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धनबाद में जलमीनार की क्षमता से अधिक बांट दिया वाटर कनेक्शन, अब दे रहे हैं एक दिन बीच कर पानी

पूरे शहर में पेयजल समस्या गंभीर होती जा रही है. एक तरफ शहर की आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से जलमीनारों की क्षमता नहीं बढ़ रही है. कई इलाके हैं. लोगों को सिर्फ 10 से 15 मिनट पानी मिल पाता है. इस समस्या से निबटने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने छह नये जलमीनार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

धनबाद पेयजल व स्वच्छता विभाग ने स्टीलगेट के जलमीनार की क्षमता से अधिक वाटर कनेक्शन बांट दिया है. अब जल संकट से लोग परेशान हुए तो विभाग ने नया फॉर्मूला तैयार किया है. हर दिन की जगह एक दिन बीच कर रोटेशन के आधार पर पानी की आपूर्ति की जा रही है. इससे लोगों की समस्या बढ़ गयी है. जल संकट से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. बता दें कि स्टीलगेट जलमीनार की क्षमता 1.5 लाख गैलन की है. उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने की वजह से पानी की राशनिंग की जा रही है. अधिकारियों के अनुसार इस जलमीनार से वर्तमान में लगभग 40 हजार से ज्यादा लोगों को पानी मिलता है.

समस्या से निबटने के लिए नये जलमीनार बनाने की तैयारी

स्टीलगेट समेत पूरे शहर में पेयजल समस्या गंभीर होती जा रही है. एक तरफ शहर की आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से जलमीनारों की क्षमता नहीं बढ़ रही है. कई इलाके हैं, जहां लोगों को सिर्फ 10 से 15 मिनट पानी मिल पाता है. इस समस्या से निबटने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने छह नये जलमीनार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

यहां बनेंगे नये जलमीनार

नूतनडीह, सिमलडीह, धैया, पांडरपाला, मटकुरिया, मनईटांड़ व भूदा में नये जलमीनार बनेंगे. इन साताें जगह पर नया जलमीनार का निर्माण करने के लिए विभाग द्वारा प्रारंभिक योजना तैयार की गयी है. जलमीनार जमीन चिह्नित कर ली गयी है.

अभी शहर में है 19 जलमीनार

धनबाद शहर में वर्तमान में स्टीलगेट, पुलिस लाइन, मेमकाे, भूली, पाॅलिटेक्निक, गाेल्फ ग्राउंड, पीएमसीएच, हिल काॅलाेनी, हीरापुर, चिरागाेड़ा, भूदा, बरमसिया, मनईटांड़, पुराना बाजार, धनसार, धाेबाटांड़, गांधी नगर, मटकुरिया व वासेपुर में कुल 19 जलमीनार हैं. नये जलमीनाराें के निर्माण के बाद इनकी संख्या बढ़कर 26 हाे जायेगी.

इलाका बड़ा व पानी की सप्लाई कम होने के कारण पड़ी जरूरत

बता दें कि स्टीलगेट जलमीनार से जुड़ा इलाका बड़ा है. स्टीलगेट से लेकर कुसुम विहार, कोलाकुसमा, नूतनडीह, सेंट्रल हॉस्पिटल के आस-पास, गोल बिल्डिंग तक के इलाकों में इस जलमीनार से जलापूर्ति होती है. जलमीनार की क्षमता कम होने के कारण पूर्व में कई घरों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता था. इस समस्या से निबटने के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग ने इस जलमीनार संबंधित इलाकों में पानी की राशनिंग शुरू की है.

पांडरपाला में 36 घंटे बाद शुरू हुई बिजली आपूर्ति

बुधवार को शहर में शुरू हुई बारिश में पांडरपाला इलाके में विशाल पेड़ के बिजली के 11 केवीए तार पर गिर जाने से बाधित हुई बिजली आपूर्ति गुरुवार को 36 घंटे के बाद बहाल हुई. बुधवार को बारिश शुरू होने के साथ दिन के 10 बजे पांडरपाला में विशाल पेड़ गिर गया. इसकी चपेट में आकर बिजली के पोल और तार क्षतिग्रस्त हो गये. नगर निगम के सहयोग से जेबीवीएनएल ने पहले पेड़ को हटाने का कार्य शुरू किया. इसके बाद क्षतिग्रस्त बिजली के पोल और तारों को दुरुस्त करने के बाद गुरुवार की रात लगभग 11 बजे पांडरपाला इलाके में बिजली आपूर्ति शुरू की गयी. इधर, बुधवार को बारिश के कारण शहर के हाउसिंग कॉलोनी, झारूडीह, चीरागोड़ा, सरायढेला आदि जगहों पर ट्रांसफाॅर्मर में खराबी आ गयी थी. इन इलाकों में नए ट्रांसफाॅर्मरों को इंस्टॉल कर गुरुवार देर रात तक बिजली आपूर्ति बहाल की गयी.

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