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झारखंड : ‘बैक टू स्कूल’ कैंपन का नहीं दिख रहा असर, हर दिन 15 लाख बच्चे अनुपस्थित, इन जिलों की स्थिति सबसे खराब

झारखंड के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के बजाय कम होती जा रही है. हालत यह है कि राज्य के विद्यालयों में प्रतिदिन 15 लाख से अधिक बच्चे अनुपस्थित रहते हैं.

शिक्षा विभाग के प्रयास के बावजूद राज्य के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के बजाय कम होती जा रही है. हालत यह है कि राज्य के विद्यालयों में प्रतिदिन 15 लाख से अधिक बच्चे अनुपस्थित रहते हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से जिलों को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार, पिछली एक तिमाही में स्कूलों नहीं आनेवाले बच्चों की संख्या में 1,90,027 की बढ़ोतरी हुई है.

शिक्षा विभाग के प्रयास के बावजूद राज्य के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के बजाय कम होती जा रही है. हालत यह है कि राज्य के विद्यालयों में प्रतिदिन 15 लाख से अधिक बच्चे अनुपस्थित रहते हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से जिलों को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार, पिछली एक तिमाही में स्कूलों नहीं आनेवाले बच्चों की संख्या में 1,90,027 की बढ़ोतरी हुई है.

प्रतिदिन 15,24,565 बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं. वहीं, वर्ष 2022-23 में कुल नामांकित 43,98,283 बच्चों में से 29,95,093 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय आते थे. पिछले वर्ष तक विद्यालय नहीं आनेवाले बच्चों की संख्या 14,03,190 थी.

सबसे अधिक पाकुड़ में 48% बच्चे रहते हैं अनुपस्थित

सिमडेगा में 76% बच्चों की उपस्थिति

झारखंड उन राज्यों में शामिल, जहां कम आ रहे बच्चे

केंद्र सरकार द्वारा देश भर के राज्यों में स्कूलों में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या पर रिपोर्ट जारी की गयी थी. इसमें विद्यालयों में नामांकन व उपस्थिति की जानकारी दी गयी थी. देश भर के राज्यों में नामांकन की तुलना में बच्चों की उपस्थिति में झारखंड देश के पांच सबसे कम उपस्थिति वाले राज्य में शामिल था. केंद्र सरकार ने विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया था. झारखंड के अलावा इस सूची में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार व मध्य प्रदेश भी शामिल हैं.

पांच जिलों में उपस्थिति 60% से कम :

राज्य के पांच जिलों में पिछले तीन माह में बच्चों की दैनिक उपस्थिति 60 फीसदी से कम रही है. इसमें गढ़वा, जामताड़ा, पाकुड़ देवघर व धनबाद शामिल हैं. इसके अलावा लातेहार में बच्चों की उपस्थिति 60 फीसदी रही.

सिमडेगा में सबसे अधिक, पाकुड़ में सबसे कम :

राज्य में जिलावार बच्चों की उपस्थिति सिमडेगा में सबसे अधिक हैं. सिमडेगा में सबसे अधिक 76% उपस्थिति रही. सिमडेगा में भी पिछले तीन माह में बच्चों की उपस्थिति में 3% की कमी आयी है. वहीं पाकुड़ में बच्चों की उपस्थिति सबसे कम रही. पाकुड़ में बच्चों की दैनिक उपस्थिति 52% रही. जिला में स्कूल नहीं आनेवाले बच्चों की संख्या 8% बढ़ी है.

जिलावार स्कूल आनेवाले बच्चे

आंकड़े प्रतिशत में

सिमडेगा 76

गुमला 74

चतरा 73

दुमका 71

हजारीबाग 70

लोहरदगा 70

पू सिंहभूम 69

खूंटी 69

पलामू 69

कोडरमा 67

रामगढ़ 67

रांची 67

बोकारो 66

गोड्डा 66

सरायकेला 65

प सिंहभूम 65

गिरिडीह 62

लातेहार 60

साहिबगंज 60

गढ़वा 59

देवघर 59

धनबाद 57

जामताड़ा 57

पाकुड़ 52

यहां 60% से कम उपस्थिति

आंकड़े प्रतिशत में

बेरमो 58

देवघर 58

देवीपुर 59

मारगो मुंडा 57

भवनाथपुर 56

बिशुनपुर 55

धुरकी 49

गढ़वा 55

कांडी 56

मझगांव 58

रंका 58

सगमा 58

बेंगाबाद 59

गिरिडीह 50

जामताड़ा 57

करमाटाड़ 51

बरवाडीह 49

अमरापाड़ा 50

महेशपुर 55

पाकुड 46

पाकुडिया 55

पांडु 58

बरहड़वा 59

राजमहल 58

उधवा 58

कुचाइ 54

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