बुनियादी ढांचे का विकास: बदलते दौर में, संताल परगना ने विकास के कई बड़े परिवर्तन देखे हैं. ऐतिहासिक रूप से संताल परगना की अर्थव्यवस्था केवल कृषि पर निर्भर रही है. लेकिन, विकास के साथ, क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में विविधीकरण का भाव आया है. कृषि के अलावा विद्युत उत्पादन, खनन और विनिर्माण जैसे उद्योग भी महत्वपूर्ण हुए हैं, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले हैं और क्षेत्र के लोगों को रोजगार का मौका प्रदान कर रहे हैं.
देवघर में हवाई अड्डे और एम्स के शुरुआत होने से, देवघर के अलावा पूरे संताल में व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है. आज के संताल का विकास औद्योगिक विकास की शक्ति पर हो रहा है, यही आज के संताल का आधारस्तंभ है. गोड्डा में अदाणी पावर प्लांट के स्थापना से क्षेत्र के विकास को तेजी मिली है, जो निवेशों को आकर्षित कर रहा है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है. रेल नेटवर्क का विस्तार, सड़क का निर्माण और व्यापारिक संस्थानों द्वारा गोड्डा में निवेश ने आर्थिक विकास के नए रास्ते खोल दिए हैं.
साहिबगंज के बंदरगाहों से भी संताल परगना के विकास के दरवाजे खुले हैं. साहिबगंज का बंदरगाह गंगा नदी पर वाराणसी से हल्दिया तक 1390 किमी लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का महत्वपूर्ण पड़ाव है. साहिबगंज में चार मिनी पोर्ट पर काम चल रहा है. जैसे ही पोर्ट तैयार होगा, झारखंड जलमार्ग के माध्यम से सीधे देश के 10 राज्यों से जुड़ जायेगा. इससे संताल परगना के साथ ही झारखंड का भी विकास बड़े पैमाने पर होगा.
पर्यटन में निवेश और रोजगार की संभावना: संथाल परगना के विकास में औद्योगिक विकास के योगदान के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र के विकास का भी विशेष महत्व है. यहां की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य, प्राचीन संस्कृति और जनजातीय विरासत दिलों को छू जाती है. प्राकृतिक सौंदर्य और आस्था स्थल के रूप में बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर हवाई मार्ग के जुड़ने के बाद अब एक विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल के रूप में लोगों के ध्यान को आकर्षित कर रहा है.
दुमका के मलुटी और साहिबगंज के फॉसिल्स पार्क संताल परगना के प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट हैं. पर्यटन के लिए जरूरी आधारभूत संरचना के साथ साथ होटल उद्योग को मजबूती देने से विदेशी पर्यटक और अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, इससे स्थानीय व्यापारियों, होटलों, रेस्तरां, और गाइडों को तो लाभ होगा ही स्थानीय आबादी को रोजगार का अवसर भी मिलेगा. रोजगार के अवसर न केवल नौजवानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है, बल्कि समाज को भी सही दिशा में ले जाने में सहायक होते हैं.
शिक्षा और स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका: विकास की राह में, शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. संताल परगना में शिक्षा की उपलब्धता और सुविधा को बढ़ावा देने के लिए कई पहल शुरू की गई हैं. नए केन्द्रीय विद्यालयों की स्थापना के अलावा नए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की शुरूआत कर नौजवानों को शिक्षित बनाने के लिए विशेष योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जो उन्हें उच्चतर शिक्षा और रोजगार के लिए तैयार कर रहे हैं. शिक्षा के माध्यम से संताल परगना के नौजवानों को विभिन्न क्षेत्रों में सक्षम बनाया जा रहा है.
संताल परगना में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में भी कई योजनाएं चलायी गयी हैं. स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने, वैज्ञानिक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने, और सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी शिक्षा की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. शिक्षा के माध्यम से समृद्धि की राह में संताल परगना के लोगों को सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे आने वाले समय में भी अपने क्षेत्र की विकास और उन्नति में योगदान दे सकें.
समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक धरोहर: संताल परगना की उभरती हुई समृद्धि का भी संपादन विकास के साथ जुड़ा है. पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की धरोहर को संरक्षित करने के लिए समुदाय के साथ काम करने वाली योजनाएं शुरू की गयी हैं. इको-फ्रेंडली नीतियों के प्रसार, वृक्षारोपण अभियान, और नवीनतम ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए गए हैं, जो समृद्धि के साथ साथ वातावरण की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लिए जा रहे ये कदम संताल परगना की समृद्धि को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
संताल परगना अपनी विविध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, जो प्रकृति और मानव जीवन के बीच समानता को प्रतिबिंबित करती है. इस क्षेत्र के लोकगीत, संगीत और नृत्य में प्रकृति और मानवीय जीवन के बीच सामंजस्य दिखता है. संताल परगना को सशक्त बनाने के लिए स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना होगा. सरकारी और गैर-सरकारी संगठन को प्रतिबद्ध होकर सक्रिय रूप से काम करना होगा ताकि आदिवासी जनजातियों के सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सके. कौशल विकास कार्यक्रम, शिक्षा सुधार, और स्वास्थ्य सुविधाएं जैसी कल्याणकारी योजनाएं स्थानीय लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं.
संताल परगना की विकास यात्रा इसके समृद्ध संसाधन, प्राकृतिक सौंदर्य, औद्योगिक विकास और पर्यटन की संभावनाओं का मिला जुला परिणाम है. विकास की यह यात्रा निरंतर जारी है, संताल परगना के सभी लोगों को साथ आकर विकास की इस यात्रा का हिस्सा बनने की जरूरत है जो इस क्षेत्र को और सशक्त और समृद्ध बनाएगा.
संताल परगना, झारखंड के पूर्वी हिस्से में स्थित है, जहां प्रमुखतया संताल समुदाय के लोग बसते हैं. इस प्रमंडल में गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़, और साहिबगंज जिले शामिल हैं. यह क्षेत्र सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधनों से भरा है. इतिहास में इस क्षेत्र ने विकासात्मक परिवर्तनों की गवाही दी है. देवघर में एम्स की स्थापना और हवाई अड्डे के निर्माण के अलावा अनेक औद्योगिक इकाइयों का निर्माण, गोड्डा में अदाणी पावर प्लांट की स्थापना,
साहिबगंज में बंदरगाह निर्माण कर जलमार्ग का संचालन आदि संताल परगना की उन्नति और विकास के उदाहरण है. आइये विकास के आयामों को समझते हुए संताल परगना की उन विशेषताओं को समझते हैं जो पूरे क्षेत्र को विकास की ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं. यह क्षेत्र ऐतिहासिक समय से ही पत्थर व्यापार के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन आज औद्योगिक विकास के दम पर संथाल परगना विकास की उंचाई की ओर अग्रसर है. काला सोना कहा जाने वाला कोयले का अकूत भंडार अपने गर्भ में समेटे संताल परगना कोयला-आधारित उद्योग के क्षेत्र में रेवोल्यूशनरी विकास की संभावनाएं प्रस्तुत करता है.