र का विकास संभव है. उन्होंने कहा कि झारखंड में छह भाषाओं को दर्जा मिलना चाहिए. यह क्रांतिकारियों की धरती है. उन्होंने कहा केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री को स्थानीय व नियोजन नीति की आवाज लोकसभा में उठाने की आवश्यकता है, लेकिन आज तक वह मौन बन कर रही हैं.
इन्होंने भी किया संबोधित
इस सभा को छात्र नेता मनोज यादव के अलावा देवेंद्र नाथ, पूजा महतो, मोतीलाल महतो, भुवनेश्वर यादव, कृष्णा यादव आदि ने भी संबोधित किया़ सभा के दौरान सिंगर सावित्री कर्मकार व सूरज टाइसन ने 60-40 नाय चलतो और टायगर अभी जिंदा है रैप पर गीत गाकर समां बांध दिया. कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता रविशंकर यादव ने जेबीकेएसएस का दामन थामा. इनका आयोजन कर्ता प्रेम नायक आदि ने पुष्प गुच्छ देकर व गमछा ओढ़ा कर पार्टी में स्वागत किया.
बारिश के बीच डटे रहे युवा, हुआ जोरदार स्वागत
गुरुवार को सुबह से शहर में रुक-रुक कर हल्की बारिश होती रही. बावजूद सभा स्थल पर अच्छी खासी भीड़ जमा रही. खासकर युवा जयराम महतो को सुनने के लिए जुटे रहे. कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व जयराम महतो का रिमझिम बारिश के बीच झंडा चौक पर भव्य स्वागत हुआ. यहां ढोल-नगाड़ों के साथ कार्यकर्ताओं में श्री महतो का जोरदार स्वागत किया. इसके बाद जयराम यहां से पैदल रैली की शक्ल में अपने समर्थकों के साथ आयोजन स्थल पर पहुंचे. यहां जब उनके बोलने की बारी आई तो स्कार्पियो पर खड़े होकर उन्होंने लोगों को संबोधित किया़