बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार का आयोजन किया. इसमें कई जिलों से अपनी शिकायत लेकर लोग सीएम के पास पहुंचे. इस दौरान सीएम ने 72 मामलों की सुनवाई की और सभी की समस्याओं का निपटारा करने के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, उर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग से जुड़ी शिकायतें सुनी. लोग विभिन्न तरह की समस्या लेकर पहुंचे. जिसमें सबसे अधिक मामले जमीन से जुड़े हुए थे.
सरकारी जमीन पर कब्जे की होगी तुरत जांच
सोमवार को जनता के दरबार में कई फरियादियों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत की. वैशाली से आये युवक ने मुख्यमंत्री को बताया कि सरकारी जमीन पर उसके गांव में कब्जा कर लिया गया है और रास्ता भी बंद कर दिया गया है. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरत राजस्व एवं भूमि सुधर विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी जमीन पर किसी ने कब्जा किया है, तुरत जांच कर कार्रवाई हो.
हाइवे निर्माण में चली गई जमीन, पर नहीं मिला मुआवजा
जनता दरबार में औरंगाबद से आए एक व्यक्ति ने सीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पैतृक जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है. वहीं जहानाबाद से आए एक फरियादी ने कहा कि हाइवे के निर्माण में उसका मकान और जमीन चली गई और उसे अब तक इसका मुआवजा भी नहीं मिला. उसके पास रहने के लिए घर तक नहीं है. भागलपुर से एक फरियादी ने बताया कि जब उसने जमीन खरीद ली तो उसके बास उसे बताया गया कि जमीन उसकी नहीं है. उसने सीएम को बताया कि जमाबंदी से उसका नाम हटा कर किसी और का चढ़ा दिया गया है और शिकायत करने पर भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सीएम ने इन सभी मामलों में अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
फर्जी कागजात पर बेच दी गई जमीन
सुपौल जिले से आए एक व्यक्ति ने गुहार लगाते हुए सीएम से कहा कि मेरी जमीन को किसी व्यक्ति ने फर्जी कागजात पर बेच दी है. वहीं सुपौल जिले से आयी एक महिला ने बताया कि मेरी जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है और मारपीट की जा रही है. जमीन से जुड़े एक अन्य मामले भागलपुर से आए बुजुर्ग ने कहा कि जमीन का फैसला उसके पक्ष में आने के बाद भी उसे भूमि पर कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने मामले में अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
सेना द्वारा दी गई जमीन पर नहीं मिला दखल
जनता दरबार में एक हैरान करने वाला मामला सीएम के गृह जिले नालंदा से भी आया. जहां फरियादी ने ने बताया कि एक ही जमीन की पांच जमाबंदी कर दी गई है. मोतिहारी से आए एक सेवनिवृत सैनिक ने बताया कि उसे सेना द्वारा जमीन दी गई थी. लेकिन न तो उसे अभी तक जमीन का दखल दिलाया गया है, न ही जमीन की बन्दोबस्ती हुई है. मधेपुरा से आए व्यक्ति ने कहा कि मेरी निजी जमीन पर मुझे अंचलाधिकारी द्वारा अनियमितता किए जाने की वजह से कब्जा नहीं मिल पा रहा है. सभी मामले में सीएम ने संबंधित विभागों को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
दबंगों ने जमीन पर कर लिया कब्जा, दे रहे जान से मारने की धमकी
बेगूसराय एवं सीतामढ़ी से आई महिलाओं ने सीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है और जबरन मकान का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. वहीं सीतामढ़ी जिले से आए एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि कब्रिस्तान की घेराबंदी नहीं की जा रही है. इसकी शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सीएम ने मामले में अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
जेल में रहने के बाद भी नहीं मिल रही जेपी सेनानी पेंशन
जनता दरबार में कैमूर जिले से आए एक युवक ने सीएम को बताया कि दबंगों द्वारा तालाब व पोखर के निर्माण के लिए दबंगों की भूमि पर कब्जा कर लिया गया है. इस संबंध में शिकायत किए जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सिवान से आए एक व्यक्ति ने कहा कि जेपी आंदोलन के दौरान सीवान, छपरा और बक्सर जेल में बंद रहने के बावजूद उसे जेपी सेनानी पेंशन नहीं मिली है.