Digital Personal Data Protection Bill 2023 : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार उम्मीद करती है कि विपक्ष संसद में सभी विधेयकों पर चर्चा में भाग लेगा. बता दें कि सरकार सोमवार (7 अगस्त) को लोकसभा में चार विधेयकों को पारित करने की कोशिश करेगी, जिसमें डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2023 भी शामिल है. उन्होंने कहा कि सरकार मणिपुर सहित सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. बता दें कि मोदी सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक पेश किया है. उन्होंने कहा, विधेयक काफी विचार-विमर्श के बाद तैयार हुआ है. मुझे उम्मीद है कि विपक्ष विधेयक को पारित करने वाली प्रक्रिया का हिस्सा बनेगा. हमें इस पर बहस करनी चाहिए और फिर विधेयक को पारित किया जाना चाहिए. सिर्फ इसी विधेयक की बात नहीं है, किसी भी विधेयक के दौरान संसद में व्यवधान नहीं किया जाना चाहिए. हर मुद्दे पर सरकार चर्चा को तैयार है. चाहे वह मणिपुर हो, डीपीडीपी हो या सहकारिता विधेयक हो.
सरकार सोमवार (7 अगस्त) को लोकसभा में चार विधेयकों को पारित करने की कोशिश करेगी, जिसमें डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 भी शामिल है, जिसका 3 अगस्त को पेश किये जाने का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया था. सरकार ने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पेश किया. विधेयक को और विचार-विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति को भेजे जाने की विपक्षी सदस्यों की मांग के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे सदन में पेश किया. उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कुछ सदस्यों की इस धारणा को खारिज कर दिया कि यह एक ‘धन विधेयक’ है. उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य विधेयक है.
चंद्रशेखर ने राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास के उन आरोपों का खंडन किया कि डीपीडीपी विधेयक को संसद में पेश करने से पहले संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के साथ साझा किया गया है. उन्होंने कहा, वह गलत थे. मैंने बहुत ही विनम्रता से उन्हें बताया है कि वह गलत सूचना देने और एक फर्जी धारणा बनाने की कोशिश कर रहे थे. विधेयक को कभी भी स्थायी समिति के पास नहीं भेजा गया. मंत्री ने कहा कि स्थायी समिति ने नागरिकों की गोपनीयता और डेटा संरक्षण के मुद्दे का स्वयं मूल्यांकन किया है, पहले के मसौदे को देखा है और टिप्पणी की है.
उन्होंने कहा, उन्हें ऐसा करने का अधिकार है. मुझे लगता है कि ब्रिटास ने इसे पिछले दरवाजे के रूप में चित्रित करने की कोशिश की है जिसके द्वारा समिति को पहले से विधेयक की एक प्रति मिल गई है और सदस्यों को नहीं मिली. मुझे लगता है कि यह एक गलत चित्रण है. ब्रिटास भी स्थायी समिति के सदस्य हैं. ब्रिटास ने समिति को भेजे अपने असहमति नोट में कहा कि मसौदा रिपोर्ट में डीपीडीपी विधेयक पर समिति की सिफारिशें शुरू से ही अमान्य हैं और नियमों के तहत प्रदत्त समिति की शक्तियों के दायरे से बाहर हैं. उन्होंने कहा, नियम स्थायी समिति को ऐसे किसी भी विधेयक का अध्ययन करने से रोकते हैं जिसे संसद में अभी पेश नहीं किया गया है.
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क्या है डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल ?
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 व्यक्तियों को उनके निजी डेटा की संरक्षा के अधिकार प्रदान करता है. इस विधेयक में अन्य बातों के साथ डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के संरक्षण तथा व्यक्तिगत डेटा का संवर्द्धन करने वाले निकायों पर साधारण और कुछ मामलों में विशेष बाध्यता लागू करने का उपबंध किया गया है. इसके माध्यम से प्रस्तावित विधान के उपबंधों का सरलता और तेजी से कार्यान्वयन करने के लिए डिजाइन द्वारा अनुपालन ढांचे की बात कही गई है. किसी विवाद के पक्षकारों को वैकल्पिक प्रक्रिया और उनकी पसंद के व्यक्ति के माध्यम से समाधान का प्रयास करने में समर्थ बनाने का उपबंध किया गया है. इसमें स्वैच्छिक वचनबंध द्वारा चूक के तीव्र समाधान और सुधार को बढ़ावा देने में समर्थन की बात कही गई है.