मुजफ्फरपुर. डीजीपी आरएस भट्टी गुरुवार को शहर पहुंचे. उन्होंने एसएसपी कार्यालय में जिले के सभी थानेदार और अपर थानेदार के साथ पूर्व में दिये गये 30 बिंदुओं पर टास्क की समीक्षा की. बैठक में तिरहुत रेंज के आइजी पंकज सिन्हा, एसएसपी राकेश कुमार व सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह के अलावा जिले के सभी डीएसपी भी मौजूद थे. डीजीपी ने स्मार्ट व प्रभावी पुलिसिंग को जमीन पर उतारने के लिए थाना के बेहतर संचालन, क्राइम कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर को बेहतर ढंग से लागू करने में कहां-कहां परेशानी सामने आ रही है. इस पर थानेदार व अपर थानेदार का पक्ष भी जाना. करीब तीन घंटे तक चले मैराथन बैठक के दौरान जिले में क्राइम कंट्रोल को लेकर डीजीपी ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को टिप्स दिये.
पब्लिक से दोस्ताना व्यवहार रखें : डीजीपी
डीजीपी ने अपर थानेदारों को कहा कि थानेदारों की अनुपस्थिति में कोई भी फरियादी थाने से वापस न जाये. उनका आवेदन लेकर तुरंत रिसीविंग दें. पब्लिक से दोस्ताना व्यवहार रखें. अपराध व अपराधियों से जुड़े लोगों पर निगरानी के साथ उन पर कड़ी कार्रवाई के लिए थानेदार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें. डीजीपी ने पूर्व में दिये निर्देशों का हर हाल में पालन सभी थानेदारों को करने को कहा है. लापरवाही सामने आयेगी, तो कड़ी कार्रवाई होगी.
प्राथमिकी दर्ज होने के एक घंटा के अंदर करें अपलोड
डीजीपी ने जिले के सभी थानेदार व अपर थानेदारों को निर्देश दिया है कि थाना में प्राथमिकी दर्ज होने के एक घंटा के अंदर में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की साइट पर अपलोड कराएं. इसके लिए थाने में सीसीटीएनएस के तहत ऑपरेटर दिया गया है. अगर कोई परेशानी सामने आ रही है, तो तुरंत अपने वरीय अधिकारी को सूचित कर समस्या का निदान करें.
ग्रेजुएट लेवल के मुंशी से थाने के सिरिस्ता का काम लें
थाने के सिरिस्ता में ग्रेजुएट लेवल व दक्ष मुंशी से काम कराएं. इससे परफेक्शन आयेगा. डीजीपी ने कहा कि मुंशी का जनता के साथ सीधा इंटरेक्शन होता है. मुंशी एडुकेटेड होंगे, तो उनके व्यवहार व बात करने की शैली से आम लोगों के बीच में पुलिस की बेहतरीन छवि बनेगी. इसके अलावा सिरिस्ता का काम भी सही समय पर हो पायेगा.
जेल से छूटे अपराधियों पर रखें निगरानी, जमानतदारों पर कसें शिकंजा
जेल से छूटे अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने को कहा गया है. ऐसे अपराधी जो जमानत पर बाहर निकलते हैं, अगर दोबारा से वे अपराध में सक्रिय होते हैं, तो उनको तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजें. साथ ही जमानतदारों पर भी कड़ी कार्रवाई करें.
आशुतोष शाही समेत तीन माह में सभी गंभीर कांडों की ली जानकारी
डीजीपी ने प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही, पवन श्रीवास्तव समेत सभी प्रमुख हत्याकांड व गंभीर प्रवृत्ति के कांडों की भी समीक्षा की. इसमें पुलिस की ओर से अब तक की गयी कार्रवाई के बारे में जानकारी ली है. डीजीपी ने गंभीर प्रवृत्ति के कांडों में फरार चल रहे आरोपितों की गिरफ्तारी में कहां परेशानी आ रही है, इस पर भी जानकारी ली.
एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि डीजीपी ने समीक्षा के दौरान बीते तीन में जिले में हुए सभी प्रमुख कांडों का समीक्षा की है. इन्वेस्टिगेशन को कैसे और प्रभावी बनाया जाये. कैसे केस में ज्यादा से ज्यादा साक्ष्य इकट्ठा किया जा सके, इस पर निर्देश दिया था.
तीन महीने में जिले में हुए बड़े कांड
जिले में बीते तीन माह में सबसे प्रमुख आशुतोष शाही व उनके तीन गार्ड की गोली मार कर हत्या किये जाने की घटना हुई है. इसके साथ ही कांटी में प्रॉपर्टी डीलर पवन श्रीवास्तव की हत्या, मीनापुर में बैंक लूट, कांटी में माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 27 लाख की लूट और अपराधियों की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ की घटना, मनियारी के माधोपुर हाट पर प्रॉपर्टी डीलर राजीव सिंह की हत्या, अहियापुर में लूट वे विरोध पर हुए गल्ला कारोबारी की गोली मार कर हत्या, कच्ची-पक्की चौक पर इंडियन की गोली मार कर हत्या और अहियापुर के सहबाजपुर में हुए किराना व्यवसायी राहुल कुमार की गोली मार कर हत्या की घटना शामिल है. इनमें से कई कांडों का पुलिस खुलासा करके आरोपी को जेल भेज चुकी है. जिन मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
सर्किट हाउस में गार्ड ऑफ ऑनर
डीजीपी दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सर्किट हाउस पहुंचे थे. वहां जवानों ने उनको गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी. करीब एक घंटे तक सर्किट हाउस में डीजीपी ने तिरहुत रेंज के आइजी, एसएसपी व सिटी एसपी से मुजफ्फरपुर समेत तिरहुत रेंज में क्राइम कंट्रोल के बिंदु पर चर्चा की. इसके बाद पुलिस कार्यालय पहुंच कर यहां पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
इन बिंदुओं पर डीजीपी ने की समीक्षा
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अपराध नियंत्रण को लेकर सक्रिय अपराधियों की थाना स्तर व जिला स्तर पर कितनी गिरफ्तारियां हुई.
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गंभीर शीर्ष कांडों में वांछित फरार अभियुक्तों की कितनी गिरफ्तारी- गांव , मोहल्ला, वार्डवार नर्देशिका के अनुसार छापेमारी, गिरफ्तारी, बरामदगी हुई या नहीं
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गंभीर प्रकृति की घटना प्रतिवेदित होने पर घटना में संलिप्त अपराधकर्मियों की गिरफ्तारी एवं त्वरित गति से अनुसंधान पूर्व करते हुए स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाने में कितने अपराधियों पर स्पीडी ट्रायल का प्रस्ताव भेजा गया.
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लंबित कांड, प्रतिवेदित कांड की तुलना में कितना अधिक है, इसका आंकड़ा थानेवार , अंचलवार , अनुमंडलवार और जिलेवार तैयार किया गया या नहीं.
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प्रतिवेदित कांड के अनुपात में अधिक से अधिक कांडों का निष्पादन किया गया.
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मद्य निषेध नीति का अनुपालन सख्ती से किया जा रहा है या नहीं, इसको और प्रभावी बनने को क्या- क्या उपाय किया गया.
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शराब माफियाओं व बालू माफियाओं पर कितनी कार्रवाई की गयी.
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पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को वेलफेयर से संबंधित कार्यों निष्पादन कराया गया या नहीं
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साइबर अपराध में कितनी गिरफ्तारी व फ्रॉड की गयी राशि की बरामदगी की गयी.
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सभी थानों में अपर थानेदार हेतु पुलिस पदाधिकारियों को पदस्थापित किया गया है. उनसे क्या- क्या कार्य लिया जा रहा है.
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एक वर्ष के अंदर होने वाले कार्यक्रम, पर्व, त्योहार का कैलेंडर ऑफ इवेंट्स तैयार किया गया कि नहीं.
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सोशल मीडिया पर पुलिस की कितनी सक्रियता बढ़ी है. गलत सूचनाओं व अफवाहों का खंडन करके. अफवाह फैलाने वालों पर क्या क्या कार्रवाई की गयी है.
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प्रत्येक कार्य दिवस के दिन 11 से एक बजे तक अपने कार्यालय में उपस्थित होकर आम जनता की फरियाद सुने
एसडीपीओ व डीएसपी का इन बिंदुओं पर किया गया समीक्षा
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थाना, कार्यालयों में प्राप्त आवेदन, दर्ज एफआइआर की प्रति, प्राप्ति की रसीद आवेदक को प्राप्त कराया जा रहा है कि नहीं इसकी मॉनिटरिंग किया जाना.
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गंभीर प्रवृत्ति के केस में प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही उसके उद्भेदन में एसडीपीओ व डीएसपी के स्तर से क्या- क्या कार्रवाई की गयी.
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सभी विशेष प्रतिवेदित कांडों में स समय पर्यवेक्षण टिप्पणी समर्पित किया गया या नहीं
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थाने में आये आगंतुकों से शिष्ट व्यवहार थानेदार व पुलिस पदाधिकारी कर रहे हैं या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग करना
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प्रतिवेदित कांडों से अधिक की संख्या में कांडों का निष्पादन कराने के लिए थानों का रिव्यू करना
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भूमि विवाद की सूची प्रत्येक थानावार विस्तार से तैयार किया जाए एवं विधि सम्मत कार्रवाई कराया जा रहा है कि नहीं- अनुमंडलवार सक्रिय अपराधियों की सूची सदस्यों के नाम के साथ तैयार करके कितनी गिरफ्तारियां हुई.
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गांव वार, वार्ड वार बनाये गये ग्राम निर्देशिका के अनुसार छापेमारी एवं उसे हमेशा अपडेट कर रहें की नहीं. इसके अलावे अन्य कई बिंदुओं पर समीक्षा की गयी है.