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गाजियाबाद में विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण, पादरी और उसकी पत्नी पुलिस की गिरफ्त में, कई मामले आ चुके हैं सामने

धर्मांतरण करने वालों का पूरा ख्याल रखा जाता था. उनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की जाती थी. इसी दौरान इन लोगों का ब्रेनवॉश किया जाता था. उन्हें आर्थिक मदद करने का लालच दिया जाता था. जब लोग धर्म परिवर्तन के लिये तैयार हो जाते थे तो उन्हें होली वाटर पिलाया जाता था.

लखनऊ: यूपी में धर्मांतरण का खेल लगातार जारी हैं. गाजियाबाद में गेमिंग एप से बच्चे के धर्म परिवर्तन को खुलासा हो चुका है. अब वहां विदेशी फंडिंग से गरीबों का धर्म परिवर्तन करने वाले पादरी दंपति पकड़े गये हैं. उनको अमेरिका के पीट्सबर्ग से फंडिंग हो रही थी. फंडिंग के लिये दंपति ने एफसीएनआर खाते खुलवाये थे.

100 से अधिक लोगों को ईसाई बनाया

गाजियाबाद पुलिस ने लगभग तीन महीने पहले एक पादरी महेंद्र को धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा था. पादरी पर आरोप था कि उसने पत्नी के साथ मिलकर 100 से अधिक लोगों को ईसाई धर्म अपनाने पर मजबूर किया था. पुलिस ने जब महेंद्र को गिरफ्तार किया था. उस समय पत्नी सीमा फरार हो गयी थी. पूछताछ में पता चला था कि दोनों पति-पत्नी मिलकर हनी ट्रैप में युवाओं को फंसाते थे और धर्म परिवर्तन के लिये विवश करते थे. इस ग्रुप में कई महिलाएं भी शामिल थी.

एक युवक ने दर्ज करायी थी रिपोर्ट

गाजियाबाद के मोदीनगर के शाहजहांपुर गांव निवासी आशीष ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों पर ईसाई बनने का दबाव डाला जा रहा है. इसके पीछे एक पादरी भी शामिल है. इसके बाद ही पुलिस ने हापुड़ के पादरी महेंद्र को गिरफ्तार किया था. गाजियाबाद पुलिस ने 29 जुलाई को पादरी महेंद्र की पत्नी सीमा को भी हापुड़ से गिरफ्तार किया तो एक के बाद एक नये खुलासे होने लगे.

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पादरी की पत्नी व बहनों का भी धर्म परिवर्तन

पुलिस के अनुसार सीमा और पादरी महेंद्र की शादी 2011 में हुई थी. सीमा ने शादी के कुछ साल बाद ही धर्म परिवर्तन करा लिया था. सीमा मूल रूप से महाराष्ट्र के गोंदिया के रामधतोरा गांव की रहने वाली है. सीमा के परिवार के लोग ईसाई धर्म की विचारधारा से प्रभावित थे. इसलिए उन्होंने धर्मांतरण का विरोध नहीं किया. जबकि सीमा के जाति प्रमाण पत्र में उसका धर्म हिंदू और जाति जाटव लिखी है. लेकिन उसने पूछताछ में धर्मांतरण की बात कबूल की है.

40 लाख रुपये आए बैंक खातों में

पुलिस की मानें तो सीमा के दो बैंक खाते हैं. इनमें भी विदेशी फंडिंग हुई है और जांच में लाखों रुपये का लेनदेन की जानकारी मिली है. सीमा हापुड़ में अपने संपर्क की महिलाओं को आसपास के इलाकों में भेजकर धर्मांतरण के लिए लोगों को प्रेरित कराती थी. इन महिलाओं का भी धर्मांतरण कराया जा चुका है. यह भी आरोप हैं कि सीमा ने युवतियों के माध्यम से लोगों को हनी ट्रैप में फंसाया और फिर उन्हें ईसाई धर्म में शामिल करा दिया. जांच में यह भी पता चला है कि महेंद्र और सीमा के दो बच्चे हैं. इनमें एक दस और दूसरा आठ साल का है.

महेंद्र ने विदेश में सीखा धर्म परिवर्तन कराना

सीमा ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि महेंद्र कई बार विदेश गया है. वहीं से उसने धर्म परिवर्तन कराने का तरीका सीखा. बाइबल पढ़ता है. साथ ही ईसाई धर्म के रीति-रिवाज की उसे अच्छी जानकारी है. इसीलिये उसे उसे पादरी की उपाधि दी गई है. वह धर्मांतरण कराने के खेल में विदेश जाने के बाद ही शामिल हुआ.

आर्थिक मदद का लालच

सीमा ने यह भी बताया की धर्मांतरण करने वालों का पूरा ख्याल रखा जाता है. उनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की जाती है. इसी दौरान इन लोगों का ब्रेनवॉश किया जाता है. उन्हें आर्थिक मदद करने का लालच दिया जाता है. जब लोग धर्म परिवर्तन के लिये तैयार हो जाते हैं तो उन्हें होली वाटर पिलाया जाता है. साथ ही मीट भी खिलाया जाता है. फिर इन लोगों को भी धर्मांतरण कराने के खेल में शामिल कर लिया जाता है. पादरी महेंद्र की महेंद्र की दो बहनों ने भी ईसाई धर्म अपनाया हुआ है.

विदेशी फंडिंग का हुआ खुलासा

महेंद्र और सीमा को धर्मांतरण कराने के लिये विदेश से फंडिंग होती थी. सीमा के नाम से दो खाते, एक बैंक खाता ट्रस्ट के नाम का पता चला है. इसके अलावा महेंद्र की बहनों के खाते में भी फंडिंग का पैसा आता था. पुलिस या अन्य एजेंसी की नजर में ना आ जाएं, इसलिए खातों को हर दो साल में बंद कर दिया जाता था. यह भी पता चला है कि दोनों ने बैंक में एफसीएनआर खाते खुलवाये थे. इसमें विदेशी मुद्रा सीधे ट्रांसफर हो जाती है.

यह खाते विदेश से व्यापार करने वाले या विदेश में रहने वाले खुलवाते हैं. इन खातों में ही दो साल में लाख रुपये ट्रांसफर किये गये हैं. शुरुआत में पुलिस यह नहीं पता लगा पायी थी कि आरोपियों के खाते में किस स्रोत से विदेश मुद्रा में फंड आया. लेकिन अब पता चला है कि जिन खातों से पादरी महेंद्र के खाते में फंडिंग हुई है, वे खाते यूएस के पेंसिल्वेनिया स्थित पिट्सबर्ग में हैं. अब गाजियाबाद पुलिस इंटरपोल से इस मामले में संपर्क करेगी.

पहले आर्थिक मदद फिर धर्मांतरण

पादरी महेंद्र और सीमा पहले लोगों की आर्थिक मदद देते थे और फिर उसे झांसा देकर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाने थे. साथ ही आगे भी आर्थिक मदद का भरोसा दिलाते थे. चूंकि महेंद्र को विदेश से हर महीने एक लाख रुपये मदद मिलती थी, इसलिये उसे दूसरों को भी रुपये देने में दिक्कत नहीं होती थी.

पांच बैंक खाते ट्रेस किये गये

गाजियाबाद पुलिस ने अपादरी महेंद्र, उसकी पत्नी, बहनों और ट्रस्ट के पांच बैंक खाते ट्रेस किए हैं. सितंबर 2019 से अब तक इन पांचों बैंक खातों में अमेरिका से करीब 30 लाख रुपया आया है. इन खातों में पंजाब सहित कई राज्यों से भी लगातार पैसा आ रहा था. महेंद्र की पत्नी सीमा के बैंक खाते में भी अमेरिका से करीब 10 लाख रुपए अब तक आ चुके हैं. अमेरिका से ये पैसा स्कम हार्वेस्ट बर्ड नामक संस्था ने भेजा है. पुलिस अब इन खातों के आधार पर पूरे मामले का खुलासा करेगी. लगभग 50 बैंक खातों की पुलिस जांच कर रही है.

ऐसे हुआ खुलासा

गाजियाबाद के मोदीनगर के गांव शाहजहांपुर निवासी आशीष ने 23 जुलाई रोहित और उसकी मां कुसुम पर धर्मांतरण कराने की एफआईआर दर्ज करायी थी. पुलिस ने इस मामले में 26 जुलाई को पादरी महेंद्र को हापुड़ के पीरनगर सूदना से गिरफ्तार किया था. पादरी की गिरफ्तारी के बाद ही पता चला था कि वह पत्नी सीमा के साथ मिलकर बैथहलम गोस्पल नामक ट्रस्ट चलाते हैं. इसी ट्रस्ट की आड़ में वे गरीब हिंदुओं की आर्थिक मदद करते हैं. उन्हें प्रार्थना के नाम पर इकट्ठा करते हैं और फिर धीरे-धीरे ईसाई धर्म ग्रहण करा देते हैं.

केस-1: ब्यूटी पार्लर से धर्मांतरण का भी हुआ था खुलासा

इससे पहले भी 16 मई को गाजियाबाद में धर्मांतरण कराने के प्रयास का मामला सामने आया था. वहां के खोड़ा क्षेत्र के मधु विहार कालोनी में ब्यूटी पार्लर आई महिला को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की गई, पुलिस ने इस मामले में एक पादरी और उसकी पत्नी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. मधु विहार कॉलोनी निवासी भाजपा कार्यकर्ता सुनीता अरोड़ा की शिकायत पर पुलिस ने पादरी इब्राहिम थॉमस, उनकी पत्नी रीवा और ब्यूटी पार्लर संचालक बबिता को गिरफ्तार किया था.

सुनीता ने पुलिस को बताया था कि उनकी पड़ोसी बबिता ने उन्हें केरल के मूल निवासी इब्राहिम थॉमस से मिलवाया था. कलवरी चर्च में पादरी है. थॉमस अपनी पत्नी रीवा की मदद से धर्मांतरण के लिए हिंदुओं और अन्य धर्मों के लोगों के लिए धार्मिक सत्रों का आयोजन करते हैं. पार्लर में बुलाकर उनका भी धर्मांतरण कराने का प्रयास किया गया. पुलिस ने थॉमस, रीवा और बबीता को उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है.

केस-2:  ऑनलाइन गेमिंग एप से नाबालिग का धर्म परिवर्तन

गाजियाबाद में ही जून माह में ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिये धर्मांतरण का मामला सामने आया था. इस मामले में गाजियाबाद के कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. जब इस केस का खुलासा हुआ तो पता चला कि जैन समाज के एक नाबालिग बच्चे और एक हिंदू लड़के को ऑनलाइन गेमिंग के जरिये इस्लाम धर्म में कनवर्ट करा दिया गया था. यह बच्चे घर वालों से झूठ बोलकर नमाज भी पढ़ने जाते थे. इस मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी. इसमें एक गाजियाबाद की मस्जिद का मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नती था और दूसरा मुंबई निवासी शहनवाज मकसूद खान उर्फ बद्दो था.

जांच में पता चला था कि कुछ मुस्लिम लड़के ऑनलाइन गेम फॉर नाइट गेम एप के जरिये बच्चों से जुड़े थे. गेम हारने पर वह जाकिर नाईक की आयतें पढ़वाते थे. इसके बाद वह लड़के गेम जीत जाते थे, जिससे उनको लगता था कि आयतें पढ़ने के कारण ही वह गेम जीतते हैं. अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी दो साल पहले इन लड़कों से मिला था. ऑनलाइन गेम के प्रति जुनून देखकर ही उन्हें इसी के सहारे इस्लाम के बारे में जानकारी दी गयी. ये सभी डिस्कॉर्ड एप से चैट करते थे. जिसमें लड़कों का ब्रेनवॉश किया जाता था.

केस-3: फतेहपुर में सामूहिक धर्मांतरण का मामला आया था सामने

यूपी के फतेहपुर में मई में सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आया था. इसमें प्रयागराज की सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (SHUATS) पर धर्मांतरण के आरोप लगे थे. यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इनमें दावा किया गया है कि शुआट्स को दुनिया के कई देशों से मिली 34.5 करोड़ की धनराशि का इस्तेमाल अवैध तरीके से धर्मांतरण के लिए किया गया.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुआट्स के निदेशक विनोद बिहारी लाल, उसके भाई कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है. वहीं पुलिस ने सभी को किसी भी राहत दिए जाने का विरोध किया है. यूपी पुलिस ने कोर्ट में कहा कि ये सभी लोग समाज में आर्थिक रूप से उपेक्षित लोगों को प्रलोभन के जरिये या जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित कराने में शामिल हैं. हलफनामे के मुताबिक शुआट्स को जो 34.5 करोड़ रुपये मिले हैं, उनके स्रोत इराक, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा, जापान, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका आदि देशों से पाए गए हैं.

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