ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-137 स्थित पारस टियेरा सोसाइटी में लिफ्ट का तार टूटने से सीधे 24वीं मंजिल से दो से तीन फ्लोर नीचे आकर रुकी. इस दौरान लिफ्ट में मौजूद बुजुर्ग महिला को पैनिक अटैक आया और वो बेहोश हो गईं. जानकारी मिलने के बाद आनन फानन में लिफ्ट को खोलकर महिला को बाहर निकाला गया. जिसके बाद महिला को नजदीक के फैलिक्स अस्पताल में लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
दरअसल, गुरुवार की शाम 50 मिनट तक लिफ्ट में फंसी सुशीला देवी (70) की 24वीं मंजिल से गिरने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग काफी देर तक लिफ्ट में फंसी रहीं और उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका तो वह बेहोश हो गईं. इसी दौरान लिफ्ट नीचे गिर गई. घटना के बाद निवासियों का आक्रोश फूट पड़ा. निवासियों ने एओए अध्यक्ष रमेश गौतम को घेरकर मौके पर इस्तीफे की मांग की. आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया, लेकिन पुलिस का कहना है कि समझा बुझाकर लोगों को हटाया गया. मृतका के बेटे की शिकायत पर पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.
#WATCH | Uttar Pradesh: A woman died after a lift collapsed at a society in sector 137 in Noida
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 3, 2023
DCP (Central Noida) Anil Kumar Yadav says, "Information was received that a woman got injured after a lift collapsed in a society. Police reached the hospital and found that the woman… pic.twitter.com/kKF69Ctm0o
निवासियों ने बताया कि सुशील बेटे और बहू के साथ सोसाइटी की 24वीं मंजिल पर रहती थीं. वह शाम को अकेली नीचे आने के लिए लिफ्ट में गईं. लिफ्ट 23वीं मंजिल पर आकर अटक गई. उन्होंने शोर मचाया लेकिन किसी ने आवाज नहीं सुनी. कुछ देर बाद वह बेहोश हो गई. लगभग 50 मिनट बाद लिफ्ट का तार टूट गया. इससे लिफ्ट 23वीं मंजिल से नीचे आ गिरी. इसके बाद सुशीला को निजी अस्पताल ले जाया गया. यहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. करीब सवा सात बजे पुलिस को हादसे की सूचना मिली. इसके बाद निवासी सोसाइटी में एकत्रित होकर हंगामा करने लगे.
निवासियों ने एओए अध्यक्ष को घेरकर बैठा लिया और मौके पर ही इस्तीफा देने की मांग करने लगे. निवासियों का कहना था कि समस्त कार्यकारिणी मौके पर आए और इस्तीफा दे. काफी देर तक निवासियों ने एओए अध्यक्ष को नहीं छोड़ा. इस पर पुलिस एओए अध्यक्ष को अपने साथ ले जाने लगी, तब भी निवासियों ने इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध किया. निवासियों ने इस दौरान पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की. निवासियों का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने लाठी-चार्ज किया, हालांकि पुलिस ने लाठी-चार्ज के आरोप को निराधार बताया है.
निवासियों का कहना है कि तीन दिन पहले सोसाइटी की सुरक्षा व मेंटेनेंस का काम देखने वाली एजेंसी को बदला गया था. इसका भी निवासियों ने विरोध किया था. आरोप है कि जिस नई एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह मानकों पर खरा नहीं उतरती. इसकी वजह से घटना हुई है.