Independence Day 2023: 15 अगस्त 2023 को आजादी के 76 साल पूरे होने वाले हैं. हर भारतीय का दिल देशभक्ति से सराबोर है. इस दिन देश की आजादी को सेलीब्रेट करने कई लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं. ऐसे में आपको हम बताने वाले हैं लाल किले के बारे में जहां इस दिन देशभक्ति का जज्बा लोगों में देखने को मिलता है. दिल्ली का लाल किला (Red Fort) वह जगह है, जहां हर साल 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं. यहां आजादी का फुल जश्न होता है. स्वतंत्रता दिवस के कुछ दिन पहले से ही यहां तैयारियां शुरू हो जाती हैं. अगर आप भी यहां आना चाहते हैं तो इस स्वतंत्रता दिवस प्लान बना सकते हैं.
लाल किले का इतिहास
लाल किला 1648 में पांचवें मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया था, जब उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला किया. दिल्ली के लाल किला का स्थापत्य दरअसल आगरा के लाल किले से प्रेरित है जिसे शाहजहाँ के दादा अकबर ने बनवाया था.
49.1815 हेक्टेयर (256 एकड़) में फैले दिल्ली के लाल किला परिसर में बगले का पुराना किला सलीमगढ़ भी शामिल है, जिसे इस्लाम शाह सूरी ने 1546 में बनवाया था. इस विशाल दीवार वाली संरचना को पूरा होने में लगभग एक दशक (10 साल) का समय लगा था. शाहजहाँ के दरबार के उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने 1638 में निर्माण शुरू किया और 1648 में इसको पूरा किया.
यमुना नदी के तट पर निर्मित, जिसका पानी किले के चारों ओर की खाई में जाता था, अष्टकोणीय आकार का लाल किला अंग्रेजों के सत्ता में आने से पहले लगभग 200 वर्षों तक मुगल साम्राज्य की गद्दी बना रहा.
लाल किला वास्तुकला (आर्किटेक्चर)
दिल्ली का लाल किला मुगल वास्तुकला की प्रतिभा को दर्शाता है, जो विभिन्न स्थानीय निर्माण की परंपराओं जैसे फारसी और हिंदू वास्तुकला के साथ मिश्रित है. लाल किला ने इसके बाद बने दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्मारकों की वास्तुकला को प्रभावित किया है.
75 फीट ऊंची लाल बलुआ पत्थर (रेड सैंडस्टोन) की दीवारों से घिरे लाल किला के ग्राउंड में महल, शाही रानियों के निजी कक्ष, मनोरंजन हॉल, शाही भोजन एरिया, प्रोजेक्टिंग बालकनियाँ, स्नानागार, इनडोर नहरें (नाहर-ए-बिहिष्ट या स्वर्ग की धारा), बाग और एक मस्जिद भी है. परिसर के भीतर सबसे प्रमुख संरचनाओं में दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास शामिल हैं, जो मुगल युग की अधिकतर इमारतों में पाई जाने वाली एक विशेषता है.
दिल्ली का लाल किला: एक विश्व धरोहर स्थल
लाल किला को 2007 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था. इसे प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1959, के तहत राष्ट्रीय महत्व का स्मारक भी घोषित किया गया है और इसका प्रबंधन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है.
लाल किला में अब संग्रहालय हैं जो विभिन्न प्रकार की ऐतिहासिक कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हैं. इनमें सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय, 1857 का संग्रहालय, याद-ए-जलियां, दृश्यकला और आजादी के दीवाने शामिल हैं.
दिल्ली का लाल किला के बारे में मुख्य तथ्य
स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना: भारत के प्रधानमंत्री हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं. 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद से यह परंपरा चल रही है.
असली नाम
इमारत का असली नाम किला-ए-मुबारक था. अंग्रेजों ने इसकी विशाल लाल बलुआ पत्थर की दीवारों के कारण इसका नाम रेड फोर्ट रख दिया, जबकि स्थानीय लोगों ने उसका अनुवाद लाल किला किया.
असली रंग
चूंकि दिल्ली में लाल बलुआ पत्थर की पर्याप्त आपूर्ति नहीं थी, इसलिए लाल किला मूल रूप से चूना पत्थर से बना था. समय के साथ, बाद में इसे अंग्रेजों द्वारा लाल रंग से रंगा गया था.
अंतिम मुगल का मुकदमा स्थल
अंग्रेजों ने अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर पर राजद्रोह के आरोप में लाल किला में मुकदमा चलाया, जिसके बाद उन्हें रंगून (अब म्यांमार) भेज दिया गया.
लाल किला लाइट एंड साउंड शो
लाल किला 60 मिनट के लाइट एंड साउंड शो की मेजबानी करता है, जो आगंतुकों को स्मारक के इतिहास के बारे में बताता है. आप शो ऑनलाइन बुक कर सकते हैं या किले के बूथों से टिकट खरीद सकते हैं. हालांकि सीजन के अनुसार समय अलग-अलग हो सकता है, यह शो हिंदी में शाम 7:30 से 8:30 बजे के बीच और अंग्रेजी में रात 9:00 बजे से 10:00 बजे के बीच होता है.
दिल्ली लाल किला का समय
घूमने का समय: 7:00 पूर्वाह्न – 5:30 अपराह्न
घूमने के लिए खुला होने के दिन: मंगलवार से रविवार
साप्ताहिक अवकाश: सोमवार
पूरा घूमने के लिए आवश्यक समय: 2-3 घंटे
प्रवेश शुल्क
15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई शुल्क नहीं; भारतीय नागरिकों, सार्क और बिम्सटेक देशों के नागरिकों के लिए 10 रुपये; विदेशी नागरिकों के लिए 250 रुपये.
जाने का सबसे अच्छा समय: नवंबर से फरवरी
निकटतम मेट्रो स्टेशन: लाल किला (वायलेट लाइन), चांदनी चौक (येलो लाइन)
लाल किला लाइट और साउंड शो टिकट: सप्ताह के दिन: वयस्कों के लिए 60 रुपये और बच्चों के लिए 20 रुपये; सप्ताहांत और सार्वजनिक अवकाश: वयस्कों के लिए 80 रुपये और बच्चों के लिए 30 रुपये.